विदिशा। गर्मी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रामक बीमारियों का प्रकोप शुरू हो गया है। अहमदपुर क्षेत्र के तीन गांवों में चिकल पॉक्स के मरीज मिले हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने इन गांवों में पहुंचकर मरीजों का उपचार किया।
एक दिन पहले जिला योजना समिति की बैठक में राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने अहमदपुर क्षेत्र में ग्राम सायर में चिकन पॉक्स की बीमारी फैलने की जानकारी दी थी। इसके बाद मंगलवार को पीपलखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी बीएमओ एवं अहमदपुर के चिकित्सक अभिषेक सेन ने सायर सहित ग्राम कोसाखेड़ी एवं पेडूखेड़ी का दौरा किया। सेन ने बताया कि सायर में कुछ दिनों से चिकन पॉक्स की बीमारी फैली थी। जिसमें करीब 5-6 लोग चपेट में आए थे। लेकिन अब वे स्वस्थ हैं। यहां पर एक बालक चिकन पॉक्स से पीड़ित पाया गया। जिसका उपचार किया गया है। वहीं पेडूखेड़ी में 4 और कोसाखेड़ी में 2 मरीज पाए गए थे। वे भी इस बीमारी सेअब मुक्त हो गए हैं। डॉ. सेन ने बताया कि चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। जो शरीर की अस्वच्छता के कारण फैलती है। गर्मी के दिनों में पसीना आने और नियमित नहीं नहाने के कारण भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। उनका कहना था कि इस बीमारी से बचाव के लिए स्वच्छता, कपड़ों की सफाई और नियमित संतुलित भोजन करना चाहिए।
पेज 13 की बाटम
चार चरणों में चलेगा स्कूल चले हम अभियान
- समग्र पोर्टल पर अपडेट होगी बच्चों की सूची
फोटो नंबर 1
विदिशा। शिक्षा विभाग में स्कूल चलें हम अभियान को लेकर शुरू हो गईं तैयारियां।
विदिशा। सरकारी स्कूलों में 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के सभी बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराने के लिए इस साल भी स्कूल चलें हम अभियान शुरू हो गया है। इस बार यह अभियान चार चरणों में संचालित किया जाएगा। पहले चरण में ग्राम और वार्ड की शिक्षा पंजी तैयार करने एवं बच्चों का समग्र डाटाबेस तैयार करने का कार्य होगा।
जिला शिक्षा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार इस अभियान के लिए विकासखंड स्त्रोत समन्वयक को नोडल अधिकारी घोषित किया गया है। वहीं सर्वे टीम में स्कूली शिक्षकों के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं, पंचायत सचिवों एवं प्रेरकों को शामिल किया गया है। संबंधित वार्ड के प्राइमरी और मिडिल स्कूल के प्रधान पाठकों को दल प्रभारी बनाया गया है। जानकारी के अनुसार समग्र शिक्षा पोर्टल से उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह दल घर-घर दस्तक देकर प्रवेशी और अप्रवेशी बच्चों की जानकारी हासिल करेगा। वहीं वार्ड में निवास नहीं करने वाले बच्चों के नाम पोर्टल से हटाने की प्रक्रिया भी करेंगे। डीपीसी विनोद चौधरी के मुताबिक आज बुधवार को इन दलों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं गुरुवार से इस सर्वे की शुरूआत कर दी जाएगी।
शिक्षा पंजी तैयार करने में जुटे शिक्षक
जिले में चलाए जा रहे ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान ही शिक्षकों द्वारा भी ग्राम शिक्षा पंजी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसके तहत 6 से 14 आयु समूह के सभी बच्चों के नामांकन एवं उनकी शाला में उपस्थिति पर चर्चा की जा रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस बार शाला से एक माह तक गैर हाजिर रहने वाले या तीन माह के दौरान 20 फीसदी से कम उपस्थिति वाले बच्चों को अलग श्रेणी में रखा गया है। उन बच्चों को आवासीय एवं गैर आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से शिक्षित किया जाएगा।
गर्मी ने बढ़ाई दिक्कतें
भीषण गर्मी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों को सर्वे में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इनमें महिला कर्मचारियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महिला कर्मचारियों के मुताबिक तेज गर्मी के दौरान घर-घर पहुंचकर सर्वे करने में बीमार होने का खतरा बढ़ गया है। वहीं दोपहर के समय कई परिवार घर पर उपलब्ध नहीं होते हैं। जिसके कारण उन्हें दोबारा घर तक पहुंचना पड़ता है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
एक दिन पहले जिला योजना समिति की बैठक में राजस्व विभाग के एक अधिकारी ने अहमदपुर क्षेत्र में ग्राम सायर में चिकन पॉक्स की बीमारी फैलने की जानकारी दी थी। इसके बाद मंगलवार को पीपलखेड़ा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी बीएमओ एवं अहमदपुर के चिकित्सक अभिषेक सेन ने सायर सहित ग्राम कोसाखेड़ी एवं पेडूखेड़ी का दौरा किया। सेन ने बताया कि सायर में कुछ दिनों से चिकन पॉक्स की बीमारी फैली थी। जिसमें करीब 5-6 लोग चपेट में आए थे। लेकिन अब वे स्वस्थ हैं। यहां पर एक बालक चिकन पॉक्स से पीड़ित पाया गया। जिसका उपचार किया गया है। वहीं पेडूखेड़ी में 4 और कोसाखेड़ी में 2 मरीज पाए गए थे। वे भी इस बीमारी सेअब मुक्त हो गए हैं। डॉ. सेन ने बताया कि चिकन पॉक्स एक संक्रामक बीमारी है। जो शरीर की अस्वच्छता के कारण फैलती है। गर्मी के दिनों में पसीना आने और नियमित नहीं नहाने के कारण भी इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। उनका कहना था कि इस बीमारी से बचाव के लिए स्वच्छता, कपड़ों की सफाई और नियमित संतुलित भोजन करना चाहिए।
पेज 13 की बाटम
चार चरणों में चलेगा स्कूल चले हम अभियान
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विदिशा। शिक्षा विभाग में स्कूल चलें हम अभियान को लेकर शुरू हो गईं तैयारियां।
विदिशा। सरकारी स्कूलों में 6 वर्ष से लेकर 14 वर्ष तक के सभी बच्चों का स्कूलों में नामांकन कराने के लिए इस साल भी स्कूल चलें हम अभियान शुरू हो गया है। इस बार यह अभियान चार चरणों में संचालित किया जाएगा। पहले चरण में ग्राम और वार्ड की शिक्षा पंजी तैयार करने एवं बच्चों का समग्र डाटाबेस तैयार करने का कार्य होगा।
जिला शिक्षा केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार इस अभियान के लिए विकासखंड स्त्रोत समन्वयक को नोडल अधिकारी घोषित किया गया है। वहीं सर्वे टीम में स्कूली शिक्षकों के अलावा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं एवं आशा कार्यकर्ताओं, पंचायत सचिवों एवं प्रेरकों को शामिल किया गया है। संबंधित वार्ड के प्राइमरी और मिडिल स्कूल के प्रधान पाठकों को दल प्रभारी बनाया गया है। जानकारी के अनुसार समग्र शिक्षा पोर्टल से उपलब्ध जानकारी के आधार पर यह दल घर-घर दस्तक देकर प्रवेशी और अप्रवेशी बच्चों की जानकारी हासिल करेगा। वहीं वार्ड में निवास नहीं करने वाले बच्चों के नाम पोर्टल से हटाने की प्रक्रिया भी करेंगे। डीपीसी विनोद चौधरी के मुताबिक आज बुधवार को इन दलों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। वहीं गुरुवार से इस सर्वे की शुरूआत कर दी जाएगी।
शिक्षा पंजी तैयार करने में जुटे शिक्षक
जिले में चलाए जा रहे ग्राम उदय से भारत उदय अभियान के दौरान ही शिक्षकों द्वारा भी ग्राम शिक्षा पंजी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिसके तहत 6 से 14 आयु समूह के सभी बच्चों के नामांकन एवं उनकी शाला में उपस्थिति पर चर्चा की जा रही है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक इस बार शाला से एक माह तक गैर हाजिर रहने वाले या तीन माह के दौरान 20 फीसदी से कम उपस्थिति वाले बच्चों को अलग श्रेणी में रखा गया है। उन बच्चों को आवासीय एवं गैर आवासीय प्रशिक्षण केन्द्रों के माध्यम से शिक्षित किया जाएगा।
गर्मी ने बढ़ाई दिक्कतें
भीषण गर्मी के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षकों को सर्वे में काफी दिक्कतें आ रही हैं। इनमें महिला कर्मचारियों को ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। महिला कर्मचारियों के मुताबिक तेज गर्मी के दौरान घर-घर पहुंचकर सर्वे करने में बीमार होने का खतरा बढ़ गया है। वहीं दोपहर के समय कई परिवार घर पर उपलब्ध नहीं होते हैं। जिसके कारण उन्हें दोबारा घर तक पहुंचना पड़ता है।
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