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पूर्व की भाजपा सरकार में ढेरों वित्तीय गड़बड़ियां, अब कांग्रेस सरकार भी कर रही दुरुपयोग

भास्कर संवाददाता | बुरहानपुर

जनपद पंचायत बुरहानपुर सीईओ के एक पत्र से स्पष्ट हो गया है कि प्रदेश की सबसे बड़ी ग्राम पंचायत एमागिर्द में अब भी सरकारी राशि के दुरुपयोग पर रोक नहीं लगी है। पत्र में उल्लेख है कि नियम विरुद्ध 3.49 लाख रुपए का पंचायत खर्च निकालने के लिए मुझ पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। पिछले महीने भी कर्मचारियों के वेतन और साफ-सफाई सहित अन्य खर्च के लिए 3.20 लाख रुपए भुगतान कर चुके हैं।


ग्राम पंचायत एमागिर्द में पूर्व की भाजपा की सरकार में ढेरों वित्तीय गड़बड़ियां सामने आई हैं। भाजपा की गुटबाजी में हुई वित्तीय गड़बड़ियों पर यहां के सरपंच-सचिवों पर भी भ्रष्टाचार के कई आरोप लगे हैं। जिला पंचायत और जनपद पंचायत को भी दर्जनों शिकायतें मिलती रही हैं। इसके चलते करीब चार महीने पहले जिला पंचायत सीईओ ने सरपंच रेखाबाई पति प्रताप और सचिव वाला कान्हा से सभी वित्तीय अधिकार छीन लिए थे। यह अधिकार उन्होंने बुरहानपुर जनपद पंचायत सीईओ केके खेड़े को देकर राशि के दुरुपयोग पर रोक लगाने का प्रयास किया। हालांकि अब कांग्रेस सरकार में भी सरकारी राशि के दुरुपयोग पर रोक नहीं लगी है। अब यहां वर्तमान सरकार से जुड़े दो गुट और भाजपा का एक गुट सक्रिय है। ये पंचायत के विकास के लिए मिलने वाली राशि की बंदरबांट करने में जुटे हुए हैं।

पूर्व की भाजपा सरकार में ढेरों वित्तीय गड़बड़ियां, अब कांग्रेस सरकार भी कर रही दुरुपयोग

मुझे भुगतान की अनुमति के दायित्व से मुक्त करें- सीईओ

जनपद पंचायत सीईओ केके खेड़े ने 18 नवंबर को जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना को पत्र लिखा था। इसमें उल्लेख है कि सरपंच और सचिव द्वारा ग्राम पंचायत से संबंधित भुगतान के प्रस्ताव अधूरे रखकर प्रक्रिया पूरी नहीं की जा रही है। इससे भुगतान करने में असुविधा हो रही है। पिछले सितंबर-अक्टूबर में साफ-सफाई और कर्मचारियों के वेतन के 3 लाख 20 हजार 800 रुपए के भुगतान को अनुमति दी थी। दोबारा कर्मचारियों के वेतन, साफ-सफाई और अन्य देयकों सहित अन्य 99 हजार रुपए निकलवाए। 2 लाख 49 हजार रुपए के भुगतान के लिए प्रस्ताव आया है। नियम अनुसार प्रक्रिया अधूरी होने पर प्रस्ताव संशोधित कर बुलवाए हैं। पंचायत से प्रस्ताव लेने में देरी के कारण भुगतान में भी देरी हुई है। इसमें देरी होने पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। निवेदन है कि मुझे एमागिर्द पंचायत के भुगतान की अनुमति के दायित्व से मुक्त करें।

समीक्षा बैठक : तुम्हारे यहां ढेरों काम अधूरे पड़े हैं, सिर्फ रुपए निकलवाना जानते हो- खेड़े

मंगलवार को समीक्षा बैठक में भी अधूरे कामों पर जनपद पंचायत सीईओ खेड़े ने सचिव वाला कान्हा को फटकार लगाई थी। उन्होंने कहा था कि तुम्हारे यहां ढेरों काम अधूरे पड़े हैं। तुम तो सिर्फ खातों से रुपए निकलवाना जानते हो। काम पूरे करके कौन देगा। सचिव को करीब 15 मिनट तक खड़े रखकर निर्माण कार्यों की जानकारी ली। गड़बड़ी मिलने पर उन्होंने निलंबित करने तक की चेतावनी दे डाली।

राजनीतिक दबाव में ट्रांसफर कराने के लिए तीन महीने तक छुट्टी पर रहे थे पूर्व सीईओ राकेश शर्मा

मार्च-अप्रैल 2017 में पूर्व जनपद सीईओ राकेश शर्मा ने तत्कालीन कलेक्टर दीपकसिंह और शासन को पत्र लिखा था। इसमें कहा था कि उन पर राजनीतिक दबाव बनाया जा रहा है। उन्होंने किसी भी परिस्थिति में बुरहानपुर जनपद में नहीं रहने की इच्छा जताई थी। उनका कहना था चाहे मुझे निलंबित कर दो लेकिन बुरहानपुर में काम नहीं करूंगा। इसके लिए उन्होंने छुट्‌टी का आवेदन भी दिया था। करीब तीन महीने सीईओ का प्रभार ब्रजेश पटेल के पास रहा। जून में शर्मा का मंदसौर स्थानांतरण कर दिया गया। बुरहानपुर में सीईओ अनिल पंवार को लाया गया। वे भी फर्जी शिक्षक भर्ती घोटाले में जेल चले गए थे।

वाला कान्हा

मैंने पत्र लिखकर वित्तीय अधिकार वापस लेने का निवेदन किया है


मैंने अधिकार वापस नहीं लिए, जनपद सीईओ से कहा है बिना जांच कोई भुगतान न करें 

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