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अब तक स्कूलों में न शिक्षकों के फोटो लगे, न नाम लिखे न नंबर चस्पा किए

राजगढ़। जिलेभर के 10 फसीदी स्कूलों में भी अभी तक न तो अध्यापन कार्य कराने वाले शिक्षकों के फोटो चस्पा किए गए और न ही उनके नाम स्कूलों में लिखे गए। इसके अलावा पटलों पर वहां पदस्थ शिक्षकों के नंबर तक नहीं लिखे जा सके हैं। ग्रामीण क्षेत्र तो दूर खुद जिला मुख्यालय पर भी यह चस्पा नहीं किए जा सके।
ऐसे में राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश को खुद विभाग द्वारा जिले में तवज्जो नहीं दी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि जिले के अधिकांश स्कूलों में टीचर न तो समय पर जाते हैं और न ही पूरे समय तक रुकते हैं। शिक्षकों को वहां के लोग जानते तक नहीं है। इसी को लेकर हाल ही में चार माह पूर्व राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 24 (1) (क) के तहत एक आदेश जारी किया था। इसमें उल्लेख किया था कि शिक्षकों को निश्चित समय पर स्कूलों में उपस्थित रहना चाहिए। लेकिन कई स्कूलों में ऐसा नहीं हो पाता है और शिक्षकों द्वारा कर्त्तव्य में लापरवाही बरती जाती है, जो कि शिक्षा का अधिकार का खुला उल्लंघन है।
यह है मुख्य मकसद
राज्य शिक्षा केन्द्र द्वारा जो आदेश जारी किया गया है उसका मूल मकसद यह है कि कई स्थानों पर ऐसे मामले सामने आते है जहां पर शिक्षक स्वयं के स्थान पर दूसरे लोगों को पढ़ाने के लिए लगाते देते हैं और खुद स्कूलों से पूरे समय गायब रहते हैं। अपनी तगड़ी पहुंच और राजनैतिक एप्रोच के बल पर कई स्कूलों में शिक्षक स्कूल जाने की बजाए खुद वेतन देकर दूसरे लोगों को रख लेते हैं। कई स्थानों पर ऐसे शिक्षक खुद आने की बजाए अतिथि शिक्षक का नाम देकर दूसरों से काम करवा लेते हैं। परमानेंट शिक्षकों द्वारा भी अपनी मोटी वेतन से आंशिक राशि दूसरों पर खर्च कर उनसे काम लिया जाता है। इसी पर नकेल कसने के लिए यह सब किया जा रहा है, लेकिन यहां खुद अधिकारी योजना को पलीता लगाने पर आमादा है।
पहचान, नाम होगा सार्वजनिक
फिलहाल अधिकांश स्कूलों में जो शिक्षक पदस्थ हैं वह दूसरे गांव अथवा शहरों के हैं। ऐसे में उन्हें कोई अच्छे से जानते भी नहीं है। संबंधित शिक्षक पहचान के अभाव में पूरा फायदा उठाते हैं। पूरी तरह से पहचान नहीं होने से बाहर से अपडाउन करने वाले टीचरों को वहां के लोगों द्वारा भी रोक-टोक नहीं की जाती है। इसी के तहत अब पहचान को सार्वजनिक करने के लिए विभाग द्वारा स्कूलों में पदस्थ टीचरों के फोटो उनके नाम एवं मोबाईल नंबर सूचना पटल पर चस्पा करना है, लेकिन जिले में आदेश को चार माह बीतने के बाद भी पालन नहीं हो सका।
सैंकड़ों स्कूलों में नहीं हुए चस्पा
जिलेभर के सैंकड़ों स्कूलों में राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश का पालन नहीं हो सका है। जिसके तहत जिला मुख्यालय स्थित डोड़ीशाला, मावि गांधीपुरा, ब्लाक के गांव खैरासी, कोलूखेड़ी, गौरखपुरा, रामपुरिया, खजूरी, गुराड़िया, तूमड़ियाखेड़ी, राजपुरा, चांदपुरा, नानागांव, कालाकोट, कान्दरियाखेड़ी, दण्ड, बांसखो, नारगढ़, जग्न्यापुरा सहित जिले के सैंकड़ों ऐसे स्कूल सामने आ रहे हैं जिनमें नाम, नंबर और फोटो चस्पा नहीं किए जा सके।
बाक्सः महिला शिक्षिकाओं के लिए रहेगी समस्या
हालांकि नाम, नंबर व फोटो चस्पा होने का सबसे अधिक नुकसान महिला टीचरों को होगा। कुछ शिक्षिकाओं ने बताया कि जब हमारे फोटो, नाम एवं मोबाईल नंबर सार्वजनिक होंगे तो कई स्थानों पर इसके दुष्परिणाम भी सामने आएंगे। उन्हें डर है कि कहीं ऐसा न हो कि उनके फोटो और नंबरों का आम लोगों द्वारा दुष्प्रोयोग कर दिया जाए। सरकार के इस आदेश को लेकर महिलाएं सबसे अधिक सकते में नजर आ रही है। उनका मानना है कि कहीं ऐसा न हो कि उनके नंबर लेकर ग्रामीणों द्वारा गलत फोन लगाए जाएं अथवा व्हाटसप पर दुरूपयोग किया जाए।
मामला-01
उत्कृष्ट स्कूल राजगढ़ में अमल नहीं
ग्रामीण क्षेत्र व दूर दराज तो दूर की बात है विभाग के आदेश का पालन जिला मुख्यालय पर ही नहीं हो सका। जिला मुख्यालय स्थित उत्कृष्ट विद्यालय में स्कूल प्रबंधन द्वारा आदेश जारी होने के चार माह बाद भी न तो टीचरों के फोटो एकत्रित किए न नामों की लिस्ट तैयार की और न ही नंबरों को सूचिबद्घ किया। अर्से बाद भी मुख्यालय के सबसे बड़े स्कूल में टीचरों के फोटो, नाम व नंबरों को चस्पा नहीं किया जा सका। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि फिर देहाती क्षेत्र में कैसे योजना पर अमल होगा...?
मामला-02
गंज स्कूल भी है अछूता
जिले के सबसे बड़े स्कूल उत्कृष्ट की तर्ज पर ही चल रहा है गंज स्कूल राजगढ़। यहां पर भी राज्य शिक्षा केन्द्र के आदेश को कोई तवज्जो नहीं मिल सकी। इस स्कूल में भी सूचना पटल पर न तो टीचरों के नाम चस्पा किए जा सके न फोटो न ही नंबर। कुल मिलाकर जिला मुख्यालय के दो सबसे बड़े स्कूलों में विभाग के फरमान का कोई असर नहीं हुआ। ऐसे में जिले के देहाती स्कूलों में कैसे नाम, फोटो व नंबर चस्पा हो पाएंगे...?
मामला-03
अलमारी की साईड में चिपकाए फोटो
जिले के सबसे बड़े शहर ब्यावरा के दूसरे सबसे बड़े स्कूल के भी हाल कुछ ठीक नहीं है। ब्यावरा स्थित कन्या हायर सैकेण्डरी में फोटो व नंबर तो चस्पा किए, लेकिन रस्मअदायगी भर साबित की है। यहां पर सार्वजनिक स्थल पर नाम, नंबर व फोटो चस्पा करने की बजाए स्टाफ रूम में रखी अलमारियों की साईडों में इन्हें चस्पा किए हैं, ताकि आदेश का पालन भी हो जाए और सबकुछ गोपनीय भी बना रहे।
मामला-04
खैरासी में नहीं हुए चस्पे
राजगढ़ ब्लाक के खैरासी गांव में माध्यमिक व प्राथमिक स्कूल है। यहां पद दोनों ही स्कूलों में बच्चे अध्ययन करने आते हैं, लेकिन इस स्कूल में भी विभाग द्वारा चार माह बाद भी अमल नहीं किया जा सका। ऐसे में न तो यहां पर पदस्थ टीचरों के नाम सार्वजनिक हुए और न फोटो व मोबाईल नंबर।
मामला-05
कालाकोट भी है अछूता
कालाकोटा ब्यावरा ब्लाक का स्कूल है। यहां पर भी विभाग द्वारा अभी तक न तो नाम लिखे न टीचरों फोटो चिपकाए और न ही मोबाईल नंबर सार्वजनिक किए गए। कुल मिलाकर यह स्कूल भी अछूता है। इसके अलावा भी इस स्कूल के आसपास इस बेल्ट में दर्जजभर स्कूलों में विभाग की योजना का अमल नहीं हो सका है।
इनका कहना है
जिन स्कूलों में फोटो, नाम व नंबर चस्पा नहीं हुए हैं उन्हें चैक किया जा रहा है व कार्रवाई की जा रही है। जल्द ही सभी दूर चस्पा करवा दिए जाएंगे।
रंजीतसिंह, डीपीसी राजगढ़
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