रायसेन | सरकारी
शिक्षक बनने के लिए डीएलएड करना जरूरी है लेकिन शिक्षक बनना भी बहुत महंगा
हो गया है | माध्यमिक शिक्षा मंडल ने हर साल की तरह ही इस साल भी डीएलएड की
फीस में वृद्धि की है | डीएलएड करने के लिए विधार्थियो को 4 हजार रुपए फीस
के नाम पर देने होंगे |
1 साल पहले ही शिक्षा मंडल में डीएलएड
करने के लिए 2575 रुपए फीस रखी थी लेकिन अब माध्यमिक शिक्षा मंडल के
द्वारा डीएलएड करने के लिए अब को बढ़ाकर 6 साल में 8 गुना कर दिया है जिससे
विधार्थियो को फीस 4 हजार रुपए देना होगी | 2013 में डीएलएड करने के लिए 500 रुपए फीस लगती थी लेकिन अब 2018 में फीस को बढ़ाकर 4 हजार रुपए कर दिया है |
माध्यमिक शिक्षा मंडल में 2013 में
शिक्षक की भर्ती के लिए D.Ed पास किए छात्रों को संविदा शाला शिक्षक भर्ती
में सम्मिलित किया था लेकिन 2015 में D.Ed का नाम परिवर्तित करके डीएलएड कर
दिया है और साथ ही में फीस में बढ़ोतरी करके 8 गुना कर दिया जिसके कारण
शिक्षक बनना भी महंगा पड़ रहा है | डीएलएड करने के लिए छात्रों को ऑनलाइन
काउंसलिंग करना पड़ती है उसके बाद प्राइवेट तथा सरकारी कॉलेजों से डीएलएड
करना पड़ती है |
डीएलएड की फीस के साथ बच्चों के कोर्स
का खर्चा भी बढ़ रहा है जिसके कारण गरीब छात्र डीएलएड करने की सोचते भी
नहीं है | पिछले साल स्कूल शिक्षा विभाग ने डीएलएड का काम ऑफलाइन किया था
लेकिन अब लोक सेवा प्रबंधक के द्वारा ऑनलाइन कर दिया है जिसके माध्यम से
शिक्षक तथा छात्र सभी समस्याओं का समाधान ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं |
डीएलएड करने के लिए प्राइवेट कॉलेज
छात्रों से 80 हजार 90 हजार तक रुपए फीस के नाम पर वसूलते हैं | फीस अधिक
होने के कारण कुछ छात्र कोर्स तक नहीं करते विधार्थी द्वारा विरोध करने पर
भी उच्च शिक्षा विभाग कोई कार्यवाही नहीं करता |
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