सीधी। जिले की शिक्षण विहीन
शालाओं में शिक्षण कार्य सम्पन्न करा रहे अतिथि शिक्षकों को बीते तीन-चार
माह से मानदेय नही मिला। कार्य दिवस के मान से नाममात्र के मानदेय पर अतिथि
शिक्षक एक सहायक अध्यापक, अध्यापक की भाॅति शिक्षण कार्य नियमित रुप से कर
रहे है। बाबजूद इसके हर माह अतिथि शिक्षकों को मानदेय नही दिया जा रहा है।
जिससे उनके बीबी बच्चो के सामने आर्थिक संकट के बादल मडरा रहे है। अपने
परिवार का भरण पोषण के लिये उन्हे दो चार होना पड रहा है।
जिलाध्यक्ष रविकांत गुप्ता ने बताया कि जिले की शिक्षक विहीन प्राथमिक,
माध्यमिक, हायरसैकेण्डरी, शालाओ में अतिथि शिक्षको की आफलाइन भर्ती की गई
थी। समय पर अतिथि शिक्षक शाला का संचालन कर शिक्षण कार्य सम्पन्न कर रहे
है। साथ में संस्था की हर माह डाक का कार्य भी करते है और आय का कोई अन्य
साधन न होने के कारण अतिथि शिक्षको को खाने के लाले पड गये। क्योकि तीन माह
से मानदेय नही मिला। जबकि सभी शालाओ में पदस्थ अध्यापको को एवं संकुल
प्राचार्यो को प्रत्येक माॅह वेतनमान दिया जा रहा है।
संकुल प्राचार्यो द्वारा आदेश जारी न होने का बहाना बनाया जा रहा है जबकि
लोक शिक्षण संचनालय भोपाल द्वारा 18 सितंबर को अतिथि शिक्षको के मानदेय
भुगतान हेतु आदेश जारी किया जा चुका है। ऐसी स्थिति में अतिथि शिक्षकों की
आर्थिक स्थिति दयनीय होती नजर आ रही है।
कलेक्टर द्वारा मानदेय दिलाने का दिलाया गया था भरोसा
जिला कलेक्टर सीधी से 6 अक्टूबर को संघ द्वारा दीवाली के पहले मानदेय
दिलाने की माग किया गया था। जिसमे कलेक्टर द्वारा भरोसा दिलाया गया था कि
अतिथि शिक्षकों का मानदेय दिवाली के पहले दिला दिया जायेगा लेकिन आज तक
किसी अतिथि शिक्षकों को मानदेय नही मिला। अतिथि शिक्षकों के सभी त्योहार
फीके ही रहे लेकिन आगें कलेक्टर सीधी का ध्यान आकृष्ट कराते हुए मानदेय
दिलाने की अपील की है।