शहडोल- शिक्षा और आदिवासी विभाग में सेवा दे रहे शिक्षकों की समस्याओं
को अब विभाग में ही सुलझा लिया जाएगा। इसके लिए अब शिक्षकों को जिला पंचायत
का दरवाजा खटखटाना नहीं पड़ेगा। इसके लिए जिला पंचायत सीईओ ने नया आदेश
जारी कर दिया है। है।
जिले में वरिष्ठ अध्यापक वर्ग के 400,अध्यापक वर्ग के 800 और सहायक अध्यापक वर्ग के करीबन 2000 से अधिक शिक्षक पदस्थ है। जिन्हें अब तक छोटी-छोटी परेशानियों के लिए जिला पंचायत का सहारा लेना पड़ता था।जिसके कारण सैकड़ों मामले सालों से लंबित पड़े रहते थे। थे। छुट्टी लेने के लिए भी शिक्षक जिला पंचायत पहुंच जाते थे। जिसमे उनका पैसा और समय दोनो फिजूल खर्च होता था। होता था।
अब सीईओ जिला पंचायत एस कृष्ण चैतन्य ने आदेश जारी किया है कि शिक्षकों की समस्याओं को पहले प्राचार्य सुनेंगे और निपटाएंगे।अगर प्राचार्यों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है तो सम्बंधित जिला शिक्षा अधिकारी और सहायक आयुक्त आदिवासी को प्रतिवेदन भेजेंगे। जिला पंचायत में सिर्फ नियुक्ति से सम्बंधी फाइलों पर ही विचार होगा। बाकी शिक्षकों की समस्याएं विभाग में ही निपटेगी।
जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग की शैक्षणिक संस्थाए संचालित है। दोनो विभाग अपने-अपने अधिनस्थ अध्यापक संवर्ग से सम्बंधित शिक्षको की वरिष्ठता,पदोन्नति,क्रमोन्नति सूची समय-समय पर जारी करेंगे। इसके अलावा शिक्षको की अन्य समस्याएं भी विभागीय स्तर पर निपटाएंगे। इससे शिक्षको की समस्याओं का समय पर निराकरण होगा। इसके लिए अलग-अलग अधिकारियो को दायित्व भी सौंप दिया गया है।गया है।
शिक्षा और आदिवासी विभाग के अधिकारियों को दायित्व
जिला पंचायत शहडोल के सीईओ एस कृष्ण चैतन्य ने कहा अध्यापक संवर्ग से सम्बंधित कई तरह की समस्याएं मेरे संज्ञान में आ रही थी।जिसके समय पर निराकरण के लिए शिक्षा और आदिवासी विभाग के अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है। शिक्षा व अदिवासी विभाग के प्राचार्य और अधिकारी शिक्षको की परेशानियां दूर करने के लिए प्राथमिकता देंगे।
जिले में वरिष्ठ अध्यापक वर्ग के 400,अध्यापक वर्ग के 800 और सहायक अध्यापक वर्ग के करीबन 2000 से अधिक शिक्षक पदस्थ है। जिन्हें अब तक छोटी-छोटी परेशानियों के लिए जिला पंचायत का सहारा लेना पड़ता था।जिसके कारण सैकड़ों मामले सालों से लंबित पड़े रहते थे। थे। छुट्टी लेने के लिए भी शिक्षक जिला पंचायत पहुंच जाते थे। जिसमे उनका पैसा और समय दोनो फिजूल खर्च होता था। होता था।
अब सीईओ जिला पंचायत एस कृष्ण चैतन्य ने आदेश जारी किया है कि शिक्षकों की समस्याओं को पहले प्राचार्य सुनेंगे और निपटाएंगे।अगर प्राचार्यों के अधिकार क्षेत्र से बाहर है तो सम्बंधित जिला शिक्षा अधिकारी और सहायक आयुक्त आदिवासी को प्रतिवेदन भेजेंगे। जिला पंचायत में सिर्फ नियुक्ति से सम्बंधी फाइलों पर ही विचार होगा। बाकी शिक्षकों की समस्याएं विभाग में ही निपटेगी।
जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग और शिक्षा विभाग की शैक्षणिक संस्थाए संचालित है। दोनो विभाग अपने-अपने अधिनस्थ अध्यापक संवर्ग से सम्बंधित शिक्षको की वरिष्ठता,पदोन्नति,क्रमोन्नति सूची समय-समय पर जारी करेंगे। इसके अलावा शिक्षको की अन्य समस्याएं भी विभागीय स्तर पर निपटाएंगे। इससे शिक्षको की समस्याओं का समय पर निराकरण होगा। इसके लिए अलग-अलग अधिकारियो को दायित्व भी सौंप दिया गया है।गया है।
शिक्षा और आदिवासी विभाग के अधिकारियों को दायित्व
जिला पंचायत शहडोल के सीईओ एस कृष्ण चैतन्य ने कहा अध्यापक संवर्ग से सम्बंधित कई तरह की समस्याएं मेरे संज्ञान में आ रही थी।जिसके समय पर निराकरण के लिए शिक्षा और आदिवासी विभाग के अधिकारियों को दायित्व सौंपा गया है। शिक्षा व अदिवासी विभाग के प्राचार्य और अधिकारी शिक्षको की परेशानियां दूर करने के लिए प्राथमिकता देंगे।