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कहीं बच्चे करते रहे शिक्षकों का इंतजार, तो कहीं प्राचार्य ही ले रहे थे कक्षाएं

गुना। नवदुनिया न्यूज जिले के हाई व हायर सेकंडरी स्कूलों में सोमवार को विषय विशेषज्ञ के रूप में रखे गए अतिथि शिक्षकों की हड़ताल का असर दिखाई दिया। कहीं कक्षाओं में बच्चे अतिथि शिक्षकों का इंतजार कर रहे थे, तो किसी स्कूल में प्राचार्य को ही कक्षाएं लेते देखा गया।
इतना ही नहीं, विषय विशेषज्ञ न होने से बच्चों को दीगर विषयों की पढ़ाई कराना पड़ी। ग्रामीण अंचल की शालाओं में तो ज्यादातर भार अतिथि शिक्षक ही संभाले हैं, जिससे शिक्षण व्यवस्था चरमरा गई। हालांकि, शिक्षा विभाग का दावा है कि स्कूलों में उपलब्ध नियमित स्टाफ के सहारे बच्चों को पढ़ाई कराई गई, लेकिन कुछ विषयों की पढ़ाई जरूर प्रभावित हुई।
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मॉडल स्कूल में प्राचार्य ले रहे कक्षाएं
जिला मुख्यालय स्थित कलमकार कॉलोनी के नजदीक स्थित शासकीय मॉडल स्कूल में छह शिक्षकों का स्टाफ प्रतिनियुक्ति पर है, तो चार अतिथि शिक्षक विषय विशेषज्ञों के रूप में स्कूल में सेवाएं दे रहे हैं। उनमें से सिर्फ दो ही पहुंचे वह भी हड़ताल की बात सुनकर वहां से रवाना हो गए। ऐसे में स्कूल में चल रही कक्षा 9वीं, 10वीं के अलावा 11वीं व 12वीं के अंग्रेजी, राजनीति, इतिहास के विषयों की पढ़ाई का जिम्मा स्कूल में मौजूद छह शिक्षकों पर आ गया। इनमें से विषय विशेषज्ञ अतिथि शिक्षकों के नहीं होने से स्कूल में उन विषयों की पढ़ाई ही नहीं हो सकी। खुद प्राचार्य मधुबाला सक्सेना बच्चों को अतिथियों के पीरियड में पढ़ाती हुईं नजर आईं। प्राचार्य सक्सेना ने बताया कि विषय विशेषज्ञों के रूप में अतिथि शिक्षकों को रखा गया था। लेकिन उनके नहीं होने से बच्चों के उन विषयों की पढ़ाई में काफी समस्या आ रही है।
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विषय विशेषज्ञ न होने से पढ़ाए गए दूसरे सब्जेक्ट
हायर सेकंडरी स्कूल बजरंगगढ़ में पांच लोगों का स्टाफ है। इसमें स्कूल प्राचार्य भगत पर डाइट का प्रभार भी है। जबकि विषय विशेषज्ञों व अन्य विषयों के लिए छह अतिथि शिक्षकों की सेवाएं इस स्कूल में अब तक ली जा रही थीं। सोमवार को अचानक अतिथियों के हड़ताल पर चले जाने से कक्षा 9वीं से 12वीं तक के विभिन्न विषयों की पढ़ाई का जिम्मा चार नियमित शिक्षकों पर आ गया। स्कूल में पदस्थ शिक्षक गिरजेश भार्गव ने बताया कि सोमवार को स्कूल में सुबह के समय कुछ अतिथि शिक्षक आए थे, लेकिन दोपहर में वह वापस चले गए। ऐसे में स्कूल में मौजूद चार शिक्षकों पर अन्य विषयों की पढ़ाई का भार आ गया। एक शिक्षक पर चार से पांच पीरियड तक आ गए। वहीं अतिथि शिक्षकों के रूप में रखे गए विषय विशेषज्ञों के नहीं आने से स्कूल में गणित, बायोलाजी, इतिहास, राजनीति विषयों की पढ़ाई नहीं हो सकी। बच्चों को इस दौरान दूसरे विषय पढ़ाए गए।
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कक्षाओं में बैठकर अतिथियों का इंतजार करते रहे छात्र
जिला मुख्यालय स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में छात्र विषय विशेषज्ञ अतिथि शिक्षकों का इंतजार करते हुए नजर आए। इस स्कूल में 19 लोगों का नियमित स्टाफ है और छात्र-छात्राओं की संख्या 900 के करीब है। स्कूल प्राचार्य अजय निगड़ीकर ने बताया कि फिलहाल यह पहला दिन है, इसलिए अधिक समस्या नहीं आई। हमने स्कूल में सिर्फ उन विषय विशेषज्ञों की भर्ती अतिथि शिक्षकों के रूप में की थी, जिनका स्टाफ हमारे पास मौजूद नहीं था। इस तरह से कुल सात अतिथि शिक्षकों की भर्ती स्कूल में की गई थी, ताकि बच्चों को सभी विषयों की पढ़ाई हो सके। लेकिन सोमवार को अतिथियों के नहीं आने से पहले दिन थोड़ी-बहुत परेशानी उठानी पड़ी। इसके अलावा बच्चों को उन विषयों की पढ़ाई भी नहीं कराई जा सकी। वहीं मौजूद स्टाफ के जरिए दो कक्षाओं के बच्चों को इकट्ठा बैठाकर पढ़ाना पड़ा।
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अंचल में भी रहे हालात खराब
सबसे ज्यादा परेशानी के हालात ग्रामीण अंचल में दिखाई दिए। क्योंकि इन स्कूलों दो से तीन अतिथि शिक्षकों के अलावा एक-एक नियमित शिक्षक ही मौजूद है। ऐसे में अधिकतर स्कूलों में पढ़ाई पूरी तरह से ठप नजर आई। अकेले राघौगढ़ ब्लॉक के पांच संकुलों में 70 फीसदी अतिथि शिक्षकों की संख्या है। इनमें धरनावदा स्कूल में 36 स्कूलों में 13 अतिथि, जामनेर संकुल में 116 विद्यालयों में 74 अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं। इसी तरह मधुसूदनगढ़ संकुल के 160 स्कूलों में 50 अतिथि शिक्षक पदस्थ हैं। वहीं राघौगढ़ के कन्या संकुल के 109 स्कूलों में 85 अतिथि शिक्षक मौजूद हैं। इनमें से तीन ऐसी शालाएं भी हैं, जहां पर कोई शिक्षक ही पदस्थ नहीं है। कुछ ऐसे ही हालात जिले के चांचौड़ा-बीनागंज, आरोन, कुंभराज, बमोरी ब्लाक में भी देखने को मिले, जहां अतिथि शिक्षकों की हड़ताल के चलते स्कूलों को संचालित करने में परेशानी उठानी पड़ी।
वर्जन-
जिलेभर में पिछले माह तक करीब 900 अतिथि शिक्षकों के रखे जाने की सूचना आई थी। इस महीने का रिकार्ड आने पर पता चलेगा कि इस माह कितने अतिथि शिक्षक रखे गए हैं। हालांकि, स्कूल में उपलब्ध स्टाफ को कक्षाएं जारी रखने के निर्देश दिए हैं, ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो। अतिथि शिक्षकों के न आने तक विषय विशेषज्ञ शिक्षकों को व्यवस्थाएं बनाने कहा है।
-एसके श्रीवास्तव, डीईओ
पिछले 9 साल से हम लगातार सेवाएं देते आ रहे हैं। हमने अपनी मांगों को मनवाने कभी इस तरह का आंदोलन नहीं किया, जिससे कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो। खासकर, तब जबकि परीक्षाएं नजदीक हों। लेकिन प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने अतिथि शिक्षकों को टाइमपास का दर्जा देकर उनकी अस्मत पर हमला किया है। अब मजबूर होकर शिक्षा मंत्री को बताएंगे कि प्रदेश में गड़बड़ाई शिक्षण व्यवस्था को संभालने में उनका कितना योगदान है और वे सिर्फ टाइम पास के लिए नहीं है।
- सुनील परिहार, जिलाध्यक्ष अतिथि शिक्षक संघ गुना
फोटोः 2811जीयूएनए01ः गुना। जिला मुख्यालय पर स्थित माडल स्कूल में अतिथियों के नहीं होने से खाली कक्षाओं में पढ़ाती हुई स्कूल की प्राचार्य मधुबाला सक्सेना।
फोटोः 2811जीयूएनए02ः गुना। अतिथि शिक्षको के पीरियड नहीं होने के कारण बजरंगगढ़ हायर सेकंडरी स्कूल में पढ़ाई प्रभावित हुई। बच्चे इस दौरान स्कूल प्रांगण में घूमते हुए नजर आए।
फोटोः 2811जीयूएनए04ः गुना। एक्सीलैंस स्कूल की कक्षा 12वीं की क्लास में स्कूली बच्चे पीरियड लगने का इंतजार करते रहे।
फोटोः 2811जीयूएनए-सुनील परिहार। सुनील परिहार, जिलाध्यक्ष अतिथि शिक्षक संघ गुना

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