इंदौर। हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी बोर्ड
की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में त्रुटि करने वाले शिक्षकों की सूची
कर ली गई है। इसमें इंदौर सहित प्रदेश के करीबन चार हजार शिक्षक शामिल है।
जिन पर जल्द ही कार्रवाई होगी। मिली जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा 10वीं और 12वीं की
उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों को मूल्यांकन से पूर्व
ही यह निर्देश दिए जाते है कि किसी भी हालत में किसी तरह की गड़बड़ी नहीं हो।
फिर भी यदि मूल्यांकन में त्रुटि होती है तो शिक्षक पर प्रति त्रुटि 25
रुपए के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा। इस तरह से पिछले दो वर्षो से
माशिमं द्वारा शिक्षकों पर जुर्माना बसूला जा रहा है। लेकिन इस वर्ष तो
बोर्ड उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन कार्य में बड़े पैमाने पर त्रुटियां
उजारग हुई। जिनमें छात्रों के 60 नंबर की जगह शून्य और 75 की जगह 55 दर्ज
मिले है। ऐसी त्रुटियां करने वाले शिक्षकों पर मंडल ने कार्रवाई करने का मन
बनाते हुए उनकी सूची तैयार की है जिसमें इंदौर सहित पूरे प्रदेश के करीबन
चार हजार शिक्षकों के नाम शामिल है। इन शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई किए जाने
के संकेत मिल रहे है।
आयुक्त को अधिकार –
माशिमं जिन शिक्षकों पर कार्रवाई करना चाह रहा है उन पर कार्रवाई के
निर्देश शिक्षा विभाग के आयुक्त ही दे सकते है। इसके चलते मंडल ने शिक्षकों
की सूची तैयार कर आयुक्त डी डी अग्रवाल को सौप दी है। जिससे मूल्यांकन में
लापरवाही करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई हो सके।
पूरक की जानकारी मांगी –
मंडल सूत्रों के मुताबिक माशिमं ने हाई स्कूल और हायर सेकण्डरी की पूरक
परीक्षा में मूल्यांकन करने वाले शिक्षकों की जानकारी भी मूल्यांकन
केंद्रों से मांगी है। उनकी सूची मिलते ही उन पर भी कार्रवाई की जाएगी।
राशि काट लेते हैं –
मूल्यांकन अधिकारी श्रीमती रजनी जादौन ने बताया कि जिस शिक्षक के मूल्यांकन
कार्य में त्रुटि मिलती है मंडल से उस पर लगाए गए जुर्माने की राशि उसके
मूल्यांकन राशि के भुगतान की जाने वाली राशि से काट ली जाती है। अब जिन
शिक्षक ों पर आयुक्त कार्रवाई करेंगे। उन पर क्या गाज गिरेगी यह तो बाद में
पता चलेगा।
कार्य की अधिकता –
शिक्षकों और प्राचार्यो का कहना है कि शासन ने शिक्षकों को इतने कार्य सौंप
दिए है कि कामकाज की अधिकता की वजह से शिक्षकों से मूल्यांकन में त्रुटि
हो जाती है। ऐसे में उनसे जुर्माना भी बसूला जाता है। अब कड़ी कार्रवाई करना
उचित नहीं है।
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