छतरपुर। खजुराहो थाना
अंतर्गत ग्राम कुरेला में एक युवक ने सोमवार की सुबह अपने ही घर में फांसी
लगाकर आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले लिखे गए सुसाइड नोट में युवक ने
लिखा है कि संविदा शिक्षक भर्ती नहीं निकलने के कारण उसका शिक्षक बनने का
सपना पूरा नहीं हो सका।
ग्राम कुरेला निवासी देशराज यादव ने अपने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनेां और पड़ोसियों ने जब शव लटका देखा तो पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव उतरवाया और पड़ताल की तो उसके पास से एक सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था कि मैं बहुत गरीब हूं। मैं 2011 से शिक्षक बनना चाहता था। मैंने बीएड-एमएड दोनों ही कर ली है,ं मगर अभी तक मुझे नौकरी नहीं मिल सकी। मैं अपने मां-बाप का एकलौता सहारा हूं। मेरे पिता अंधे हैं। मेरे भाई छोटे-छोटे हैं। मैं कैसे अपने परिवार का भरण पोषण करूंगा। इसलिए मैं मौत को गले लगा रहा हूं। पुलिस ने सुसाइड नोट जब्त करते हुए युवक की मौत के कारणों की जांच शुरू कर दी है।
यह लिखा सुसाइड नोट में :
मां मैं इस दुनिया से हारकर जा रहा हूं, क्योंकि मैंने संविदा शिक्षक भर्ती का बहुत इंतजार किया। 2011 के बाद इंतजार करते-करते 7 साल बीत चुके हैं फिर भी भर्ती नहीं निकली। सोचा था चुनाव के समय निकलेगी। लेकिन नहीं निकली, हमारे जैसे कई लड़कों का डीएड, बीएड में पैसा बर्बाद हुआ होगा। 7 साल इंतजार बहुत होता है। तैयारी करते-करते हम भी थक चुके थे। सफलता हमारे पास थी, लेकिन सफलता के लिए हमें मौका ही नहीं मिला। फिर अतिथि शिक्षक की नौकरी की। लेकिन उसने हमारे पेट तक का गुजारा नहीं चलता था। घर का बड़ा लड़का होने के नाते सारी जिम्मेदारी थी। पिताजी आंखों से हीन थे। सोचा था कि शिक्षक की नौकरी मिल जाएगी। तो माता-पिता की जिंदगी आराम से कट जाएगी। मुझे दुनिया वालों तथा गांव वालों से और परिवार वालों से बहुत प्यार मिला, लेकिन शिक्षक की नौकरी की सोच मैं दिन रात सोचा करता था कि भर्ती कब निकलेगी। इसी सोच में मेरी आंखों में आंसू सूख चुके थे। अतिथि शिक्षक में 5 साल काम किया लेकिन कोई सफलता नहीं मिली। मां मुझे माफ कर देना, क्योंकि आप की पांचों उंगलियां में से एक उंगली कटने जा रही है। लेकिन तुम चिंता मत करना क्योंकि तुम्हारे अभी चार पुत्र हैं। कोई-कोई मां तो एक एक पुत्र को रोती है। आपका पुत्र देशराज यादव योग्यता 12वीं बीए, डीएड, कम्प्यूटर