शहडोल- संभागीय मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर है हायर
सेकंड्री स्कूल कठौतिया, जहां मौजूदा समय में कोई शिक्षक ही नहीं है, स्कूल
बिना शिक्षकों के ही चल रहा है। दरअसल यहां हायर सेकेंड्री स्कूल में
मात्र स्थाई रूप से तीन वरिष्ठ अध्यापक पदस्थ थे। जिनमें से दो को
प्राचार्य बना दिया गया है।
एक शिक्षिका थी वो छुट्टी पर चली गईं हंै। स्कूल में प्रवेशोत्सव के बाद
छात्र-छात्राएं स्कूल तो आ रहे हैं, लेकिन स्कूल में कोई पढ़ाने वाला
शिक्षक ही नहीं है। इन हालात में चार हजार रुपए महीने का अस्थाई चपरासी
स्कूल का ताला खोल और बंद कर रहा है। जबकि स्कूल में छात्रों की सख्या २००
के आस-पास बताई गई है।
अभिभावकों ने बताया कि स्कूल में कक्षा 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं
में छात्रों को पढ़ाने के लिए स्थाई रूप से तीन ही शिक्षक पदस्थ रहे।
जिनमें सीता राम दुबे को पांच दिन पहले मॉडल स्कूल भठिया का प्राचार्य बना
दिया गया है। दूसरे वरिष्ठ अध्यापक मनीता ठाकुर को प्राचार्य बनाकर जोधपुर
स्कूल भेज दिया गया है।
तीसरी शिक्षिका अरबिन निशा के पति का एक्सीडेंट हो जाने पर अचानक वो
छुट्टी पर चली गई हैंं। जिससे स्कूल शिक्षक विहीन हो गया है। यहां भी अतिथि
शिक्षक पर छात्रों का शिक्षण कार्य निर्भर था। लेकिन अभी अतिथि शिक्षकों
की भर्ती ही नहीं हुई है। जिससे शिक्षण कार्य पूरी तरह से ठप्प है। जो
अभिभावकों को नागवार गुजर रहा है।
मॉडल स्कूल भठिया जिला शिक्षा अधिकारी के अधीन है। लेकिन कठौतिया स्कूल
में पदस्थ और बुढ़ार में बीएसी रहे सीता राम दुबे को भठिया मॅाडल स्कूल का
प्रभार देने डीपीसी कार्यालय से आदेश जारी किए गए हंै। जिस पर शिक्षा विभाग
के शिक्षक विरोध जता रहे हैं। प्रवेशोत्सव के दिन मॉडल स्कूल का ताला न
खुलने पर वहां के प्राचार्य को निलंबित कर दिया गया। उनके स्थान पर सीता
राम दुबे को पदस्थ करने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी की जगह डीपीसी ने आदेश
जारी किया है। इतना ही नहीं डीपीसी के आदेश पर बीएसी ने भठिया स्कूल का
प्रभार भी संभाल लिया है।
50 लाख के मामले में उलझा मॉडल स्कूल
मॉडल स्कूल भठिया में शैक्षणिक कार्य के लिए भले शिक्षक और छात्र न हों
लेकिन बजट देने के मामले में वरिष्ठ अधिकारी कोई कोताही नहीं बरत रहे हैं।
यहां शैक्षणिक सुविधाए जुटाने के लिए जिले से 50 लाख रुपए का आवंाटन दिया
गया है। जिसकी लगातार जांच करने की मांग उठती रही। लेकिन जांच आदेश के मांग
पत्र को हर बार रद्दी की टोकरी में फेक दिया जाता रहा।
लेकिन अभी हाल ही में विंध्य विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष की बैठक में भी
छाया रहा। जिसके जांच के आदेश भी प्राधिकरण के अध्यक्ष ने दे दिया है। इन
मनमर्जी की नियुक्तियों से आरोप लगाया जा रहा हैे कि यह सब मामले को दबाने
के लिए किया जा रहा है। जिसमें पुराने प्रभारी प्राचार्य को हटाना और नए
प्राचार्य की पद स्थापना शामिल है।
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