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सरकार 2018 में कर सकती है 2.84 लाख अध्यापकों को रेगुलर

भोपाल | प्रदेश के 2.84 लाख अध्यापकों को सरकार नए साल नया तोहफा दे सकती है। इनके शिक्षा विभाग में संविलियन के आसार बढ़ गए हैं। इसके लिए सरकारी स्तर पर कवायद शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अधिकारियों से इस बारे में जानकारी मांगी है।
24 दिसंबर को सीएम अध्यापकों के संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाकर बात भी करेंगे। अभी प्रदेश भर में ये अध्यापक चार विभागों के अधीन काम कर रहे हैं। इन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं है।
ये नगरीय, पंचायती निकायों और आदिम जाति कल्याण विभाग के अधीन हैं। स्कूल शिक्षा विभाग इनके लिए नियम बनाता है। संविलियन की मांग को लेकर अध्यापकों के संगठन पिछले दस साल में 25 से ज्यादा आंदोलन कर चुके हैं। शासन इनके लिए सम्मेलन बुलाने की भी तैयारी कर रहा है। गुरुवार रात सीएम हाउस में मीटिंग हुई। इसमें राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के चेयरमैन रमेशचंद्र शर्मा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष शिव चौबे समेत स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।
देर रात सीएम ने दिए थे संकेत
सीएम ने गुरुवार रात अध्यापकों के संगठनों के प्रतिनिधियों को बुलाकर बातचीत की थी। इस दौरान सीएम ने यह कहा था कि मैं बार- बार की झंझटों से मुक्ति चाहता हूं, संविलियन भी होगा। आप लोग अच्छे शिक्षक बनकर गुणवत्ता पर ध्यान दो। करीब दो घंटे चली चर्चा में सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी मांग रखी। 24 दिसंबर को फिर बैठक में बातचीत करेंगे।
ये होगा फायदा
अध्यापक सरकारी कर्मचारी बन जाएंगे सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाले बीमा, ग्रेच्युटी, मकान भाड़ा भत्ता, यात्रा भत्ता, जीपीएफ पेंशन सिर्फ एक ही विभाग स्कूल शिक्षा का नियंत्रण रहेगा।

ये सुविधाएं मिलेंगी
महिला अध्यापकों को चाइल्ड केयर लीव मिलेगी
अनुकंपा नियुक्ति का सरलीकरण होगा
6वें वेतनमान की विसंगति दूर होगी

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