Advertisement

मानदेय शब्द हटाकर वेतन की श्रेणी में रखा जाए, वेतन 15 हजार करने की मांग

घर-घर जाकर टीकाकरण, स्वास्थ्य शिक्षा के साथ सरकारी योजनाओं की अलख जगाने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को 5 हजार व सहायिका को 2500 रूपए का मानदेय में बढ़ोत्तरी समेत अन्य मांगों को लेकर 2 सितम्बर को स्वास्थ्य कार्यकर्ता एकता यूनियन जिला मुख्यालय में जंगी प्रदर्शन करने जा रहा है।

सेवा समाप्ति पर कार्यकर्ताओं को दो लाख दिए जाएं
यूनियन ने सरकार पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप लगाया है। यूनियन ने समय-समय पर सरकार से मांग की जाती है कि मानदेय शब्द हटाकर वेतन की श्रेणी में रखा जाए। 2 अक्टूबर 1975 से प्रारंभ योजना को पूरे 39 वर्ष हो गए। आईसीडीएस आयोग को मिशन बनाकर कार्यकर्ताओं का शोषण किया जा रहा है। यूनियनों ने मंहगाई के इस दौर में न्यूनतम 15 हजार का वेतन देने के साथ ही सेवा समाप्ति पर 2 लाख रुपए कार्यकर्ता और 1 लाख रुपए सहायिका को देने की मांग की है। यूनियन का कहना है कि विभाग में कार्यरत सुपरवाइजर पीओ और कार्यालयीन स्टाफ सभी शासकीय होते है। लेकिन विभाग की नींव इन वर्करों को शासकीय दर्जा प्राप्त नहीं है। सरकार की योजनाओं को घर घर तक क्रियान्वयन करने वाली कार्यकर्ता अपनी मांगों के लिए प्रदर्शन व आंदोलन करती है तो विभाग में बैठे अधिकारी इनकी आवाज को दबाने के लिए नए नए फरमान जारी कर देते है।जिले में जब भी ऐसी कोई योजना वर्करों के द्वारा बनाई जाती है। अधिकारी भय दिखाकर आंदोलन को दबा देते है। 2 सितम्बर को कलेक्टे्रट के सामने एकता यूनियन के बैनर तले अपनी मांगों को लेकर जंगी प्रदर्शन करेगा।

बैठक में बुलाते हैं, फिर कह देते हैं स्थगित हो गई

परियोजना से कार्यकर्ताओं को आंदोलन रोकने की चेतावनी दी जा रही है। 2 सितंबर को ब्लाक में परियोजना स्तर की बैठक व प्रशिक्षण रखा गया है। दिलचस्प बात यह है कि सप्ताह में 3 दिन मिंटिग के नाम पर कार्यकर्ताओं को मुख्यालय बुलाया जाता है। 2-3 घंटे परेशान होने के बाद में यह कह दिया जाता है कि मीटिंग स्थगित कर दी जाती है। सभी कार्यकर्ताओं से प्रदर्शन में शामिल होने की अपील आंगनबाडी कार्यकर्ता सहायिका एकता यूनियन सीटू शाखा सिवनी जिलाध्यक्ष गायत्री बाजपेयी ने की है।



सरकारी नौकरी - Government Jobs - Current Opening

UPTET news

'; (function() { var dsq = document.createElement('script'); dsq.type = 'text/javascript'; dsq.async = true; dsq.src = '//' + disqus_shortname + '.disqus.com/embed.js'; (document.getElementsByTagName('head')[0] || document.getElementsByTagName('body')[0]).appendChild(dsq); })();

Facebook