ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर शिक्षा विभाग द्वारा जारी आदेश से शिक्षकों में असमंजस बना हुआ है। मोबाइल मैसेज के जरिए 3 अलग-अलग आदेशों से शिक्षक समझ नहीं पा रहे हैं कि आखिर वे अवकाश मनाएं या फिर बच्चों को मध्यान्ह भोजन वितरित करवाएं।
इस संबंध में मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने जिला शिक्षाधिकारी को ज्ञापन देकर समस्या का निराकरण करवाने की मांग की गई है। इस संबंध में शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी शर्मा ने डीईओ को दिए गए ज्ञापन में कहा है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर जारी आदेश में काफी भ्रांतियां हैं। उन्होंने बताया कि सभी शिक्षकों के मोबाइल पर एक मैसेज भेजा गया है कि उन्हें अपने वार्ड-ग्राम का सर्वे करना है। परंतु इस संबंध में कोई प्रपत्र अथवा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। पुराने प्रपत्र सब भर चुके हैं जबकि समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है कि सभी आवश्यक प्रपत्र वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त किए जाएंगे। इसी प्रकार देखा जाता है कि शिक्षकों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर अविलंब कार्रवाई की हिदायत दी जाती है लेकिन जब निरीक्षण के लिए कोई पहुंचता है तो जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जाता है। यदि कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे तो उसे आदेश दिखाया जाए। इस संबंध में डीईओ ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
तीन तरह के आदेशों से बनी भ्रम की स्थिति
शिक्षक कांग्रेस ने डीईओ को बताया कि वर्तमान में तीन तरह के आदेश जारी किए गए हैं। पहला तो यह कि 16 अप्रैल से बच्चों के ग्रीष्म अवकाश प्रारंभ हो गए हैं। दूसरा यह कि विदिशा जिला सूखाग्रस्त घोषित हो गया है, इसलिए स्कूलों में बच्चों को अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन बांटा जाएगा। तीसरा आदेश यह है कि बच्चे एक बजे तक ही रुकें। तीनों आदेशों को लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। 30 अप्रैल तक स्कूल चलें हम सर्वे के दौरान शाला संचालन का समय क्या रहेगा। एमडीएम वितरण और सर्वे के दौरान क्या समस्त स्टाफ उपस्थित रहेगा। शिक्षकों का कहना है कि ग्रीष्मावकाश में मध्यान्ह भोजन वितरित करवाने व सर्वे के फलस्वरूप शिक्षकों के अर्जित अवकाश सुरक्षित किए जाएंगे या नहीं। पहले के सालों में भी अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन वितरण कराया गया लेकिन अर्जित अवकाश सुरक्षित करने संबंधी आदेश अब तक जारी नहीं किए गए।
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इस संबंध में मध्यप्रदेश शिक्षक कांग्रेस ने जिला शिक्षाधिकारी को ज्ञापन देकर समस्या का निराकरण करवाने की मांग की गई है। इस संबंध में शिक्षक कांग्रेस के जिलाध्यक्ष कृष्णबिहारी शर्मा ने डीईओ को दिए गए ज्ञापन में कहा है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश को लेकर जारी आदेश में काफी भ्रांतियां हैं। उन्होंने बताया कि सभी शिक्षकों के मोबाइल पर एक मैसेज भेजा गया है कि उन्हें अपने वार्ड-ग्राम का सर्वे करना है। परंतु इस संबंध में कोई प्रपत्र अथवा दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। पुराने प्रपत्र सब भर चुके हैं जबकि समाचार पत्रों में प्रकाशित हुआ है कि सभी आवश्यक प्रपत्र वरिष्ठ कार्यालय से प्राप्त किए जाएंगे। इसी प्रकार देखा जाता है कि शिक्षकों के मोबाइल पर मैसेज भेजकर अविलंब कार्रवाई की हिदायत दी जाती है लेकिन जब निरीक्षण के लिए कोई पहुंचता है तो जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया जाता है। यदि कोई अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे तो उसे आदेश दिखाया जाए। इस संबंध में डीईओ ने उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
तीन तरह के आदेशों से बनी भ्रम की स्थिति
शिक्षक कांग्रेस ने डीईओ को बताया कि वर्तमान में तीन तरह के आदेश जारी किए गए हैं। पहला तो यह कि 16 अप्रैल से बच्चों के ग्रीष्म अवकाश प्रारंभ हो गए हैं। दूसरा यह कि विदिशा जिला सूखाग्रस्त घोषित हो गया है, इसलिए स्कूलों में बच्चों को अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन बांटा जाएगा। तीसरा आदेश यह है कि बच्चे एक बजे तक ही रुकें। तीनों आदेशों को लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाहिए। 30 अप्रैल तक स्कूल चलें हम सर्वे के दौरान शाला संचालन का समय क्या रहेगा। एमडीएम वितरण और सर्वे के दौरान क्या समस्त स्टाफ उपस्थित रहेगा। शिक्षकों का कहना है कि ग्रीष्मावकाश में मध्यान्ह भोजन वितरित करवाने व सर्वे के फलस्वरूप शिक्षकों के अर्जित अवकाश सुरक्षित किए जाएंगे या नहीं। पहले के सालों में भी अवकाश के दौरान मध्यान्ह भोजन वितरण कराया गया लेकिन अर्जित अवकाश सुरक्षित करने संबंधी आदेश अब तक जारी नहीं किए गए।
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