भास्कर संवाददाता | सोहागपुर एम शिक्षा मित्र को लेकर शिक्षक, अध्यापक लामबंद हो गए हैं। शिक्षक संघ ने एसडीएम कार्यालय में तहसीलदार भास्कर गाचले को ज्ञापन दिया। जिसमें कहा एम शिक्षा मित्र से उपस्थिति अव्यवहारिक है। ग्रामीण अंचल के स्कूलों में नेटवर्क की समस्या है। बिजली व्यवस्था नहीं है।
इसलिए एप को चलाने में परेशानियां आएंगी। पहले व्यवस्था दुरस्त हो, फिर एप की अनिवार्यता लागू करें।
ब्लाॅक अध्यक्ष राजेंद्र मालवीय की अगुवाई में तीन दर्जन से अधिक शिक्षकों का कहना है अधिकांश शिक्षकों के पास एनड्राइड मोबाइल नहीं है। पहले मोबाइल खरीदने में पैसे खर्च करें। यह शिक्षकों के लिए अतिरिक्त आर्थिक बोझ है। कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं, जिन्हें एनड्राइड मोबाइल आॅपरेट करना नहीं आता। शिकक्षकों का कहना है नेटवर्क नहीं मिलेगा तो कैसे उपस्थिति होगी। लॉगइन नहीं होंगे तो वेतन कटेगा। जिसके चलते एम शिक्षामित्र से उपस्थिति अव्यवहारिक है।
एप से उपस्थिति देने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर करने के बाद योजना लागू की जाए।
क्या होता है एनड्राइड
प्रधान पाठक चंद्रहास भार्गव ने बताया कि मेरे पास मोबाइल है। मोबाइल की घंटी बजती है, तो बटन दबाकर बात कर लेता हूं। इसके अलावा मुझे मोबाइल से कुछ करना नहीं आता। एनड्राइड क्या होता है, समझ से परे है। बड़ा परिवार है, व्यर्थ के खर्च करने से बचता हूं। मेरे साथी शिक्षक कह रहे हैं, पांच हजार का नया मोबाइल लेना पड़ेगा। ये तो ठीक नहीं है।
इनका कहना है
डीईओ से मार्गदर्शन मांगेंगे
जिन ग्रामों में नेटवर्क की समस्या है। वहां डीईओ कार्यालय से मार्गदर्शन मांगेंगे। राजेंद्र तिवारी, बीईओ, सोहागपुर
इन ग्रामों में नहीं नेटवर्क
सोनपुर, मालनी, सुपलई, मगरिया, उरदौन, खापा, खरपावड़, रैनीपानी, घोघरी, पाठई, बिचुआ, सियारखेड़ा, आमदा, सांकई, मल्लूपुरा, झालई, सहित एक दर्जन से अधिक ग्राम में नेटवर्क नहीं है। टेकापार, कामती और सारंगपुर में सिर्फ बीएसएनएल का नेटवर्क है। जो बंद-चालू होते रहता है। ऐसे में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराने में परेशानी होगी।
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इसलिए एप को चलाने में परेशानियां आएंगी। पहले व्यवस्था दुरस्त हो, फिर एप की अनिवार्यता लागू करें।
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एप से उपस्थिति देने में कोई परेशानी नहीं है। लेकिन व्यवहारिक कठिनाईयों को दूर करने के बाद योजना लागू की जाए।
क्या होता है एनड्राइड
प्रधान पाठक चंद्रहास भार्गव ने बताया कि मेरे पास मोबाइल है। मोबाइल की घंटी बजती है, तो बटन दबाकर बात कर लेता हूं। इसके अलावा मुझे मोबाइल से कुछ करना नहीं आता। एनड्राइड क्या होता है, समझ से परे है। बड़ा परिवार है, व्यर्थ के खर्च करने से बचता हूं। मेरे साथी शिक्षक कह रहे हैं, पांच हजार का नया मोबाइल लेना पड़ेगा। ये तो ठीक नहीं है।
इनका कहना है
डीईओ से मार्गदर्शन मांगेंगे
जिन ग्रामों में नेटवर्क की समस्या है। वहां डीईओ कार्यालय से मार्गदर्शन मांगेंगे। राजेंद्र तिवारी, बीईओ, सोहागपुर
इन ग्रामों में नहीं नेटवर्क
सोनपुर, मालनी, सुपलई, मगरिया, उरदौन, खापा, खरपावड़, रैनीपानी, घोघरी, पाठई, बिचुआ, सियारखेड़ा, आमदा, सांकई, मल्लूपुरा, झालई, सहित एक दर्जन से अधिक ग्राम में नेटवर्क नहीं है। टेकापार, कामती और सारंगपुर में सिर्फ बीएसएनएल का नेटवर्क है। जो बंद-चालू होते रहता है। ऐसे में शिक्षकों की उपस्थिति दर्ज कराने में परेशानी होगी।
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