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साहब! मैं अब गरीब नहीं हूं, मेरा बीपीएल कार्ड जमा कर लो

राजगढ़, ब्यूरो। साहब ! अब मैं गरीब नहीं हूं। मैं सक्षम हो चुकी हूं। अपने परिवार को पालने लायक कमा लेती हूं। आप चाहें तो मेरा नाम बीपीएल सूची से हटा सकते हैं। मुझे अब बीपीएल राशन कार्ड के तहत मिलने वाले सरकारी लाभ की आवश्यकता नहीं है। पिछले दिनों ब्यावरा के कचनारिया की रहने वाली सुशीला बाई ने जब यह बात कही तो अफसर भी यह सुनकर हैरान रह गए।

क्योंकि एक तरफ बीपीएल कार्ड बनवाने के लिए दफ्तरों में लाइनें लगी रहती है, वहीं सुशीला की यह पहल महिलाओं की सकारात्मक सोच को बताती है। मालूम हो कि कचनारिया की सुशीला बाई आमल्याहाट में स्वसहायता समूह चलाती है।
जानकारी के अनुसार सुशीला बाई ने आमल्याहाट में काम करने के दौरान अपने नाम पर सेंट्रिंंग के लिए लोन लिया था। सेंटिंग मकानों के निर्माण के दौरान उपयोग की जाती है। जबकि महिला ने लोन के बाद अपने पति के साथ मिलकर व्यवसाय में लाभ लिया तो उन्हें भान हुआ कि वे अब गरीबी रेखा के दायरे में नहीं बचे। ऐसे में महिला ने अपने परिजनों को मनाया और अपना नाम बीपीएल सूची से हटवाने पहुंच गई।
2 लाख हुई सालाना आय, दो बेटे, एक शिक्षक और एक इंजीनियर बना

महिला सुशीला बाई अपना कैलादेवी स्वसहायता समूह चलाती हैं। लोन लेने के बाद उनके एक बेटे की शिक्षा विभाग में नौकरी लग गई। साथ ही महिला को सेंट्रिंग के काम में फायदा हुआ। परिवार की आय सालाना करीब 2 लाख होने के बाद महिला और उसके परिजनों ने अपना प्रस्ताव पंचायत सचिव को दिया और एपीएल कार्ड बनवाने की इच्छा जताई।
खादी ग्रामोद्योग उपाध्यक्ष को बताई अपनी बात

महिला ने पिछले दिनों खादी ग्रामोद्योग प्रदेश उपाध्यक्ष रघुनंदन शर्मा को आरसेटी में एक कार्यक्रम के दौरान अपनी बात बताई। महिला सुशीलाबाई के अनुसार वे अन्य महिलाओं को भी जो सक्षम है और 2 से 3 लाख से अधिक आय सालाना हो चुकी है उनसे बीपीएल निरस्त कराने की अपील कर रही है। जिससे कि वंचित जरूरतमंदों को इसका लाभ मिल सके। मामले में पूर्व विधायक रघुनंदन शर्मा ने उसके प्रस्ताव का अभिनंदन करते हुए इसे समाज के लिए अनुकरणीय बताया है।
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