नरसिंहपुर । सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी शिक्षक के पद के लिए शुरू हुई काउंसिलिंग विवादों में घिर गई है। अध्यापक संघ की आपत्ति के बाद अपर कलेक्टर ने नियमों का ध्यान रखने का निर्देश दिया है। जिलेभर के स्कूलों में उच्चश्रेणी शिक्षकों के पद के लिए पदोन्नति प्रक्रिया फिर विवादों में घिर गई है।
पदोन्नति के लिए शुक्रवार को जहां एक ओर सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग शुरू हुई वहीं दूसरी ओर अध्यापकों ने इस पर आपत्ति जता दी। अध्यापक संघ के पदाधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों से मिले और पदोन्नति के लिए नए स्कूलों को सूची में शामिल किए जाने को नियमानुसार गलत बताते हुए विरोध जताया। अध्यापकों की मांग पर अपर कलेक्टर डॉ. जेपी दुबे ने तत्काल ही जिला शिक्षा अधिकारी जेके मेहर को नियमों का पालन करने की हिदायत दे डाली।

सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए आयोजित काउंसिलिंग में नए हाई स्कूल एवं मिडिल स्कूलों के रिक्त पदों को प्रदर्शित किए जाने से अध्यापक नाराज हो उठे। अध्यापक सह संविदा शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने काउंसिलिंग स्थल पर ही पहुंचकर अपना विरोध जताया। संघ के जिलाध्यक्ष आशीष कटारे ने जिला शिक्षा अधिकारी को बताया कि नए हाईस्कूलों और मिडिल स्कूलों में 50 प्रतिशत पद संविदा शाला शिक्षक वर्ग दो की सीधी भर्ती से भरे जाते हैं। शेष 50 प्रतिशत पद सहायक अध्यापक से अध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में यहां उच्चश्रेणी शिक्षकों के लिए जगह ही कहां बचती है? जब जिला शिक्षा अधिकारी जेके मेहर ने कहा कि उन्होंने नए स्कूलों की सूची संकुल प्राचार्यों से बुलाई है तो सवाल किया गया कि वे यदि गलती करते हैं तो क्या उसे मान्य किया जाएगा? अध्यापक संघ ने काउंसिलिंग में रिक्त पदों की सूची से नए हाईस्कूल एवं मिडिल स्कूलों के रिक्त पदों को विलोपित करने की मांग भी की।
नियम का करें पालन
बाद में अध्यापक जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतिभा पाल से मिलने पहुंचे। वे नहीं मिलीं तो एडीएम जेपी दुबे सेमिलकर नियमों से अवगत कराते हुए अध्यापकों के लिए आरक्षित पदों पर उच्च श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति न किये जाने का आग्रह किया । इस पर अपर कलेक्टर ने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी को नियमानुसार काम करने के निर्देश दिए।
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पदोन्नति के लिए शुक्रवार को जहां एक ओर सहायक शिक्षकों की काउंसिलिंग शुरू हुई वहीं दूसरी ओर अध्यापकों ने इस पर आपत्ति जता दी। अध्यापक संघ के पदाधिकारी वरिष्ठ अधिकारियों से मिले और पदोन्नति के लिए नए स्कूलों को सूची में शामिल किए जाने को नियमानुसार गलत बताते हुए विरोध जताया। अध्यापकों की मांग पर अपर कलेक्टर डॉ. जेपी दुबे ने तत्काल ही जिला शिक्षा अधिकारी जेके मेहर को नियमों का पालन करने की हिदायत दे डाली।
सहायक शिक्षक से उच्च श्रेणी शिक्षक के पद पर पदोन्नति के लिए आयोजित काउंसिलिंग में नए हाई स्कूल एवं मिडिल स्कूलों के रिक्त पदों को प्रदर्शित किए जाने से अध्यापक नाराज हो उठे। अध्यापक सह संविदा शिक्षक संघ के पदाधिकारियों ने काउंसिलिंग स्थल पर ही पहुंचकर अपना विरोध जताया। संघ के जिलाध्यक्ष आशीष कटारे ने जिला शिक्षा अधिकारी को बताया कि नए हाईस्कूलों और मिडिल स्कूलों में 50 प्रतिशत पद संविदा शाला शिक्षक वर्ग दो की सीधी भर्ती से भरे जाते हैं। शेष 50 प्रतिशत पद सहायक अध्यापक से अध्यापक पद पर पदोन्नति के लिए आरक्षित हैं। ऐसे में यहां उच्चश्रेणी शिक्षकों के लिए जगह ही कहां बचती है? जब जिला शिक्षा अधिकारी जेके मेहर ने कहा कि उन्होंने नए स्कूलों की सूची संकुल प्राचार्यों से बुलाई है तो सवाल किया गया कि वे यदि गलती करते हैं तो क्या उसे मान्य किया जाएगा? अध्यापक संघ ने काउंसिलिंग में रिक्त पदों की सूची से नए हाईस्कूल एवं मिडिल स्कूलों के रिक्त पदों को विलोपित करने की मांग भी की।
नियम का करें पालन
बाद में अध्यापक जिला पंचायत की मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रतिभा पाल से मिलने पहुंचे। वे नहीं मिलीं तो एडीएम जेपी दुबे सेमिलकर नियमों से अवगत कराते हुए अध्यापकों के लिए आरक्षित पदों पर उच्च श्रेणी शिक्षकों की पदोन्नति न किये जाने का आग्रह किया । इस पर अपर कलेक्टर ने तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी को नियमानुसार काम करने के निर्देश दिए।
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