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पिछले 6 साल से शिक्षकों की भर्ती नहीं , हाईस्कूल में 80 बच्चों को सिर्फ दो विषय पढ़ाते हैं अतिथि शिक्षक

भास्कर संवाददाता|श्योपुर/कराहल विभागीय स्तर पर पिछले 6 साल से शिक्षकों की भर्ती नहीं हुई है। वहीं अधिकारियों ने स्कूल में पदस्थ शिक्षकों को भी छात्रावास व आश्रमों का अधीक्षक बना दिया है। स्कूल में पढ़ाने के लिए अतिथि शिक्षक नियुक्त किए गए हैं।
अतिथि शिक्षकों के भरोसे शिक्षण व्यवस्था चरमरा रही है। 31 हजार बच्चों के भविष्य को लेकर अभिभावक आशंकित रहते हंै। आयुक्त से लेकर कलेक्टर को कई बार शिकायत के बाद भी हालात सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं। प्राइमरी और मिडिल स्कूलों में अगले माह एडलाइन टेस्ट होना है, लेकिन अभी तक कई स्कूलों में अधिकांश विषयों का कोर्स अधूरा है। खास बात यह है कि अधिकांश स्कूलों में रिकार्ड में कोर्स तो 80 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है। हकीकत में 40 प्रतिशत भी कोर्स पूरा नहीं हो सकता है। वहीं जिम्मेदार अधिकारी भी व्यवस्थाओं के आगे बेबस नजर आ रहे हैं। बीआरसी और बीईओ खुद स्कूलों में जाकर कोर्स पूरा कराने पर जोर दे रहे हैं।

कराहल क्षेत्र के सीलाेरी प्राइमरी स्कूल में बच्चाें काे पढ़ाते शिक्षक।

हाईस्कूल में 80 बच्चों को सिर्फ दो विषय पढ़ाते हैं अतिथि शिक्षक

ग्राम पनार में शासकीय हाईस्कूल में स्थापना के तीन साल बाद भी प्राचार्य तो दूर एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं हुआ है। मिडिल स्कूल के हेडमास्टर को हाईस्कूल का चार्ज दे रखा है। विद्यालय में कक्षा 9 और 10 वीं में अध्ययनरत 80 बच्चों को पढ़ाने के लिए 4 अतिथि शिक्षक लगाए हैं। अतिथि शिक्षक सिर्फ हिंदी और सामान्य विज्ञान विषय पढ़ाते हैं। अन्य विषयों के शिक्षक ही नहीं हैं।

पनार मिडिल स्कूल में कक्षा 6, 7 और 8वीं में 40 प्रतिशत कोर्स भी पूरा नहीं

ग्राम पनार के शासकीय माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ शिक्षक के पास हाईस्कूल का प्रभार भी है। विद्यालय मे अध्ययनरत 86 बच्चों को पढ़ाने के लिए विभाग ने अतिथि शिक्षक लगा रखा है। कक्षा 6, 7 एवं 8वीं के बच्चों का कहना है कि अंग्रेजी, विज्ञान, गणित, हिंदी और संस्कृत विषय का कोर्स 40 फीसदी भी नहीं हुआ है। जबकि स्कूल के रिकॉर्ड में 80 प्रतिशत कोर्स पूरा करा दिया गया है।

कराहल ब्लॉक में क्रमोन्नत किए शासकीय मिडिल और हाईस्कूल में शिक्षक नहीं किए पदस्थ

स्कूलों में अभी 315 शिक्षकों की जरूरत 

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