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ज्यादा गलतियों पर ब्लैक लिस्टेड होंगे शिक्षक, लगेगा अर्थदण्ड

शहडोल. माध्यमिक शिक्षा मंडल की दसवीं एवं बारहवीं की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान कॉपियों की जांच में होने वाली गड़बडिय़ों को रोकने के लिए कॉपियों की सैंपलिंग जांच की जाएगी। इसमें मुख्य परीक्षक कॉपियों के बंडल में से किसी भी कॉपी को निकालकर उसकी जांच करेगा। इस प्रकार मुख्य परीक्षक को 10 फीसदी कॉपियों की सैंपलिंग करना अनिवार्य किया गया है।
बताया गया है कि सैंपलिंग जांच के दौरान मूल्यांकन में अंक देने में त्रुटि या अंकों के योग में त्रुटि पाई जाती है तो उस परीक्षक के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी। साथ ही उस पर अर्थदंड भी लगाया जाएगा। इसके अलावा परीक्षक द्वारा ज्यादा गलती किए जाने पर उसे ब्लैक लिस्ट भी किया जा सकता है। बताया गया है कि अगर कोई मुख्य परीक्षक कॉपियों की सैंपल जांच करते समय लापरवाही करता है तो परीक्षक के साथ ही मुख्य परीक्षक पर भी कार्रवाई होगी। वहीं मुख्य परीक्षक पर भी अर्थदंड लगाया जा सकता है। माध्यमिक शिक्षा मंडल द्वारा पिछले वर्ष विद्यार्थियों की कॉपियों को दोबारा मूल्यांकन कराने पर अंकों में गड़बडिय़ां पाई गई थी। जिस पर अधिक मूल्यांकन करने वाले संबंधित करीब 35 शिक्षकों के खिलाफ जुर्माना लगाकर कार्रवाई की गई थी। गौरतलब है कि गत 20 मार्च से जिले की समन्वयक संस्था शासकीय रघुराज उमावि उत्कृष्ट क्रमांक दो में मूल्यांकन कार्य शुरू किया गया है। मूल्यांकन के पहले चरण में 16 मार्च तक संपन्न हुए 10वीं व 12वीं के पेपरों की कॉपियों को जांचने का काम शुरू हुआ है और आगामी दो अप्रैल तक करीब 98 हजार से अधिक कापियों का मूल्यांकन किया जाना है।
सातवें दिन जंची छह हजार कापियां
समन्वय संस्था में बुधवार को 215 परीक्षकों द्वारा बोर्ड परीक्षा की कुल 5915 कापियां जांची गई। जिसमें कक्षा दसवीं के 152 परीक्षकों ने 4227 और बारहवीं के 63 परीक्षकों ने 1688 कापियां जांची। इस प्रकार अब तक कुल 25205 कापियां ही जंच पाई है। जबकि आगामी दो अपे्रल तक 98 हजार कापियां जांचनी है।
ऐसे होगी कार्रवाई
-कॉपी में अंकों के योग की गलती मिलने पर प्रति अंक 100 रुपए अर्थदंड लगेगा।
-10 फीसदी से ज्यादा कॉपियों में गलती पर परीक्षक ब्लैकलिस्ट घोषित किया जाएगा।
-कॉपी जांचने के बाद भी छात्र को ओएमआर शीट में अनुपस्थित बताने पर प्रति प्रकरण 1000 रुपए का अर्थदंड लगेगा।
-अगर कोई भी मोबाइल पर बात करते हुए या मोबाइल लिए हुए मूल्यांकन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी।
90 से ज्यादा अंक वाली दोबारा जचेंगी कॉपियां
बताया गया है कि किसी छात्र को शून्य या 90 अंक से ज्यादा नंबर मिलते हैं तो मुख्य परीक्षक उनकी कॉपियों की दोबारा जांच करेंगे। एक दिन में एक परीक्षक अधिकतम 45 और न्यूनतम 30 कॉपियों की जांच कर सकता है। इस हिसाब से हर मुख्य परीक्षक को प्रति परीक्षक चार से पांच कॉपियों की जांच करनी होगी।
संस्कृत व अंग्रेजी के परीक्षकों की है कमी
बताया गया है जिले में संस्कृत और अंग्रेजी के परीक्षकों की कमी है। जिससे मूल्यांकन कार्य प्रभावित होता है। संस्कृत के 25 से 30 परीक्षकों की जरूरत है, मगर अभी कुल 15 हैं। इसी प्रकार 10वीं व 12वीं कक्षा का एक साथ मूल्यांकन की वजह से अंग्रेजी के करीब दस और परीक्षकों की कमी महसूस की जा रही है।
इनका कहना है
इस साल भी बोर्ड परीक्षाओं की कॉपियों के मूल्यांकन में सैंपलिंग प्रक्रिया अपनाई जा रही है और मूल्यांकन कार्य में ज्यादा गड़बड़ी करने एवं अन्य त्रुटियों पर कार्रवाई का प्रावधान किया गया है।
मनोज श्रीवास्तव, सहायक मूल्यांकन अधिकारी, समन्वय संस्था, शहडोल

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