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50 निजी संस्थाओं के 5000 कर्मचारियों को मिला भविष्य निधि का सुरक्षा चक्र

निजी कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारयों को 58 साल की उम्र के बाद पेंशन मिले, मृत्यु की दशा में उसके परिवार के लोगों को पेंशन की सुविधा मुहैया हो सके, इसके लिए फंड कमिश्नर रिजवानुद्दीन की टीम ने अंचल के आठ जिलों में संचालित डेढ़ सौ संस्थानों में सेवारत 5000 लोगों को भविष्य निधि के कवरेज में लिया है।
इससे उन्हें पेंशन, बीमा व असामयिक मृत्यु की दशा में उनके आश्रितों को पेंशन की सुविधा मिल सकेगी।

जो पांच हजार लोग भविष्य निधि के कवरेज में आए हैं वे स्कूल, कॉलेज, निजी अस्पताल, बड़े व छोटे उद्योगों सहित ट्रांसपोर्टेशन के व्यवसाय से संबद्ध हैं। इनको संस्थान के कारिंदे वेतन तो देते थे लेकिन उनके वेतन से प्रोवीडेंट फंड की 12 फीसदी राशि काटकर उसे कर्मचारियों के पीएफ एकाउंट में जमा नहीं करते थे। शिक्षक, कर्मचारियों के भविष्य निधि में कवर होने के बाद अब नियोक्ताओं को भी अपने स्तर से 13 फीसदी राशि मिलाकर कुल 25 फीसदी पीएफ कटौत्रा भविष्य निधि के खातों में जमा करना पड़ रहा है। यह लाभ मुरैना, भिंड, श्योपुर, ग्वालियर, डबरा, दतिया, गुना, शिवपुरी व अशोकनगर के श्रमिक-कर्मचारी व शिक्षकों को मिल रहा है।

ऐसे काम करती टीम: फंड कमिश्नर रिजवानुद्दीन की टीम के अधिकारी, कर्मचारी संदेह के आधार पर स्कूल, कॉलेज, अस्पताल व उद्योगों में पहुंचकर वहां काम कर रहे श्रमिक, कर्मचारियों के उपस्थिति व वेतन पत्रक चेक करते हैं। 20 से अधिक कर्मचारी काम करते पाए जाने की दशा में नियोक्ता से यह सवाल किया जाता है कि क्या उन कर्मचारियों के वेतन से प्रोवीडेंट फंड का कटौत्रा किया जा रहा हैω यदि नहीं तो उस संस्थान को मालिक/संचालक को नोटिस देकर फंड कमिश्नर कार्यालय में तलब किया जाता है।

कार्रवाई शुरू होते ही नियोक्ता को कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर छापे की कार्रवाई तक के कार्यकाल की पीएफ राशि संबंधित कर्मचारियों के खाते में जमा करना पड़ती है।

असंगठित क्षेत्र भी पीएफ के दायरे में

केन्द्र सरकार का प्रयास है कि संगठित क्षेत्र के श्रमिकों को भी प्रोवीडेंट फंड के दायरे में लाया जाए। ताकि रिटायर होने के बाद उन्हें भी पेंशन का लाभ मिल सके। श्रमिक की असामयिक मृत्यु की दशा में उसके परिवार को छह लाख रुपए की बीमा राशि मिलेगी और पेंशन का लाभ भी।

कर्मचारियों को पीएफ से यह लाभ

संगठित क्षेत्र में काम कर रहे एक लाख 20 हजार कर्मचारियों के वेतन में से पीएफ का पैसा काटकर नियोक्ताओं द्वारा हर महीने कर्मचारियों के पीएफ एकाउंट में जमा कराया जा रहा है।

जिन कर्मचारियों का पीएफ जमा हो रहा है उन्हें 58 साल की आयु के बाद वेतन के अनुपात में पेंशन स्वीकृत हो जाती है। इससे कर्मचारी अपनी आजीविका को लेकर परेशान नहीं रहता। भविष्य निधि के कवरेज में शामिल कर्मचारी की असामयिक मृत्यु होने पर उसके परिजन को छह लाख रुपए की बीमा राशि एकमुश्त प्रदान की जाती है।

पीएफ कवर्ड मृतक कर्मचारी की प|ी को 1000 रुपए महीने व उसके दो बच्चों को ढाई-ढाई सौ रुपए महीने की पेंशन मिलती है। बच्चों को पेंशन की राशि वयस्क होने तक मिलती है।

प्राइवेट संस्थान में 10 साल की नौकरी पूरी होने पर कर्मचारी को पेंशन मिलने की पात्रता हो जाती है। यदि वेतन से प्रोवीडेंट फंड नहीं कटता है तो ये सभी सुविधाएं कर्मचारी और उसके परिजन को नहीं मिल पाएंगी।

कर्मियों को मिलेगा पीएफ का लाभ

2016 में नवंबर तक 150 यूनिटों में सेवारत 5000 कर्मचारियों को पीएफ के कवरेज में लिया गया है। इन सभी कर्मचारियों को भविष्य में पेंशन, बीमा की सुविधा मिलेगी। रिजवानुद्दीन, फंड कमिश्नर सब रीजनल, ग्वालियर 

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