कानपुर.मध्य प्रदेश के व्यापमं घोटाले में शामिल पकड़े गए आरोपी रमेश चंद्र शिवहरे को बुधवार को कानपुर कोर्ट के चीफ मेट्रोपॉलिटेन मजिस्ट्रेट ने ट्रांजिट रिमांड पर सीबीआई को सौंप दिया। इसके बाद रमेश को 7 मई तक जबलपुर सीजेएम कोर्ट पहुंचना है।
बता दें, रमेश और उसके परिवार के सीएम अखिलेश यादव से भी काफी अच्छे संबंध हैं। उनकी पत्नी महोबा में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। रमेश भी आगामी विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में था। रमेश की गिरफ्तारी पर वकील ने खड़े किए सवाल...
- रमेश शिवहरे के वकील विजय कुमार के मुताबिक, उन्होंने रमेश को गिरफ्तार किए जाने पर कोर्ट से पूछा है कि ट्रांजिट रिमांड विवेचक को दिया जाता है और विवेचक कोर्ट में ही नहीं है।
- कोर्ट ने इनकी दलील को सुनकर सरकार पक्ष की दलील खारिज करते हुए ट्रांजिट रिमांड 7 मई तक की दी है।
- वकील ने ये भी कहा कि रमेश की गिरफ्तारी का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।
- उसे गिरफ्तार करने की न कोई सूचना दी गई, न ही उनके पास कोई नोटिस भेजा गया।
- आरोपी को एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी गई है।
क्या कहना है आरोपी की पत्नी का?
- बसपा से करियर शुरू करने वाली और वर्तमान में सपा से महोबा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशु शिवहरे के मुताबिक, उनके पति का मामला दो साल से चल रहा है।
- हमने इसमें कोई पैरवी नहीं की, सब भगवान भरोसे छोड़ दिया।
- लेकिन उनका कहना है कि उनके पति पर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। उन्हें भगवान और कोर्ट पर भरोसा है।
- बताया जाता है कि अंशु की सपा के दिग्गजों तक पकड़ है और महोबा में ओबीसी की एकमात्र महिला नेता हैं।
- अंशु को भी लगता है कि विपक्ष के लोगों द्वारा उनके पति को राजनीतिक कारणों से फंसाया जा रहा है।
- उनकी और उनके पति की उम्र बहुत कम है। ज्यादा उम्र के लोग उनकी कामयाबी नही देख पा रहे हैं।
सीएम का करीबी है परिवार
- बता दें, इस परिवार के अखिलेश यादव से भी बहुत अच्छे रिश्ते हैं।
- रमेश खुद आगामी विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में था।
- रमेश के साथ कोर्ट आए रिश्तेदारों का कहना था कि जब रमेश को थ्रेशर के बिजनेस में घाटा हुआ, तो उसने कोचिंग खोल ली।
- जब कोचिंग भी नहीं चली तो वह सॉल्वर बन गया। लेकिन भोपाल में रहने वाले एक दोस्त ने रमेश को फंसा दिया।
रेलवे का पेपर आउट कराने का भी शक
- रमेश के खिलाफ सीबीआई ने करीब 6 अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी।
- एसटीएफ एसपी अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि रमेश से पूछताछ में कई नए तथ्य सामने आए हैं।
- अब ये जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या रमेश ने व्यापमं के अलावा किसी दूसरी परीक्षा के लिए सॉल्वर गैंग तो नहीं बनाया है।
- साथ ही ये भी पता लगाया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रेलवे का जो पेपर आउट हुआ था, उसमें कहीं इसका ही हाथ तो नहीं था।
- उन्होंने बताया कि रमेश को गिरफ्तार करने के साथ ही शहर की 3 कोचिंग संस्थाओं के पांच साल का रिकार्ड भी जब्त किया गया है।
- आशंका है कि ये कोचिंग संस्था भी शिवहरे का साथ दे रही थी।
क्या है व्यापमं घोटाला?
- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन प्रतियोगी व्यावसायिक परीक्षाओं को ऑर्गनाइज कराता है, जिन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग नहीं कराता।
- व्यापमं घोटाले में आरोप है कि कम्प्यूटर सूची में हेराफेरी करके गलत तरीके से अयोग्य लोगों को भर्ती कराया गया।
- व्यापमं के जरिए संविदा शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कॉन्स्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और नापतौल निरीक्षक की भर्तियां गलत तरीके से की गईं।
- व्यापमं की करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इनकी जांच की जा रही है। मामले में कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को अरेस्ट भी किया गया है।
- बता दें, ये मामला 2013 के आसपास काफी चर्चा में आया था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में अब एसटीएफ इसकी जांच कर रहा है।
ये लोग हो चुके हैं अरेस्ट
- मामले में आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे को अरेस्ट किया गया था।
- उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी बेटी नेहा को प्री-पीजी मेडिकल में गलत तरीके से भर्ती कराया।
- पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के विनोद भंडारी को अरेस्ट किया जा चुका है।
- पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके ओएसडी ओपी शुक्ला भी अरेस्ट हो चुके हैं।
गवर्नर के खिलाफ दर्ज की गई थी एफआईआर
- घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ ने मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे रामनरेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
- मामले में उनके बेटे शैलेश यादव और ओएसडी धनराज यादव भी आरोपी हैं, जिनके नाम चार्जशीट में है।
- शैलेश यादव पर संविदा शिक्षक पद के 10 आवेदकों से पैसे लेकर पास कराने का आरोप है। परीक्षा को व्यापमं ही ऑर्गनाइज कराता है।
- धनराज यादव को मामले में अरेस्ट किया जा चुका है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
बता दें, रमेश और उसके परिवार के सीएम अखिलेश यादव से भी काफी अच्छे संबंध हैं। उनकी पत्नी महोबा में जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। रमेश भी आगामी विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में था। रमेश की गिरफ्तारी पर वकील ने खड़े किए सवाल...
- रमेश शिवहरे के वकील विजय कुमार के मुताबिक, उन्होंने रमेश को गिरफ्तार किए जाने पर कोर्ट से पूछा है कि ट्रांजिट रिमांड विवेचक को दिया जाता है और विवेचक कोर्ट में ही नहीं है।
- कोर्ट ने इनकी दलील को सुनकर सरकार पक्ष की दलील खारिज करते हुए ट्रांजिट रिमांड 7 मई तक की दी है।
- वकील ने ये भी कहा कि रमेश की गिरफ्तारी का कारण स्पष्ट नहीं किया गया है।
- उसे गिरफ्तार करने की न कोई सूचना दी गई, न ही उनके पास कोई नोटिस भेजा गया।
- आरोपी को एफआईआर की कॉपी भी नहीं दी गई है।
क्या कहना है आरोपी की पत्नी का?
- बसपा से करियर शुरू करने वाली और वर्तमान में सपा से महोबा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशु शिवहरे के मुताबिक, उनके पति का मामला दो साल से चल रहा है।
- हमने इसमें कोई पैरवी नहीं की, सब भगवान भरोसे छोड़ दिया।
- लेकिन उनका कहना है कि उनके पति पर लगाए गए सारे आरोप झूठे हैं। उन्हें भगवान और कोर्ट पर भरोसा है।
- बताया जाता है कि अंशु की सपा के दिग्गजों तक पकड़ है और महोबा में ओबीसी की एकमात्र महिला नेता हैं।
- अंशु को भी लगता है कि विपक्ष के लोगों द्वारा उनके पति को राजनीतिक कारणों से फंसाया जा रहा है।
- उनकी और उनके पति की उम्र बहुत कम है। ज्यादा उम्र के लोग उनकी कामयाबी नही देख पा रहे हैं।
सीएम का करीबी है परिवार
- बता दें, इस परिवार के अखिलेश यादव से भी बहुत अच्छे रिश्ते हैं।
- रमेश खुद आगामी विधानसभा चुनाव में सपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की तैयारी में था।
- रमेश के साथ कोर्ट आए रिश्तेदारों का कहना था कि जब रमेश को थ्रेशर के बिजनेस में घाटा हुआ, तो उसने कोचिंग खोल ली।
- जब कोचिंग भी नहीं चली तो वह सॉल्वर बन गया। लेकिन भोपाल में रहने वाले एक दोस्त ने रमेश को फंसा दिया।
रेलवे का पेपर आउट कराने का भी शक
- रमेश के खिलाफ सीबीआई ने करीब 6 अलग-अलग मामलों में एफआईआर दर्ज कराई थी।
- एसटीएफ एसपी अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि रमेश से पूछताछ में कई नए तथ्य सामने आए हैं।
- अब ये जानने की कोशिश की जा रही है कि क्या रमेश ने व्यापमं के अलावा किसी दूसरी परीक्षा के लिए सॉल्वर गैंग तो नहीं बनाया है।
- साथ ही ये भी पता लगाया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रेलवे का जो पेपर आउट हुआ था, उसमें कहीं इसका ही हाथ तो नहीं था।
- उन्होंने बताया कि रमेश को गिरफ्तार करने के साथ ही शहर की 3 कोचिंग संस्थाओं के पांच साल का रिकार्ड भी जब्त किया गया है।
- आशंका है कि ये कोचिंग संस्था भी शिवहरे का साथ दे रही थी।
क्या है व्यापमं घोटाला?
- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन प्रतियोगी व्यावसायिक परीक्षाओं को ऑर्गनाइज कराता है, जिन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग नहीं कराता।
- व्यापमं घोटाले में आरोप है कि कम्प्यूटर सूची में हेराफेरी करके गलत तरीके से अयोग्य लोगों को भर्ती कराया गया।
- व्यापमं के जरिए संविदा शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कॉन्स्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और नापतौल निरीक्षक की भर्तियां गलत तरीके से की गईं।
- व्यापमं की करीब 1000 भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इनकी जांच की जा रही है। मामले में कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को अरेस्ट भी किया गया है।
- बता दें, ये मामला 2013 के आसपास काफी चर्चा में आया था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में अब एसटीएफ इसकी जांच कर रहा है।
ये लोग हो चुके हैं अरेस्ट
- मामले में आईपीएस अधिकारी आरके शिवहरे को अरेस्ट किया गया था।
- उन पर आरोप है कि उन्होंने अपनी बेटी नेहा को प्री-पीजी मेडिकल में गलत तरीके से भर्ती कराया।
- पीएमटी परीक्षा में गड़बड़ी के मामले में अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के विनोद भंडारी को अरेस्ट किया जा चुका है।
- पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके ओएसडी ओपी शुक्ला भी अरेस्ट हो चुके हैं।
गवर्नर के खिलाफ दर्ज की गई थी एफआईआर
- घोटाले की जांच कर रही एसटीएफ ने मध्य प्रदेश के गवर्नर रहे रामनरेश यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी।
- मामले में उनके बेटे शैलेश यादव और ओएसडी धनराज यादव भी आरोपी हैं, जिनके नाम चार्जशीट में है।
- शैलेश यादव पर संविदा शिक्षक पद के 10 आवेदकों से पैसे लेकर पास कराने का आरोप है। परीक्षा को व्यापमं ही ऑर्गनाइज कराता है।
- धनराज यादव को मामले में अरेस्ट किया जा चुका है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC