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शिवराज कैबिनेट की बैठक में हुए कई महत्वपूर्ण फैसले, पढ़िए

भोपाल। शिवराज मंत्रिमंडल की मंगलवार को हुई अहम बैठक में कई फैसलों पर मुहर लगी। इस बैठक में आरटीई की तरह प्रवेश लेने वाले वंचित और कमजोर वर्ग के बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति के अलावा पर्यटन विभाग के प्रचार-प्रसार के लिए 300 करोड़ की मंजूरी के साथ मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्राहक कल्याण दुर्घटना सहायता योजना का अनुमोदन किया गया।



स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत गैर अनुदान मान्यता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों की प्रथम प्रवेशित कक्षा में नि:शुल्क प्रवेश की प्रक्रिया के तहत गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की दिशा में वंचित समूह एवं कमजोर वर्ग के बच्चों के लिए फीस प्रतिपूर्ति की मंजूरी कैबिनेट में दी गई। फीस प्रतिपूर्ति योजना में प्रतिपूर्ति की दरें वित्त विभाग के परामर्श से तय करने पर सहमति हुई। योजना के लिए मंत्रिपरिषद ने एक हजार सात सौ छ: करोड़ रुपये की मंजूरी भी दी गई।

स्कूल शिक्षा में नौ करोड़ के अधिक राशि मंजूर
स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत ही एक अन्य एजेण्डा में सर्व शिक्षा अभियान के अंतर्गत राज्य मद से अपूर्ण शाला भवनों को पूरा करने के लिए नौ करोड़ 72 लाख 97 हजार रुपये की राशि मंजूर की गई। यह राशि वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए मंजूर की गई। स्कूल शिक्षा विभाग के ही अंतर्गत एक अन्य एजेण्डा में उत्कृष्ट विद्यालय तथा मॉडल स्कूल में छात्रावास संबंधी व्यवस्थाओं के लिए योजना की क्रियान्वयन की अनुमति तीन वर्ष के लिए प्रदान की गई। प्रदेश में 323 उत्कृष्ट विद्यालय और 201 मॉडल स्कूल संचालित हैं।



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तेन्दूपत्ता संग्राहक कल्याण दुर्घटना सहायता योजना शुरू
मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री तेन्दूपत्ता संग्राहक कल्याण दुर्घटना सहायता योजना का अनुमोदन किया। प्रदेश के वनवासी बंधुओं के लिए यह योजना लागू की जाएगी। योजना के अंतर्गत प्रदेश के तेन्दूपत्ता संग्राहकों को तीन वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए लगभग 12.45 करोड़ रुपए की सहमति प्रदान की गई। उल्लेखनीय बात यह है कि प्रदेश के वनवासी बंधुओं को बीमा कार्यालय के चक्कर न लगाने पड़े इस दृष्टि से दुर्घटना सहायता योजना से उन्हें जोड़ा जाएगा। पूर्व में मात्र 26 हजार की बीमा राशि प्राप्त हो पाती थी जो नई योजना में 2 लाख तक रहेगी। इसके अलावा अन्य योजनाओं का लाभ लेने से भी प्रभावित परिवार वंचित नहीं रहेगा।

निवेश प्रोत्साहन योजना
वाणिज्य, उद्योग एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत मंत्रि-परिषद ने निवेश प्रोत्साहन योजना को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक के लिए निरंतर रखे जाने की सहमति प्रदान की। प्रदेश में वृहद श्रेणी की उद्योग परियोजनाओं को मध्यप्रदेश निवेश प्रोत्साहन योजना 2014 के अंतर्गत विभिन्न सुविधाएं दी जाती हैं। मेगा प्रोजेक्ट इसी श्रेणी में आते हैं। कैबिनेट ने चार हजार 605 करोड़ की अनुमानित राशि के लिए मंजूरी प्रदान की। उद्योग विभाग के अंतर्गत ही एक अन्य एजेण्डा भी मध्यप्रदेश ट्रायफेक को संधारण अनुदान योजना को वित्‍त वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक स्वीकृति देते हुए अठारह करोड़ रुपये की राशि भी मंजूर की गई।

    लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अंतर्गत चार जिलों बुरहानपुर, अनूपपुर, अशोकनगर और आगर-मालवा में जिला मुख्यालय पर मलेरिया अधिकारी के नवीन कार्यालय की स्थापना के लिए 84 पदों के सृजन की स्वीकृति मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदान की गई।
    मंत्रि-परिषद द्वारा राज्य के न्यायिक अधिकारियों को सेवानिवृत्त होने पर 240 दिन के अर्जित अवकाश के नगदीकरण के स्थान पर अर्द्धवैतनिक अवकाश को शामिल करते हुए 300 दिन अर्जित अवकाश मंजूर करने का निर्णय लिया।
    अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत विद्यार्थी कल्याण सहायता योजना को वर्ष 2017-18 से 2019-20 की अवधि के लिए निरंतर रखे जाने एवं इसके लिए आवश्यक बजट की स्वीकृति प्रदान की गई।


राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना
लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अंतर्गत मंत्रिपरिषद ने मध्यप्रदेश जल निगम में ऋण के लिए राज्य शासन द्वारा अंश पूंजी में निवेश की योजना को वित्त वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक निरंतर रखने का निर्णय लिया। इसी विभाग के अंतर्गत एक अन्य एजेण्डा में मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम को वर्ष 2017-18 से 2019-20 तक 2979.81 करोड़ की अनुमानित व्यय के साथ मंजूरी प्रदान की गई। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के तीसरे एजेण्डे में राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल योजना भी तीन वित्त वर्ष के लिए स्वीकृत की गई। चौथे एजेण्डा में बाणसागर समूह जल प्रदाय योजना के लिए 106.43 करोड़ रुपये का अनुमोदन मंत्रिपरिषद की बैठक में किया गया। लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पांचवें एजेण्डा में समूह जल प्रदाय योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए न्यू डेवलपमेंट बैंक द्वारा ऋण प्राप्त करने का निर्णय लिया गया।

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मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग
मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग के अंतर्गत लोक वित्त से वित्त पोषित कार्यक्रमों, योजनाओं और परियोजनाओं के अंतर्गत मत्स्य बीज उत्पादन योजना को आगामी तीन वर्ष के लिए स्वीकृत करते हुए 3644 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति प्रदान की गई।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के अंतर्गत तीन एजेण्डा पर चर्चा हुई। निर्णय के अनुसार ऑटो टेस्टिंग ट्रेक के लिए भू-अर्जन मुआवजा योजना को वित्त वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए मंजूरी दी गई। इसके लिए 210 करोड़ रुपए की राशि का निर्धारण भी किया गया। एक अन्य निर्णय में ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण को अनुदान योजना के अमल के लिए तीन वित्त वर्ष के लिए चार करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के तीसरे एजेण्डा ने अंर्तराष्ट्रीय, राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रचार-प्रसार कार्यों पर 18 करोड़ 33 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति मंत्रि-परिषद द्वारा प्रदान की गई।

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राष्ट्रीय पेंशन योजना
मंत्रि-परिषद ने राष्ट्रीय पेंशन योजना के अंतर्गत राज्य के सिविल सेवा एवं सिविल पदों पर एक जनवरी 2005 या उसके पश्चात नियुक्त शासकीय सेवकों को मध्यप्रदेश सिविल सेवा पेंशन नियम-1974 के प्रावधानों के अनुरूप मृत्यु सह सेवानिवृत्ति उपादान स्वीकृत करने का निर्णय लिया गया।

पर्यटन विकास में अनेक कदम
मध्यप्रदेश में पर्यटन विकास के लिए सरकार ने अनेक कदम उठाए हैं। देश-विदेश के सैलानी मध्यप्रदेश का रूख कर रहे हैं। मध्यप्रदेश को एक श्रेष्ठ पर्यटन राज्य के रूप में अनेक पुरस्कार भी मिल चुके हैं। यह पुरस्कार मध्यप्रदेश को पर्यटन क्षेत्र में अच्छे कार्य के लिए प्राप्त हुए हैं। मध्यप्रदेश में अनेक नए पर्यटन केन्द्र न सिर्फ अस्तित्व में आए हैं बल्कि ये स्थान दिनों दिन पर्यटकों में लोकप्रिय भी हो रहे हैं। पर्यटन क्षेत्र में प्रचार-प्रसार का सीधा लाभ पर्यटकों की बढ़ती संख्या के रूप में और सहायक व्यवसायों में देखने को मिलता है।

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मंगलवार को कैबिनेट द्वारा पर्यटन विभाग के विभिन्न कार्यक्रमों को अम्ब्रेला स्कीम में शामिल करते हुए नया कार्यक्रम पर्यटन क्षेत्र में प्रचार-प्रसार को स्वीकृति प्रदान की गई। निर्णय के अनुसार इसके लिए तीन वित्त वर्ष में 300 करोड़ की राशि भी स्वीकृत की गई। इस निर्णय से प्रदेश के ह्रदय प्रदेश मध्यप्रदेश में पर्यटकों के लिए सांस्कृतिक विरासत, नैसर्गिक सौन्दर्य, कलात्मक मंदिर, स्तूप, वैभवशाली किले और राजप्रसाद, पुरातत्वीय महत्व के स्मारक नया महत्व प्राप्त करेंगे। इन केन्द्रों में से अनेक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के केन्द्र हैं। प्रदेश की वैश्विक पहचान बनाने के लिए मीडिया के विभिन्न साधनों से पर्यटन के व्यापक प्रचार के कार्य संपन्न किए जाएंगे।

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