प्रदेश के 7.50 लाख संविदा शिक्षकों के संविलियन के बाद उनके वेतन से
प्रोविडेंट फंड की 10 प्रतिशत राशि तो काटी जा रही है, लेकिन शासन अपना
अंशदान नहीं दे रहा है।
22 से 25 हजार रुपए वेतन पाने वाले इन शिक्षकों के फंड में शासन का अंशदान जुड़ने से भविष्य में उन्हें ब्याज का नुकसान होगा।
इंदौर/भोपाल }डीबी स्टार
प्रदेशके स्कूल शिक्षा विभाग में वर्ष 2011 में नेशनल पेंशन स्कीम को लागू किया गया। इसका सीधा फायदा संविदा शिक्षकों को संविलियन (परमानेंट) करने पर दिया जाना तय किया गया। सभी जिले में संवर्ग एक, दो और तीन के शिक्षकों को सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक बनाकर स्कीम के दायरे में लाया गया। इनकी संख्या हजारों में है। संविदा शिक्षक से परमानेंट हुए अजय वर्मा ने डीबी स्टार टीम से इस मामले की शिकायत की। उन्होंने बताया कि हर महीने ग्रॉस सेलरी से दस प्रतिशत राशि काटी जा रही है। यह राशि स्कूल शिक्षा विभाग को भी जमा करना थी, लेकिन शासन ने आज तक एक पैसा टीचरों के खातों में नहीं डाला है। टीचर कई बार मामले को जिले से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक उठा चुके हैं, लेकिन कोई रिजल्ट सामने नहीं आया।
ऐसेहोगा नुकसान
भलेही टीचर्स की राशि से दस फीयदी राशि कट जाए, लेकिन जब तक शासन दस प्रतिशत राशि जमा नहीं करेगा, तब तक न्यू पेंशन स्कीम में लाभ नहीं मिलेगा। उनका जो पैसा कट रहा है उसी का ब्याज मिलेगा। इससे सेवानिवृत्त हो चुके और जिनकी नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई है, उनको पेंशन स्कीम का फायदा नहीं मिल पाया है। इनकी संख्या भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
मामलादिखवाता हूं
शासनके आदेश पर ही पेंशन स्कीम लागू की गई है। यदि संविदा शिक्षक से संविलियन में आए शिक्षकों की पेंशन का फंड नहीं कट रहा है, तो मैं मामले को चेक कराता हूं। उसके बाद फैसला लिए जाएगा। आरएननीखरा, शिक्षाअधिकारी
22 से 25 हजार रुपए वेतन पाने वाले इन शिक्षकों के फंड में शासन का अंशदान जुड़ने से भविष्य में उन्हें ब्याज का नुकसान होगा।
इंदौर/भोपाल }डीबी स्टार
प्रदेशके स्कूल शिक्षा विभाग में वर्ष 2011 में नेशनल पेंशन स्कीम को लागू किया गया। इसका सीधा फायदा संविदा शिक्षकों को संविलियन (परमानेंट) करने पर दिया जाना तय किया गया। सभी जिले में संवर्ग एक, दो और तीन के शिक्षकों को सहायक अध्यापक और वरिष्ठ अध्यापक बनाकर स्कीम के दायरे में लाया गया। इनकी संख्या हजारों में है। संविदा शिक्षक से परमानेंट हुए अजय वर्मा ने डीबी स्टार टीम से इस मामले की शिकायत की। उन्होंने बताया कि हर महीने ग्रॉस सेलरी से दस प्रतिशत राशि काटी जा रही है। यह राशि स्कूल शिक्षा विभाग को भी जमा करना थी, लेकिन शासन ने आज तक एक पैसा टीचरों के खातों में नहीं डाला है। टीचर कई बार मामले को जिले से लेकर प्रदेश मुख्यालय तक उठा चुके हैं, लेकिन कोई रिजल्ट सामने नहीं आया।
ऐसेहोगा नुकसान
भलेही टीचर्स की राशि से दस फीयदी राशि कट जाए, लेकिन जब तक शासन दस प्रतिशत राशि जमा नहीं करेगा, तब तक न्यू पेंशन स्कीम में लाभ नहीं मिलेगा। उनका जो पैसा कट रहा है उसी का ब्याज मिलेगा। इससे सेवानिवृत्त हो चुके और जिनकी नौकरी के दौरान मृत्यु हो गई है, उनको पेंशन स्कीम का फायदा नहीं मिल पाया है। इनकी संख्या भी दिनों-दिन बढ़ती जा रही है।
मामलादिखवाता हूं
शासनके आदेश पर ही पेंशन स्कीम लागू की गई है। यदि संविदा शिक्षक से संविलियन में आए शिक्षकों की पेंशन का फंड नहीं कट रहा है, तो मैं मामले को चेक कराता हूं। उसके बाद फैसला लिए जाएगा। आरएननीखरा, शिक्षाअधिकारी