बोर्ड परीक्षाओं में परीक्षा परिणाम सुधार के लिए राष्ट्रीय माध्यमिक
शिक्षा मिशन के तहत रेमेडियल क्लास लगाए जाने की तैयारी की जा रही है। इसके
लिए भोपाल से नियुक्त किए गए मास्टर ट्रेनर्स ब्लाक स्तर पर शिक्षकों को
विषयवार प्रशिक्षण दे रहे हैं। अब तक रौन, गोहद, मेहगांव, लहार में
प्रशिक्षण दिया जा चुका है।
प्रशिक्षण विज्ञान विषय में टीकम सिंह कुशवाह व सत्यभान सिंह भदौरिया, अंग्रेजी में मंजुला कुशवाह व सचेंद्र कांकर आदि के द्वारा दिया जा रहा है।
जिले में उन्नयन होकर बने हैं 13 हाईस्कूल और 13 हायर सेकंडरी स्कूल
भास्कर संवाददाता | भिंड
शासन द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम को लेकर नई गाइड लाइन तय की गई है। इसके तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के स्कूलों में क्रमश: 70 और 90 फीसदी परीक्षा परिणाम लाने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन जिले में इस वर्ष उन्नत हुए 13 हाईस्कूल और 13 हायर सेकंडरी स्कूलों में अब शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है।
ऐसे में मिडिल और हाईस्कूल के शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाने की औपचारिकता निभा रहे हैं। कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती भी नहीं हो सकी है। ऐसे में निर्धारित किया गया लक्ष्य कैसे पूरा होगा इसको लेकर शिक्षक पशोपेश में हैं।
जिले में 106 शासकीय हाईस्कूल और 70 शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें उन्नत हुए 13 हाईस्कूल व 13 हायर सेकंडरी स्कूल भी शामिल हैं। अगर पिछले शिक्षण सत्र में बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम पर दृष्टिपात किया जाए तो 50 स्कूल 30 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम वाले रहे हैं। इस वर्ष उन्नयन किए गए हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थी न किए जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इन परिस्थितियों में 70 और 90 फीसदी परीक्षा परिणाम लाए जाने के लक्ष्य ने पढ़ाई की औपचारिकता निभा रहे शिक्षकों की हालत खराब कर दी है। जिन स्कूलों में शिक्षक तैनात नहीं किए जाते हैं वहां अतिथि शिक्षकों से काम कराया जाता है। लेकिन अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी अधर में लटकी हुई है। विभागीय जानकारी अनुसार 60 फीसदी अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो गई है पर 40 फीसदी अब भी खाली पड़े हुए हैं।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती पोर्टल बंद होने से अटकी
अतिथि शिक्षकों की भर्ती का पोर्टल भोपाल से लॉक कर दिया गया है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती संबंधी मामला जब जबलपुर हाईकोर्ट में ले जाया गया था तब भर्ती प्रक्रिया पर 4 अक्टूबर तक रोक लगाई गई थी। यहां बता दें अतिथि शिक्षक भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने को लेकर हाईकोर्ट में गए थे। लेकिन हाईकोर्ट ने प्राथमिकता दिए जाने को उचित नहीं माना। कोर्ट के निर्णय के बाद पोर्टल लॉक होने से कई अभ्यर्थी अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन करने से वंचित हो गए हैं।
लॉक है भर्ती पोर्टल
स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन प्रक्रिया चलती है, लेकिन पोर्टल को लॉक कर दिया गया है। इस कारण भर्ती प्रक्रिया अटक गई है। जबकि पोर्टल चालू हो तो अभी भी भर्ती हो सकती है। पोर्टल बंद होने से कई आवेदक अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन करने से वंचित रहे गए हैं। स्थानीय स्तर पर यह पता नहीं लग पा रहा है पोर्टल कब तक खुलेगा। भूपेंद्र सिंह भदौरिया, जिलाध्यक्ष, अतिथि शिक्षक संघ
शिक्षकों में पढ़ाई के लिए कराई गई है व्यवस्था
जिले में कोई भी हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। बच्चों काे मिडिल व हाईस्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों की पदस्थी भोपाल से होना है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती कई जगह गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषय के आवेदक न मिलने से नहीं हो सकी है। पोर्टल खुलने पर कुछ और अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो सकेगी। बीएस सिकरवार, जिला शिक्षा अधिकारी
शिक्षकों की व्यवस्था के बाद होना चाहिए उन्नयन
जिन स्कूलों में शिक्षक पदस्थ नहीं किए गए हैं और मिडिल और हाईस्कूल के शिक्षकों पर पढ़ाई की अतिरिक्त जिम्मेदारी डाल दी गई है। उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है। इनका कहना है कि जहां स्कूलों का उन्नयन किया जाता है वहां के लिए सबसे पहले शिक्षकों की व्यवस्था की जाना चाहिए। अगर शिक्षक ही नहीं तो नाम हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल साबित होता है। इससे बच्चों का भविष्य खराब होने का अंदेशा रहता है।
प्रशिक्षण विज्ञान विषय में टीकम सिंह कुशवाह व सत्यभान सिंह भदौरिया, अंग्रेजी में मंजुला कुशवाह व सचेंद्र कांकर आदि के द्वारा दिया जा रहा है।
जिले में उन्नयन होकर बने हैं 13 हाईस्कूल और 13 हायर सेकंडरी स्कूल
भास्कर संवाददाता | भिंड
शासन द्वारा बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम को लेकर नई गाइड लाइन तय की गई है। इसके तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के स्कूलों में क्रमश: 70 और 90 फीसदी परीक्षा परिणाम लाने का लक्ष्य तय किया गया है। लेकिन जिले में इस वर्ष उन्नत हुए 13 हाईस्कूल और 13 हायर सेकंडरी स्कूलों में अब शिक्षकों की तैनाती नहीं की गई है।
ऐसे में मिडिल और हाईस्कूल के शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाने की औपचारिकता निभा रहे हैं। कई स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की तैनाती भी नहीं हो सकी है। ऐसे में निर्धारित किया गया लक्ष्य कैसे पूरा होगा इसको लेकर शिक्षक पशोपेश में हैं।
जिले में 106 शासकीय हाईस्कूल और 70 शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल हैं। इनमें उन्नत हुए 13 हाईस्कूल व 13 हायर सेकंडरी स्कूल भी शामिल हैं। अगर पिछले शिक्षण सत्र में बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम पर दृष्टिपात किया जाए तो 50 स्कूल 30 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम वाले रहे हैं। इस वर्ष उन्नयन किए गए हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थी न किए जाने से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। इन परिस्थितियों में 70 और 90 फीसदी परीक्षा परिणाम लाए जाने के लक्ष्य ने पढ़ाई की औपचारिकता निभा रहे शिक्षकों की हालत खराब कर दी है। जिन स्कूलों में शिक्षक तैनात नहीं किए जाते हैं वहां अतिथि शिक्षकों से काम कराया जाता है। लेकिन अतिथि शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया भी अधर में लटकी हुई है। विभागीय जानकारी अनुसार 60 फीसदी अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो गई है पर 40 फीसदी अब भी खाली पड़े हुए हैं।
अतिथि शिक्षकों की भर्ती पोर्टल बंद होने से अटकी
अतिथि शिक्षकों की भर्ती का पोर्टल भोपाल से लॉक कर दिया गया है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती संबंधी मामला जब जबलपुर हाईकोर्ट में ले जाया गया था तब भर्ती प्रक्रिया पर 4 अक्टूबर तक रोक लगाई गई थी। यहां बता दें अतिथि शिक्षक भर्ती में प्राथमिकता दिए जाने को लेकर हाईकोर्ट में गए थे। लेकिन हाईकोर्ट ने प्राथमिकता दिए जाने को उचित नहीं माना। कोर्ट के निर्णय के बाद पोर्टल लॉक होने से कई अभ्यर्थी अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन करने से वंचित हो गए हैं।
लॉक है भर्ती पोर्टल
स्कूलों में अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए पोर्टल पर ऑनलाइन प्रक्रिया चलती है, लेकिन पोर्टल को लॉक कर दिया गया है। इस कारण भर्ती प्रक्रिया अटक गई है। जबकि पोर्टल चालू हो तो अभी भी भर्ती हो सकती है। पोर्टल बंद होने से कई आवेदक अतिथि शिक्षक के लिए आवेदन करने से वंचित रहे गए हैं। स्थानीय स्तर पर यह पता नहीं लग पा रहा है पोर्टल कब तक खुलेगा। भूपेंद्र सिंह भदौरिया, जिलाध्यक्ष, अतिथि शिक्षक संघ
शिक्षकों में पढ़ाई के लिए कराई गई है व्यवस्था
जिले में कोई भी हाईस्कूल एवं हायर सेकंडरी स्कूल शिक्षक विहीन नहीं है। बच्चों काे मिडिल व हाईस्कूल के शिक्षक पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों की पदस्थी भोपाल से होना है। अतिथि शिक्षकों की भर्ती कई जगह गणित, अंग्रेजी व विज्ञान विषय के आवेदक न मिलने से नहीं हो सकी है। पोर्टल खुलने पर कुछ और अतिथि शिक्षकों की भर्ती हो सकेगी। बीएस सिकरवार, जिला शिक्षा अधिकारी
शिक्षकों की व्यवस्था के बाद होना चाहिए उन्नयन
जिन स्कूलों में शिक्षक पदस्थ नहीं किए गए हैं और मिडिल और हाईस्कूल के शिक्षकों पर पढ़ाई की अतिरिक्त जिम्मेदारी डाल दी गई है। उन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों में काफी रोष व्याप्त है। इनका कहना है कि जहां स्कूलों का उन्नयन किया जाता है वहां के लिए सबसे पहले शिक्षकों की व्यवस्था की जाना चाहिए। अगर शिक्षक ही नहीं तो नाम हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल साबित होता है। इससे बच्चों का भविष्य खराब होने का अंदेशा रहता है।