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अध्यापकों को संविलियन के लिए अभी करना होगा इंतजार!, जानिये क्यों?

भोपाल/रायसेन। अध्यापकों को शिक्षा विभाग में मर्ज करने का ऐलान तो हो चुका है। लेकिन अभी भी अध्यापक इस बात को लेकर चिंतित है कि ये संविलियन कब तक sarkari naukri government teachers adhyapak news हो पाएगा और इसे कब से माना जाएगा।
मुख्यमंत्री की घोषणा से पहले संविलियन को लेकर रायसेन के अध्यापक भी लंबे समय से आंदोलनरत थे, जिसको लेकर वे भूखहड़ताल पर भी बैठ चुके थे।
दरअसल जानकारों का मानना है कि संविलियन (MERGER) की प्रक्रिया काफी लम्बी है और इसे तेजी से भी पूरा किया जाए तो भी कम से कम अभी 6 माह का वक्त और लगेगा। वहीं यह भी बताया जाता है कि घोषणा के आधार पर अब सबसे पहले अध्यापकों का स्कूली शिक्षा विभाग SCHOOL EDUCATION DEPARTMENT में संविलियन करने का प्रस्ताव बनेगा। साथ ही अध्यापकों को आर्थिक और अन्य लाभ देने में आने वाले खर्च का ब्योरा तैयार होगा।
इसके बाद कहीं जाकर संबंधित विभाग प्रस्ताव (PROPOSAL) का परीक्षण करेंगे। जबकि परीक्षण (EXAMINATION) के बाद प्रस्ताव कैबिनेट जाएगा और फिर इस पर निर्णय होगा। तब कहीं संविलियन की नीति (MERGER POLICY) तैयार हो पाएगी और फिर तब कहीं जाकर आदेश जारी होंगे।
मिलेगा 7वां वेतनमान का लाभ:
संविलियन या मर्जर की इस प्रक्रिया के बाद अध्यापकों का पद बढ़ जाएगा साथ ही इन्हें कई तरह के लाभ भी मिलेंगे। इससे इनके सातवां वेतनमान sarkari naukri government teachers adhyapak news on 27 january मिलने का रास्ता साफ हो गया है। यानी वेतन में फिर 32 सौ से आठ हजार रुपए की वृद्धि होगी। इसके अलावा अन्य लाभ भी मिलेंगे। माना जा रहा है कि इससे सरकारी खजाने पर करीब 450 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार पड़ेगा।
दरअसल प्रदेश के दो लाख 84 हजार अध्यापक अभी नगरीय निकाय और पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के कर्मचारी हैं। संविलियन के बाद वे स्कूल शिक्षा विभाग के कर्मचारी कहलाएंगे।
वहीं यह भी माना जा रहा है कि मूल विभाग में होने के कारण पढ़ाई और कार्रवाई आसान हो जाएगी। हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि संविलियन government teachers adhyapak news कब से माना जाएगा और उसकी शर्तें क्या होंगी। उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नियमित शिक्षक (व्याख्याता, उच्च श्रेणी शिक्षक और सहायक शिक्षक) को 52 हजार से 70 हजार रुपए महीने तक वेतन मिल रहा है।
साल दर साल ऐसे बढ़ते गए आगे...
2007- अध्यापक संवर्ग बना।
2008- महिलाओं के निकाय परिवर्तन की मांग पूरी हुई।

2011- अंशदायी पेंशन योजना का लाभ मिला।
2012- पहली बार पदोन्नति दी गई।
2013- वेतनमान के नए स्लैब तय हुए।
2014- शर्तों के साथ पुरुष अध्यापकों के तबादले शुरू।
2016- छठवें वेतनमान का लाभ दिया गया।
2017- शिक्षा विभाग में संविलियन का निर्णय।

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