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खराब प्रदर्शन वाले शिक्षकों को 20-50 के तहत दे दी जाएगी अनिवार्य सेवानिवृत्ति : चौधरी

भोपाल। नवदुनिया प्रतिनिधि
प्रदेश में खराब प्रदर्शन वाले शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग अब सख्ती से पेश आएगा। नकल करके भी दोबारा पास न होने वाले शिक्षकों को 20-50 फार्मूला के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी। इन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने एक कमेटी का गठन किया गया है, जिसकी अध्यक्ष संचालक राज्य शिक्षा केंद्र आइरिन सिंथिया को बनाया गया है।
वहीं लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ तीन तरह से कार्रवाई कर शिकंजा कसा जाएगा। पहला 20-50 फार्मूले के तहत, दूसरा विभागीय जांच कर व तीसरा ऐसे प्रायमरी टीचर जो हाईस्कूल में पढ़ा रहे हैं उन्हें नोटिस जारी किया जाएगा। यह जानकारी बुधवार को मीडिया कार्यशाला के दौरान शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने दी। एक निजी होटल में आयोजित यह कार्यशाला करीब साढ़े तीन घंटे चली। जिसमें स्कूल शिक्षा मंत्री ने शिक्षा विभाग को उत्कृष्ठ बनाने के लिए बेहतर प्रयास और मीडिया से सहयोग के संबंध में चर्चा की।
उन्होंने बताया कि स्कूलों में तीस फीसदी से कम रिजल्ट देने वाले शिक्षकों की परीक्षा आयोजित की गई थी। इस परीक्षा में दूसरी बार भी 33 फीसदी तक अंक नहीं लाने वाले 30 शिक्षक पर हाई पावर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया है। इसमें 20 साल की नौकरी और 50 की उम्र पार कर चुके शिक्षकों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी, जबकि इस दायरे में नहीं आने वाले फेल शिक्षकों के खिलाफ विभागीय जांच बैठाई जाएगी।
कार्यशाला में छाया रहा ट्रांसफर व साउथ कोरिया का मामला
कार्यशाला में मंत्री से मीडिया के सवाल-जबाव के दौरान ट्रांसफर व साउथ कोरिया टूर का मुद्दा छाया रहा। विभाग में किए गए 38 हजार से अधिक थोकबंद ट्रांसफर को मंत्री ने उपलब्धि बताया, लेकिन वह गांव के स्कूल खाली होने के संबंध में स्पष्ट जबाव नहीं दे पाए। साउथ कोरिया के मुद्दे पर कहा कि इससे विभाग के अधिकारियों व प्राचार्यों को एक्सपोजर मिला है। हालांकि मंत्री ने स्पष्ट किया कि दस महीने पहले तक शिक्षक सही ढंग से बच्चों की कॉपी चैक नहीं कर रहे थे। इस कॉपी चैकिंग को सख्ती से हमारी सरकार में लागू किया गया। प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा रश्मि अरुण शमी ने कहा कि शिक्षकों के कापी चैक नहीं करने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही थी।
5वीं व आठवीं बोर्ड में फेल होने वाले बच्चों को उसी सत्र में दिया जाएगा दोबारा मौका
केंद्र से हरी झंडी मिलने के दस साल बाद मप्र स्कूल शिक्षा विभाग ने इस सत्र से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पांचवीं व आठवीं कक्षा के बच्चों की परीक्षा पैटर्न पर कराने का निर्णय लिया। सत्र 2019-20 में कक्षा 5वीं एवं 8वीं की परीक्षा में अगर बच्चे फेल हो गए तो उन्हें उसी सत्र में दोबारा परीक्षा देने का मौका मिलेगा। दोबारा ली गई परीक्षा में पास होने पर उन्हें अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा। बच्चों के फेल होने के साथ विभाग ने शिक्षकों की परीक्षा लेने का निर्णय ले रहा है। इसमें 5 वीं-8वीं के जिन स्कूलों का तीस फीसदी से कम रिजल्ट होगा, उन स्कूलों के शिक्षकों की परीक्षा ली जाएगी। यह शिक्षक परीक्षा में 33 फीसदी से कम अंक लाते है, तो उन्हें अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जाएगी।
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13 सरकारी स्कूलों में दक्षिण कोरिया की तरह मोबाइल एप से होगी पढ़ाई
प्रदेश के 13 स्कूलों में दक्षिण कोरिया की तरह मोबाइल एप से पढ़ाई होगी। शिक्षा विभाग ने इसके लिए मोबाइल एप लांच कर दिया है। इस एप पर शिक्षक व छात्र आपस में जुड़ सकेंगे। इस एप पर पायलट प्रोजेक्ट के तहत अभी प्रदेश के 13 सरकारी स्कूलों के शिक्षक व छात्रों को जोड़ा गया है। इसके सफल होने पर प्रदेश भर के स्कूलों के छात्र व शिक्षकों को एप से जोड़ा जाएगा। ये स्कूल भोपाल व रायसेन जिले के हैं। दक्षिण कोरिया की तर्ज पर यह शुरुआत की है। इसकी जानकारी स्कूल शिक्षा मंत्री प्रभुराम चौधरी ने दी। मंत्री ने कहा कि विभाग की तरफ से कहा गया कि शिक्षक व विभाग के अधिकारियों के लिए विभागीय यात्रा तय की थी, जिसने दक्षिण कोरिया, नई दिल्ली आदि का दौरा किया, वहां की शिक्षा व्यवस्था का अध्ययन किया है। इसका फायदा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा। विभाग की तरफ से यह भी जानकारी दी है कि छात्राओं के लिए विशेष प्रशिक्षण दिलाया जाएगा, ताकि छात्राओं को पुलिस भर्ती समेत अन्य प्रकार की फोर्स में भर्ती के लिए मदद मिल सके। 

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