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16 जून से सत्र नया, स्कूलों में समस्याएं पुरानी

बसंत श्रीवास्तव| दमोह शैक्षणिक सत्र चालू होने को मात्र 15 दिन ही शेष हैं, लेकिन सरकारी स्कूल भवनों की मरम्मत का कार्य अब तक शुरू नहीं किया गया है। परेशानी की बात यह है कि दमोह शहर के स्कूल ही जर्जर हैं, लेकिन किसी का ध्यान इस ओर नहीं है। जबकि शहर में करोड़ों के काम चल रहे हैं, लेकिन इन स्कूलों की ओर किसी का ध्यान नहीं है।
शिक्षा विभाग द्वारा 16 जून से खुलने वाले स्कूल चलें अभियान की तैयारियां तो शुरू कर दी गई हैं, लेकिन जिन स्कूलों में बच्चों को पढ़ाई करना है, उन स्कूलों की दुर्दशा पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। बुधवार को शहर के स्कूलों का जायजा लिया तो अधिकांश स्कूल जर्जर अवस्था में मिले।

शिवाजी स्कूल के पीछे का हिस्सा के छप्पर का पटिया दो माह से लटक रहा है। जो बच्चों के लिए खतरा बन सकता है।

स्कूल परिसर में फेंका जाता है कचरा

सौ साल पुराने स्कूल का छप्पर टूटा,

चारों ओर से अतिक्रमण

शहर को 100 साल पुरानी शिवाजी स्कूल में शिक्षा विभाग द्वारा अब तक बाउंड्रीबाल भी नहीं बना पाया है। जिससे स्कूल के चारों ओर अतिक्रमण हो गया है। स्कूल के सामने के हिस्से में तो रंग-रोगन कर दिया है लेकिन पीछे का हिस्सा खंडहर में तब्दील हो गया है। साथ ही छप्पर का एक हिस्सा लटका हुआ है। ऐसे में किसी भी दिन बच्चों के साथ हादसा हो सकता है। स्कूल के पीछे आसपास रहने वाले लोगों का कबाड़ रखा हुआ है।

शहर के फुटेरा वार्ड नंबर चार कछयान प्राइमरी स्कूल के अंदर ही स्थानीय लोगों द्वारा कचरा फेंका जाता है। स्कूल के बाजू से ही सालों पुराना कचरे का घूरा बन गया है। स्कूल से सटाकर नगर पालिका सफाई कर्मचारियों द्वारा कचरा वाहन रखे जाते हैं। बाउंडीबाल टूटी होने के कारण स्थानीय लोगों द्वारा स्कूल की जमीन पर कब्जा कर लिया गया है। स्थानीय लोगों ने बताया कि स्कूल में लगा हैंडपंप बंद पड़ा था।

स्कूल परिसर को बना लिया शौचालय

फुटेरा वार्ड स्थित शहीद प्रेमचंद स्कूल के हाल-बेहाल हैं। बाउंड्रीबाल न होने के कारण स्थानीय लोगों ने स्कूल को शौचालय बना लिया है। स्कूल के मुख्य गेट, ग्रांउड में आसपास के लोग शौच करते हैं। स्कूल की दीवारें व छप्पर काफी जर्जर हो चुका है। स्कूल के सामने बनाए गए अतिरिक्त भी क्षतिग्रस्त पड़े हैं, जिससे वहां पर कक्षाएं नहीं लगाई जातीं। स्कूल में शौचालय भी अधूरा पड़ा है।

यहां दीवारें में आ गईं दरारें

डीईओ कार्यालय के सबसे नजदीक नेहरू बाल मंदिर भी जर्जर हालत में पहुंच गया है। स्कूल के सामने वाली दीवारों में दीरारें आ चुकी हैं। साथ ही दीवारों से सीमेंट झरने लगा है। इसी तरह जटाशंकर प्राइमरी स्कूल, हजारी तलैया प्राइमरी स्कूल की दीवारें भी काफी जर्जर अवस्था में पहुंच गई हैं। दाेनों स्कूलों में बाउंड्रीबाल न होने से अतिक्रमण की चपेट में हैं। परेशानी की बात यह है कि नगरपालिका एक साल में अब तक शिक्षा कर के नाम पर 40 लाख रुपए से ज्यादा राशि वसूल चुकी है। मगर खर्च एक पैसा भी नहीं किया है।

शीघ्र शुरू होगी मरम्मत

पानी की कमी चलते स्कूलों की मरम्मत का काम नहीं हो पाया। तीन-चार दिनों में सभी स्कूलों में मरम्मत शुरू की जाएगी। सभी स्कूल प्रभारियों को निर्देश जारी किए जा चुके हैं। मैं स्वयं कल ही जाकर स्कूलों का निरीक्षण करूंगा। हेमंत गेहरवाल, डीपीसी
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