शाजापुर। आरटीई के तहत इस बार से ऑनलाइन प्रक्रिया के तहत प्रवेश दिए
जाएंगे। इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा कवायद की जा रही है। इसके तहत
बीआरसीसी द्वारा पात्र निजी स्कूलों को आरटीई पोर्टल पर इम्पोर्ट कर शाला
की लोकेशन दर्ज कर दी गई है। अब विकासखंड स्तर से एज्युकेशन पोर्टल पर पड़ोस
एवं विस्तारित पड़ोस की सीमा दर्ज की जानी है।
इसे लेकर शिक्षा विभाग ने स्कूलों से दावे-आपत्ति आमंत्रित की है। सीमा तय होने से विद्यालय को योजना के तहत पहले अपने क्षेत्र के बच्चों को प्रवेश देना होगा। इसके बाद भी आरक्षित कोटे की सीटें खाली रहीं तो वह अन्य बच्चों को प्रवेश दे सकेगा।
दरअसल, आरटीई के तहत दिए जाने वाले प्रवेश में गड़बड़ी और सुस्ती पर लगाम लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2016-17 से प्रक्रिया ऑनलाइन की जा रही है, जिसे अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरे प्रदेश में एकसाथ प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होगी। जिला शिक्षा केंद्र के अनुसार निजी स्कूलों में शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत निशुल्क प्रवेश पर आगामी आदेश तक रोक लगाने संबंधी निर्देश मार्च माह में जारी किए गए थे। इसी आदेश में निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने संस्थान में 25 फीसद सीट आरटीई के तहत प्रवेश के लिए आरक्षित रखें। इन्ही सीटों पर ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। नई प्रक्रिया में निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए पालक किसी भी कियोस्क सेंटर से ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा कर सकेंगे। इसके बाद स्कूलों से इन आवेदनों में से चयनित कर बधाों को प्रवेश प्रदान किए जाएंगे। बधाों का चयन ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रहेगी और शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारी इसकी लगातार मॉनीटरिंग कर सकेगा। ऑनलाइन आवेदन और चयन किए जाने से अब किसी तरह की गड़बड़ी स्कूल संचालक नहीं कर सकेंगे। अभी तक यह होता था कि जिनके बधाों को प्रवेश नहीं मिलता था, वे पालक गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए शिकायतें करते थे। दिल्ली में आरटीई के तहत प्रवेश में घोटाल भी सामने आ चुका है। यही कारण है कि शासन ने अब इसकी प्रक्रिया ही बदल दी है। इससे पालकों केसामने भी पूरी स्थिति स्पष्ट रहेगी और आरोपों की गुंजाइश नहीं रहेगी।
जिले में 4 हजार से ज्यादा सीटें
जानकारी के मुताबिक जिले के चार ब्लॉक में 4 हजार से अधिक सीटों पर प्रवेश होना है। इनमें शाजापुर में करीब 1200, शुजालपुर में 1100, मोहन बड़ोदिया में 700 और कालापीपल में 1100 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है। हालांकि स्कूल प्रबंधन चाहे तो इससे भी अधिक सीटों पर प्रवेश दे सकते हैं।
28 तक दें सकते हैं दावे-आपत्ति
बीआरसीसी स्तर से एज्युकेशन पोर्टल पर पड़ोस एवं विस्तारित पड़ोस की सीमा दर्ज हेतु निजी स्कूलों से दावा-आपत्ति मांगे गए हैं। विद्यालय संचालक 28 मई तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए बीआरसीसी को स्कूल प्रबंध आपत्ति दर्ज कराएगे, जो बीआरसीसी जिला शिक्षा केंद्र को भेजेंगे। आपत्तियों का निराकरण कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति करेगी।
प्रक्रिया चल रही
- आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया इस सत्र से ऑन लाइन होगी। फिलहाल इसके लिए प्रक्रिया चल रही है।
- मुकेश दुबे, एपीसी जिला शिक्षा केंद्र
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इसे लेकर शिक्षा विभाग ने स्कूलों से दावे-आपत्ति आमंत्रित की है। सीमा तय होने से विद्यालय को योजना के तहत पहले अपने क्षेत्र के बच्चों को प्रवेश देना होगा। इसके बाद भी आरक्षित कोटे की सीटें खाली रहीं तो वह अन्य बच्चों को प्रवेश दे सकेगा।
दरअसल, आरटीई के तहत दिए जाने वाले प्रवेश में गड़बड़ी और सुस्ती पर लगाम लगाने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा सत्र 2016-17 से प्रक्रिया ऑनलाइन की जा रही है, जिसे अंतिम रूप देने की कवायद चल रही है। प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरे प्रदेश में एकसाथ प्रवेश प्रक्रिया प्रारंभ होगी। जिला शिक्षा केंद्र के अनुसार निजी स्कूलों में शिक्षा अधिकार अधिनियम के तहत 25 प्रतिशत निशुल्क प्रवेश पर आगामी आदेश तक रोक लगाने संबंधी निर्देश मार्च माह में जारी किए गए थे। इसी आदेश में निजी स्कूलों को निर्देश दिए गए थे कि वे अपने संस्थान में 25 फीसद सीट आरटीई के तहत प्रवेश के लिए आरक्षित रखें। इन्ही सीटों पर ऑनलाइन प्रक्रिया के माध्यम से प्रवेश दिया जाएगा। नई प्रक्रिया में निजी स्कूलों में निःशुल्क प्रवेश ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए पालक किसी भी कियोस्क सेंटर से ऑनलाइन आवेदन पत्र जमा कर सकेंगे। इसके बाद स्कूलों से इन आवेदनों में से चयनित कर बधाों को प्रवेश प्रदान किए जाएंगे। बधाों का चयन ऑनलाइन लॉटरी के माध्यम से किया जाएगा। खास बात यह है कि इस पूरी प्रक्रिया में पारदर्शिता रहेगी और शिक्षा विभाग और जिला शिक्षा केंद्र के अधिकारी इसकी लगातार मॉनीटरिंग कर सकेगा। ऑनलाइन आवेदन और चयन किए जाने से अब किसी तरह की गड़बड़ी स्कूल संचालक नहीं कर सकेंगे। अभी तक यह होता था कि जिनके बधाों को प्रवेश नहीं मिलता था, वे पालक गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए शिकायतें करते थे। दिल्ली में आरटीई के तहत प्रवेश में घोटाल भी सामने आ चुका है। यही कारण है कि शासन ने अब इसकी प्रक्रिया ही बदल दी है। इससे पालकों केसामने भी पूरी स्थिति स्पष्ट रहेगी और आरोपों की गुंजाइश नहीं रहेगी।
जिले में 4 हजार से ज्यादा सीटें
जानकारी के मुताबिक जिले के चार ब्लॉक में 4 हजार से अधिक सीटों पर प्रवेश होना है। इनमें शाजापुर में करीब 1200, शुजालपुर में 1100, मोहन बड़ोदिया में 700 और कालापीपल में 1100 सीटों पर प्रवेश दिया जाना है। हालांकि स्कूल प्रबंधन चाहे तो इससे भी अधिक सीटों पर प्रवेश दे सकते हैं।
28 तक दें सकते हैं दावे-आपत्ति
बीआरसीसी स्तर से एज्युकेशन पोर्टल पर पड़ोस एवं विस्तारित पड़ोस की सीमा दर्ज हेतु निजी स्कूलों से दावा-आपत्ति मांगे गए हैं। विद्यालय संचालक 28 मई तक आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। इसके लिए बीआरसीसी को स्कूल प्रबंध आपत्ति दर्ज कराएगे, जो बीआरसीसी जिला शिक्षा केंद्र को भेजेंगे। आपत्तियों का निराकरण कलेक्टर की अध्यक्षता वाली जिला स्तरीय समिति करेगी।
प्रक्रिया चल रही
- आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया इस सत्र से ऑन लाइन होगी। फिलहाल इसके लिए प्रक्रिया चल रही है।
- मुकेश दुबे, एपीसी जिला शिक्षा केंद्र
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