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खाली पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति के आदेश

उच्च शिक्षा विभाग ने प्रदेश के खाली पदों के विरुद्ध अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति शैक्षणिक सत्र 2017-18 के लिए की थी। इससे पूर्व हाईकोर्ट में पहुंचे अतिथि शिक्षक, जिन्होंने सत्र 2016-17 में कॉलेजों में पढ़ाया है और
वर्तमान शैक्षणिक सत्र के लिए आवेदन नहीं डाल पाए, उन्हें न्यायालय ने कॉलेजों में यथास्थिति में काम करने के आदेश दिए थे। ऐसी स्थिति में ग्वालियर-चंबल संभाग के कई कॉलेजों में एक ही पद के लिए दो-दो शिक्षकों की नियुक्ति कर दी गई।हाईकोर्ट ने 26 सितंबर 2017 को उच्च शिक्षा विभाग को आदेश दिया। इस आधार पर अपर संचालक (प्रशासन) डॉ. जगदीश चंद्र जटिया ने सभी प्राचार्यों को एक आदेश दिए। उसमें सबसे पहले बिंदु में साफ कहा गया है कि यदि कोई अतिथि शिक्षक जिसने सत्र 2016-17 में कॉलेज में पढ़ाया हो, वह नए सत्र के लिए आवेदन नहीं डाल पाए या डालने के बाद उनका सूची में नाम नहीं आया है। ऐसे अतिथि शिक्षकों को स्वीकृत पद विरुद्ध कार्यरत माना जाए। यदि उक्त पद पर आवंटन प्रक्रिया के तहत कोई कॉलेज में आया है, तो उसे निर्धारित प्रक्रिया के अनुरूप फालेन आउट माना जाए। जिन अतिथि शिक्षकों को फालेन आउट किया गया है, उनकी जानकारी ऑनलाइन डाली जाए।

सात दिन में बुलाएं

कॉलेजों में रिक्त पद एवं कार्यभार दर्शाने के बाद भी कोई आवंटन नहीं हुआ है। वर्ष 2016-17 में उक्त पद के विरुद्ध कोई अतिथि विद्वान कार्यरत रहा हो, उसे सात दिन का समय देकर आमंत्रित किया जाए। सात दिन का समय निकल जाने के बाद अतिथि विद्वान नहीं आता है, तो माना जाए कि अतिथि विद्वान पद स्वीकार करने के लिए इच्छुक नहीं है। कोई अतिथि विद्वान वर्ष 2016-17 से काम कर रहा हो। यदि वह हाईकोर्ट से यथास्थिति बनाने का पत्र लेकर आता है। कॉलेज में इस बीच पद पर स्थायी नियुक्ति हो जाती है, तो उस स्थिति में अतिथि विद्वान को पत्र जारी नहीं किया जाए। 

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