आरटीई एक्ट
(शिक्षा का अधिकार अधिनियम) में हर साल जनवरी में एडमिशन हो जाते हैं,
लेकिन इस साल अब तक एडमिशन तो दूर प्रवेश की प्रक्रिया ही शुरू नहीं हुई
है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के
कारण देरी हो रही है।
उधर, इस मामले में शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी और पैरेंट्स एसोसिएशन ने बड़ी लापरवाही बताते हुए प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इससे इनकार किया।
1 अप्रैल से नया सत्र शुरू हो गया। 16 जून से अब दोबारा स्कूल भी खुल जाएंगे। ऐसे में अब तक प्रवेश प्रक्रिया शुरू ही नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। आरटीई में प्रवेश प्रक्रिया की लेटलतीफी पर कई पालक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी मिले, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
जो लोग बच्चों के एडमिशन आरटीई में करवाना चाहते हैं, प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं होने से ज्यादातर ने तो निजी या सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा लिए हैं। आरटीई में वैसे ही हर साल आठ हजार से ज्यादा सीटें खाली रह जाती हैं। ऐसे में इस साल देरी से प्रक्रिया शुरू होने से यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
जो लोग अब तक आरटीई के माध्यम से ही प्रवेश का रास्ता देख रहे हैं उनके बच्चों के साथ परेशानी यह होगी कि अप्रैल में सत्र शुरू हुआ ऐसे में उतने दिन और अब जून से स्कूल खुलने के बाद और कोर्स रह जाएगा। इससे वे बच्चे पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे।
(शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार)
से ज्यादा सीटें खाली रहती हैं, यह आंकड़ा और बढ़ सकता है
पूरे प्रदेश में एक साथ होंगे एडमिशन
आरटीई में प्रवेश प्रक्रिया इस बार ऑनलाइन होगी। इसके लिए पोर्टल बनाने का काम चल रहा है। इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र से आदेश आएंगे और फिर प्रक्रिया शुरू होगी। पूरे प्रदेश में एक साथ एडमिशन शुरू होंगे। वैसे सभी निजी स्कूलों को कहा गया है कि वे अपने स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरटीई के लिए आरक्षित रखें। - शशिकांत गुबरेले, जिला परियोजना समन्वयक राज्य शिक्षा केंद्र
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उधर, इस मामले में शिक्षा विभाग के पूर्व अधिकारी और पैरेंट्स एसोसिएशन ने बड़ी लापरवाही बताते हुए प्राइवेट स्कूलों को फायदा पहुंचाने का आरोप भी लगाया। हालांकि शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने इससे इनकार किया।
1 अप्रैल से नया सत्र शुरू हो गया। 16 जून से अब दोबारा स्कूल भी खुल जाएंगे। ऐसे में अब तक प्रवेश प्रक्रिया शुरू ही नहीं होने पर सवाल उठ रहे हैं। आरटीई में प्रवेश प्रक्रिया की लेटलतीफी पर कई पालक शिक्षा विभाग के अधिकारियों से भी मिले, लेकिन उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
जो लोग बच्चों के एडमिशन आरटीई में करवाना चाहते हैं, प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं होने से ज्यादातर ने तो निजी या सरकारी स्कूलों में एडमिशन करवा लिए हैं। आरटीई में वैसे ही हर साल आठ हजार से ज्यादा सीटें खाली रह जाती हैं। ऐसे में इस साल देरी से प्रक्रिया शुरू होने से यह आंकड़ा और बढ़ सकता है।
जो लोग अब तक आरटीई के माध्यम से ही प्रवेश का रास्ता देख रहे हैं उनके बच्चों के साथ परेशानी यह होगी कि अप्रैल में सत्र शुरू हुआ ऐसे में उतने दिन और अब जून से स्कूल खुलने के बाद और कोर्स रह जाएगा। इससे वे बच्चे पढ़ाई में पिछड़ जाएंगे।
(शिक्षा विभाग के जानकारों के अनुसार)
से ज्यादा सीटें खाली रहती हैं, यह आंकड़ा और बढ़ सकता है
पूरे प्रदेश में एक साथ होंगे एडमिशन
आरटीई में प्रवेश प्रक्रिया इस बार ऑनलाइन होगी। इसके लिए पोर्टल बनाने का काम चल रहा है। इसके बाद राज्य शिक्षा केंद्र से आदेश आएंगे और फिर प्रक्रिया शुरू होगी। पूरे प्रदेश में एक साथ एडमिशन शुरू होंगे। वैसे सभी निजी स्कूलों को कहा गया है कि वे अपने स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आरटीई के लिए आरक्षित रखें। - शशिकांत गुबरेले, जिला परियोजना समन्वयक राज्य शिक्षा केंद्र
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