रायगढ़। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा एक तरफ तो प्रदेश के
स्कूलों में शिक्षा गुणवत्ता की बात कही जा रही है तो वहीं दूसरी तरफ विशेष
रूप से रायगढ़ जिले को बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देकर चिन्हांकित करते
हुए
विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है मगर इसी जिले में शिक्षण व्यवस्था का हाल इस कदर बेहाल है कि शिक्षा विभाग द्वारा विषय शिक्षकों की सही सूची जिला पंचायत को उपलब्ध नही कराने के कारण अकेले बरमकेला ब्लाक में ऐसे लगभग 46 शिक्षक है जो आर्ट विषय के शिक्षक होकर गणित विज्ञान और अंगे्रजी पढ़ा रहे है ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता कहां से आयेगी यह चिंतनीय विषय है।
जिला पंचायत रायगढ़ में विगत दिवस हुए सामान्य सभा की बैठक के दौरान जिले के विभिन्न विकासखण्डों में विषय शिक्षकों की पदोन्नति तथा सीधी भर्ती को लेकर जमकर बवाल हुआ और जनप्रतिनिधियों ने पदोन्नति में देरी को लेकर विभागीय अधिकारियों से जवाब तलब भी किये। दरअसल जिले में अतिशेष में गये शिक्षकों में से वर्ग 3 से वर्ग 2 में पदोन्नति देनी है जो जिला पंचायत के माध्यम से होना है मगर सही नियुक्ति करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिला पंचायत को प्रत्येक क्षेत्रवार, स्कूलवार, विषय शिक्षकों की सही संख्या के साथ उचित जानकारी उपलब्ध नही कराने के कारण पदोन्नति का मामला अटक गया है और दोनों विभागों के बीच सामंजस्य नही बैठ पाने के कारण के कारण पात्र शिक्षक अपने अधिकार से वंचित हो रहे है जबकि इस संबंध में नियुक्ति को व्यवस्थित करने के लिए राज्य शासन से जिला पंचायत को करीब डेढ माह पूर्व 19 अक्टूबर को उक्त आदेश प्राप्त हो चुका है।
यह गड़बडी और लापरवाही कहीं न कहीं विभागों के बीच सामंजस्य की कमी और प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाता है जिसका खामियाजा आनन-फानन में पदस्थापना करने पर भविष्य में शिक्षाकर्मियों को ही भुगतना और भटकना पड़ सकता है। इसी सही सूची के अभाव में जिला पंचायत में आहूत बैठक का पदाधिकारी व सदस्य 2 बार बहिष्कार कर चुकें है तथा पिछले दिनों की बैठक में इस गलत सूची का अनुमोदन करने से मना कर चुके है। इसके बाद भी अब तक शिक्षा विभाग से जिला पंचायत को सही सूची उपलब्ध नही कराई जा सकी है जिसके परिणाम स्वरूप अकेले बरमकेला ब्लाक में 18 स्कूलों के लगभग 46 शिक्षक विकल्प के रूप में बच्चों को पढ़ा रहें है अर्थात आर्ट विषय का शिक्षक बच्चों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान पढ़ा रहा अगर जिले के सभी 9 विकासखंडो का आंकड़ा निकाला जाये तो यह संख्या कितनी आगे जा सकती है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
जहां तक इस मामले में जिले के पात्र शिक्षकों की संख्या पर नजर डाले तो अंगे्रजी विषय में 61 लोगों की पदोन्नति करनी है मगर इस विषय के लिए मात्र 31 पात्र लोगों के आवेदन आये है गणित विषय में 116 में से 51 पात्र लोगों को विज्ञान विषय में 75 में से 75 तथा कला विषय में 31 में से 31 लोगों का प्रमोशन लिस्ट ओके करना है जो महज सही सूची न होनें तथा अनुमोदन के अभाव में विगत डेढ माह से लटका पड़ा है और परिणाम स्वरूप शिक्षक पंचायत भटक रहें है तो छात्रों का भविष्य गर्त में समाने की ओर अग्रसर है सवाल यह उठता है कि ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता कहां से और कैसे आयेगी।
विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे है मगर इसी जिले में शिक्षण व्यवस्था का हाल इस कदर बेहाल है कि शिक्षा विभाग द्वारा विषय शिक्षकों की सही सूची जिला पंचायत को उपलब्ध नही कराने के कारण अकेले बरमकेला ब्लाक में ऐसे लगभग 46 शिक्षक है जो आर्ट विषय के शिक्षक होकर गणित विज्ञान और अंगे्रजी पढ़ा रहे है ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता कहां से आयेगी यह चिंतनीय विषय है।
जिला पंचायत रायगढ़ में विगत दिवस हुए सामान्य सभा की बैठक के दौरान जिले के विभिन्न विकासखण्डों में विषय शिक्षकों की पदोन्नति तथा सीधी भर्ती को लेकर जमकर बवाल हुआ और जनप्रतिनिधियों ने पदोन्नति में देरी को लेकर विभागीय अधिकारियों से जवाब तलब भी किये। दरअसल जिले में अतिशेष में गये शिक्षकों में से वर्ग 3 से वर्ग 2 में पदोन्नति देनी है जो जिला पंचायत के माध्यम से होना है मगर सही नियुक्ति करने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा जिला पंचायत को प्रत्येक क्षेत्रवार, स्कूलवार, विषय शिक्षकों की सही संख्या के साथ उचित जानकारी उपलब्ध नही कराने के कारण पदोन्नति का मामला अटक गया है और दोनों विभागों के बीच सामंजस्य नही बैठ पाने के कारण के कारण पात्र शिक्षक अपने अधिकार से वंचित हो रहे है जबकि इस संबंध में नियुक्ति को व्यवस्थित करने के लिए राज्य शासन से जिला पंचायत को करीब डेढ माह पूर्व 19 अक्टूबर को उक्त आदेश प्राप्त हो चुका है।
यह गड़बडी और लापरवाही कहीं न कहीं विभागों के बीच सामंजस्य की कमी और प्रशासनिक कमजोरी को दर्शाता है जिसका खामियाजा आनन-फानन में पदस्थापना करने पर भविष्य में शिक्षाकर्मियों को ही भुगतना और भटकना पड़ सकता है। इसी सही सूची के अभाव में जिला पंचायत में आहूत बैठक का पदाधिकारी व सदस्य 2 बार बहिष्कार कर चुकें है तथा पिछले दिनों की बैठक में इस गलत सूची का अनुमोदन करने से मना कर चुके है। इसके बाद भी अब तक शिक्षा विभाग से जिला पंचायत को सही सूची उपलब्ध नही कराई जा सकी है जिसके परिणाम स्वरूप अकेले बरमकेला ब्लाक में 18 स्कूलों के लगभग 46 शिक्षक विकल्प के रूप में बच्चों को पढ़ा रहें है अर्थात आर्ट विषय का शिक्षक बच्चों को गणित, अंग्रेजी और विज्ञान पढ़ा रहा अगर जिले के सभी 9 विकासखंडो का आंकड़ा निकाला जाये तो यह संख्या कितनी आगे जा सकती है इसका सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।
जहां तक इस मामले में जिले के पात्र शिक्षकों की संख्या पर नजर डाले तो अंगे्रजी विषय में 61 लोगों की पदोन्नति करनी है मगर इस विषय के लिए मात्र 31 पात्र लोगों के आवेदन आये है गणित विषय में 116 में से 51 पात्र लोगों को विज्ञान विषय में 75 में से 75 तथा कला विषय में 31 में से 31 लोगों का प्रमोशन लिस्ट ओके करना है जो महज सही सूची न होनें तथा अनुमोदन के अभाव में विगत डेढ माह से लटका पड़ा है और परिणाम स्वरूप शिक्षक पंचायत भटक रहें है तो छात्रों का भविष्य गर्त में समाने की ओर अग्रसर है सवाल यह उठता है कि ऐसे में शिक्षा गुणवत्ता कहां से और कैसे आयेगी।