Recent

Recent News

माता-पिता लापरवाह, सजा मिलेगी शिक्षक को

ग्वालियर। मध्यप्रदेश सरकार के शिक्षा विभाग ने बच्चों के प्रति लापरवाही बरतने वाले माता-पिता की सजा अब शिक्षकों को देने की तैयारी कर ली है। इसका खामियाजा प्रदेश के कई कर्तव्यनिष्ठ शिक्षक चुपचाप भुगत रहे हैं।
मध्यप्रदेश में निवास करने वाले दम्पति का काम अब केवल संतान को जन्म देना भर रह गया है। संतान जन्म के उपरांत बच्चा स्कूल जाने तक माता-पिता जैसी भी देखभाल कर ले काफी है। स्कूल में दाखिला दिलाते ही मां-बाप बच्चों के प्रति चिंता करना छोड़ दे। प्रदेश सरकार ने अपने वोट बैंक को बढ़ाने के लिये खाका तैयार किया है, जिसमें स्कूल में दाखिला लेने पर बच्चे का समग्र आईडी, जाति-आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड व बैंक खाता छात्र का या उसके मां-बाप का जमा करना अनिवार्य कर दिया है।


पहले उक्त सभी दस्तावेज की कोई आवश्यकता नहीं होती थी। समग्र आईडी, जाति-आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, छात्रवृत्ति बैंक खाता इन सबको बनवाने के लिये क्रमश: नगर निगम राजस्व विभाग, सांख्यिकी विभाग एवं बैंक कार्यालय के प्रत्येक जिला में हजारों की संख्या में कर्मचारी मोटी तनख्वाह हर माह पाकर पदस्थ है। कोई व्यक्ति को संबंधित विभाग में जाकर आवश्यक कागजात जमा कर अपनी आईडी, पुत्र-पुत्री या स्वयं का जाति, आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड व बैंक खाता खुलवा लिया करता था। तत्पश्चात स्कूल में फोटो कॉपी जमा करता था। प्रदेश शासन ने इन सब विभागों के काम का बोझा कम करते हुये, छात्र की समग्र आईडी, जाति-आय प्रमाण पत्र, आधार कार्ड व बैंक खाता खुलवाने का जिम्मा अब शिक्षा विभाग स्कूल को सौंप दिया है। 

शिक्षकों पर एक साथ नगर निगम राजस्व, अनुसूचित जाति एक पिछड़ा वर्ग विभाग सांख्यिकी व बैंक काम आ जाने से बोझ बढ़ गया है। उसका मानसिक संतुलन बिगड़ चुका है। जिसके कारण शिक्षक बच्चों की कक्षा सही तरीके या काफी समय तक कक्षा में पढ़ाने पहुंचते ही नहीं है। स्टाफ रूप में बैठकर इन गैर शैक्षणिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं, जबकि इन सभी दस्तावेजों को बनवाने का जिम्मा बच्चों के पालकों का है। हर विभाग की अपने नियम व आवश्यक कागजात की मांग अलग-अलग है। बेचारा शिक्षक रोजाना बच्चों को आईडी बनवाने हेतु परिवार का राशन कार्ड, आय-जाति प्रमाण बनवाने हेतु परिवार का राशन कार्ड कोई ऐसा कागज जिसमें छात्र के परिवार की जाति दर्ज हो छात्र व पिता की फोटो आदि की मांग छात्र से की जाती है। कई बार शिक्षकों द्वारा माता-पिता को कागज चाहने के लिए स्कूल में बुलाकर कहा भी गया, लेकिन मां-बाप द्वारा कल कागज भिजवाने की कहकर वापस चले जाते हैं। दूसरे दिन छात्र स्कूल नहींआता या मम्मी-पापा आयेंगे कहकर देता है। लापरवाह मां-बाप समय पर कागज देते नहीं है। शिक्षक आधा अधूरी जानकारी समेटकर ऊपर विभाग को सौंप देता है। भेजी गई आधी अधूरी जानकारी के कारण वरिष्ठ अधिकारी संबंधित शिक्षक को कारण बताओ नोटिस वेतन वृद्धि रोकना यहां तक की काम में लापरवाही बरतने का आरोप लगाकर सेवा से निलंबित का तानाशाही फरमान थमा देते हैं।


शिक्षक कभी सत्य बोलने का प्रयास कर भी दें तो वरिष्ठ अधिकारी उसे फटकार लगाकर उनकी आवाज खामोश कर देते हैं। सत्य को सुनने वाला कोई नहीं होने से शिक्षकों का मानसिक रूप पागल हो चुका है। अशासकीय शिक्षकों संकुल प्रभारी स्कूल की मान्यता रद्द करने की धमकी या नोटिस थमा देता या मान्यता का चाबुक दिखाकर उसे गैर शैक्षणिक कार्य कराने को मजबूर किया जा रहा है। 


शिक्षा विभाग की नीतियों से तंग आ चुका एक शिक्षक ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि यह सब केवल वोट कबाडऩे की राजनीति है। शिक्षक का काम केवल छात्र को पढ़ाना व देश के लिये होनहार बनाना, शिक्षक पढ़ा नहीं पा रहे कैसे होनहार बने। शासन ने नगर निगम सांख्यिकी विभाग, बैंक, पिछड़ा वर्ग विभाग व राजस्व विभाग क्यों खोलकर हर माह करोड़ों रुपए कर्मचारियों के वेतन पर रखे हुये हैं। काम नहीं तो वेतन कैसा शिक्षक पढ़ाने के अलावा इन विभागों का काम कर रहा है। यह कहां का न्याय है। शिक्षकों का वेतन ज्यादा से ज्यादा बढ़ा दें और ये भिाग बंद कर दिये जाये। आजादी से लेकर पिछले तीन सालों तक जाति-आय प्रमाण पत्र, बैंक खाता आदि की जिम्मेदारी केवल माता-पिता की रहनी थी कि वह संबंधित विभाग में जाकर मांगे गये। कागजों को आवेदन पत्र भरकर जमा करें, उसी विभाग से प्रमाण पत्र आदि बने हुये तैयार मिलेंगे। अब सरकार ने शिक्षकों के सीधेपन का फायदा उठाते हुये यह सब काम अध्यापकों के सौंपे हैं, जिससे मां-बाप व शिक्षक को छोड़कर उक्त विभागीय कर्मचारियों को आराम से बैठने की तनख्वाह दे रही है। 


शिक्षक ने अपनी पीड़ा बताते हुये संधे कंठ से बताया कि लापरवाह माता-पिता की सजा हम शिक्षकों को बिना वजह दी जा रही है। एसी कमरों में बैठे अधिकारी जमीनी हकीकत सुनने को तैयार नहीं है, वह रोज नया आदेश जारी कर शिक्षकों को परेशान कर रहे हैं।


सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC

Facebook

Comments

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();