भास्कर संवाददाता | खातेगांव कुसमानिया-हरणगांव मार्ग पर चिकलपाट जंगल में एक युवक की धारदार हथियार
से गला रेतकर हत्या करने के आरोपियों को अदालत ने आजीवन कारावास दिया है।
मृतक विष्णु रामसिंह मीणा निवासी रतनपुर अतिथि शिक्षक (22) था।
अभियोजन के अनुसार शव मिलने की सूचना 16 दिसंबर 2013 को मिली थी। पुलिस के अनुसंधान में सुराग लगा कि अज्ञात लड़की द्वारा फोन कर विष्णु को मिलने के लिए चिकलपाट जंगल में बुलाया था। सवेरे उस जगह विष्णु का शव मिला था और गर्दन, चेहरे, पीठ आदि पर धारदार हथियारों के 60 से 70 घाव थे। मौके पर एक चप्पल और कुछ दूरी पर शराब की खाली बोतल मिली थी। कॉल डिटेल निकालने पर जिस युवती के नंबर से कॉल आना पता चला, वह सिम फर्जी रिकॉर्ड जमा कर ली गई थी जिससे पता लगना मुश्किल हो गया। टेलीकॉम नेटवर्क कंपनी के अफसरों से जानकारी लेने पर सुराग मिला कि यह उक्त सिम चुना भट्टी के किसी व्यक्ति की है लेकिन जिस वोटर कार्ड को जमा करे इसे प्राप्त किया है, वह अन्य कोई अज्ञात है।
फर्जी वोटर आईडी से हासिल ली थी सिम-साजिश के तहत गब्बर का भाई ईश्वर मीणा जो लकड़ानी पंचायत सहायक सचिव के सहयोग से चुनाभट्टी निवासी गोपाल जिसकी वोटर आईडी गुम गई थी कि वोटर आईडी पर अज्ञात का फोटो लगाकर वोटर आईडी की फर्जी वोटर आईडी तैयार कर गब्बर और छोटू को दी गई जो उनके द्वारा उक्त फर्जी वोटर आईडी के आधार स्थित गुनगुन मोबाइल सेंटर से सिम ली गई। उक्त सिम को छोटू की प्रेमिका युवती को दी गई और पहले मृतक विष्णु के मोबाइल पर मिस काॅल किया गया जिसके बाद दोनों में योजना अनुसार पहले झड़प करवाई गई फिर धीरे-धीरे युवती द्वारा मृतक विष्णु को मोबाइल पर बात कर अपने प्रेमजाल में उलझा लिया गया फिर रात में विष्णु को मिलने के लिए चिकलपाट जंगल में बुलाया। जब विष्णु युवती से मिल रहा था उसी समय गब्बर मीणा, छोटू उर्फ सावलसिंह मीणा, कृष्णपालसिंह तोमर एवं मुकेश यादव द्वारा विष्णु को चाकुओं से हमला कर उसके शरीर को छलनी कर दिया व गर्दन रेत कर हत्या कर दी। वे अंधेरे में चुपचाप वापस इंदौर जाते हुए रास्ते में चाकू और सिम व मोबाइल रतवाय एवं धनतलाब घाट पर छिपाकर इंदौर कमरे पर पहुंचकर खून में लगे कपड़े छुपा दिए। फिर घूमने के लिए राजस्थान निकल गए थे।
आरोपियों की निशानदेही पर जब्त किया चाकू और सिम के टुकड़े-पुलिस ने तथ्यों के आधार पर गब्बर पिता रामसिंह मीणा, कृष्णपालसिंह मनोहरसिंह तोमर तथा मुकेश प्रहलाद यादव, छोटू उर्फ सावलसिंह शिवराम मीणा को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ कर जुर्म स्वीकार करने पर उनसे मृतक विष्णु की हत्या करने में प्रयुक्त चाकू एवं सिम के टुकड़े धनतालाब घाट एवं रतवाय से जब्त किए। शासन की ओर से पैरवी एजीपी गिरधर गोपाल तिवारी ने की। फैसला अपर सत्र न्यायाधीश मनोज तिवारी ने देते हुए आरोपियों को सजा सुनाई। आरोपी गब्बर, छोटू उर्फ सावलसिंह, कृष्णपालसिंह, मुकेश, ईश्वर को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास दिया गया। उन पर 5-5 हजार रुपए जुर्माना भी किया।
छानबीन में पुलिस को एक और जानकारी लगी कि मृतक विष्णु मीणा गांव में समस्याओं को लेकर शिकायत करता रहता था। आरटीआई के तहत आवेदन भी लगाता रहता था। छानबीन में पुलिस को पता चला कि मृतक को फोन करने वाली लड़की इंदौर में रहती है और हत्या के समय इंदौर से कुछ संदिग्ध घटनास्थल पर देखे गए हैं। खुलासा हुआ कि युवती मूसाखेड़ी-इंदौर की और उसका प्रेम संबंध ग्राम भंवरास के छोटू उर्फ सावलसिंह से है। पुलिस ने छोटू उर्फ सावलसिंह की लिंक निकाली तो पता चला कि वह गांव रतनपुर के गब्बर मीणा का दोस्त है। इन तथ्यों के आधार पर युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो जानकारी मिली कि युवती ने अपने प्रेमी छोटू उर्फ सावलसिंह मीणा के दोस्त गब्बर जिसका भाई गांव का सरपंच रहा तथा भाभी गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नई नियुक्ति हुई थी। मृतक विष्णु ने गब्बर की भाभी की नियुक्ति में धांधली की शिकायत की थी। गब्बर जो इंदौर में पड़ता था अपने दोस्तों को गांव घुमाने लाया। जब उसे मृतक द्वारा की गई शिकायत की जानकारी मिली तो वह इंदौर आया और उसके कमरे जानकीनगर इंदौर में अपने दोस्त छोटू उर्फ सावलसिंह और कृष्णपाल तोमर एवं मुकेश यादव को पूरी बात बताकर मृतक विष्णु मीणा को रास्ते से हटाने के लिए कहा। सब दोस्तों ने मिलकर कमरे में रखे टीवी में प्रतिदिन सीआईडी, क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया आदि क्राइम के सीरियल लगातार देखे और पुलिस से बचने की साजिश रचकर मृतक विष्णु की हत्या का तरीका निकाला।
अभियोजन के अनुसार शव मिलने की सूचना 16 दिसंबर 2013 को मिली थी। पुलिस के अनुसंधान में सुराग लगा कि अज्ञात लड़की द्वारा फोन कर विष्णु को मिलने के लिए चिकलपाट जंगल में बुलाया था। सवेरे उस जगह विष्णु का शव मिला था और गर्दन, चेहरे, पीठ आदि पर धारदार हथियारों के 60 से 70 घाव थे। मौके पर एक चप्पल और कुछ दूरी पर शराब की खाली बोतल मिली थी। कॉल डिटेल निकालने पर जिस युवती के नंबर से कॉल आना पता चला, वह सिम फर्जी रिकॉर्ड जमा कर ली गई थी जिससे पता लगना मुश्किल हो गया। टेलीकॉम नेटवर्क कंपनी के अफसरों से जानकारी लेने पर सुराग मिला कि यह उक्त सिम चुना भट्टी के किसी व्यक्ति की है लेकिन जिस वोटर कार्ड को जमा करे इसे प्राप्त किया है, वह अन्य कोई अज्ञात है।
फर्जी वोटर आईडी से हासिल ली थी सिम-साजिश के तहत गब्बर का भाई ईश्वर मीणा जो लकड़ानी पंचायत सहायक सचिव के सहयोग से चुनाभट्टी निवासी गोपाल जिसकी वोटर आईडी गुम गई थी कि वोटर आईडी पर अज्ञात का फोटो लगाकर वोटर आईडी की फर्जी वोटर आईडी तैयार कर गब्बर और छोटू को दी गई जो उनके द्वारा उक्त फर्जी वोटर आईडी के आधार स्थित गुनगुन मोबाइल सेंटर से सिम ली गई। उक्त सिम को छोटू की प्रेमिका युवती को दी गई और पहले मृतक विष्णु के मोबाइल पर मिस काॅल किया गया जिसके बाद दोनों में योजना अनुसार पहले झड़प करवाई गई फिर धीरे-धीरे युवती द्वारा मृतक विष्णु को मोबाइल पर बात कर अपने प्रेमजाल में उलझा लिया गया फिर रात में विष्णु को मिलने के लिए चिकलपाट जंगल में बुलाया। जब विष्णु युवती से मिल रहा था उसी समय गब्बर मीणा, छोटू उर्फ सावलसिंह मीणा, कृष्णपालसिंह तोमर एवं मुकेश यादव द्वारा विष्णु को चाकुओं से हमला कर उसके शरीर को छलनी कर दिया व गर्दन रेत कर हत्या कर दी। वे अंधेरे में चुपचाप वापस इंदौर जाते हुए रास्ते में चाकू और सिम व मोबाइल रतवाय एवं धनतलाब घाट पर छिपाकर इंदौर कमरे पर पहुंचकर खून में लगे कपड़े छुपा दिए। फिर घूमने के लिए राजस्थान निकल गए थे।
आरोपियों की निशानदेही पर जब्त किया चाकू और सिम के टुकड़े-पुलिस ने तथ्यों के आधार पर गब्बर पिता रामसिंह मीणा, कृष्णपालसिंह मनोहरसिंह तोमर तथा मुकेश प्रहलाद यादव, छोटू उर्फ सावलसिंह शिवराम मीणा को गिरफ्तार किया। उनसे पूछताछ कर जुर्म स्वीकार करने पर उनसे मृतक विष्णु की हत्या करने में प्रयुक्त चाकू एवं सिम के टुकड़े धनतालाब घाट एवं रतवाय से जब्त किए। शासन की ओर से पैरवी एजीपी गिरधर गोपाल तिवारी ने की। फैसला अपर सत्र न्यायाधीश मनोज तिवारी ने देते हुए आरोपियों को सजा सुनाई। आरोपी गब्बर, छोटू उर्फ सावलसिंह, कृष्णपालसिंह, मुकेश, ईश्वर को हत्या के आरोप में आजीवन कारावास दिया गया। उन पर 5-5 हजार रुपए जुर्माना भी किया।
छानबीन में पुलिस को एक और जानकारी लगी कि मृतक विष्णु मीणा गांव में समस्याओं को लेकर शिकायत करता रहता था। आरटीआई के तहत आवेदन भी लगाता रहता था। छानबीन में पुलिस को पता चला कि मृतक को फोन करने वाली लड़की इंदौर में रहती है और हत्या के समय इंदौर से कुछ संदिग्ध घटनास्थल पर देखे गए हैं। खुलासा हुआ कि युवती मूसाखेड़ी-इंदौर की और उसका प्रेम संबंध ग्राम भंवरास के छोटू उर्फ सावलसिंह से है। पुलिस ने छोटू उर्फ सावलसिंह की लिंक निकाली तो पता चला कि वह गांव रतनपुर के गब्बर मीणा का दोस्त है। इन तथ्यों के आधार पर युवती को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो जानकारी मिली कि युवती ने अपने प्रेमी छोटू उर्फ सावलसिंह मीणा के दोस्त गब्बर जिसका भाई गांव का सरपंच रहा तथा भाभी गांव में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की नई नियुक्ति हुई थी। मृतक विष्णु ने गब्बर की भाभी की नियुक्ति में धांधली की शिकायत की थी। गब्बर जो इंदौर में पड़ता था अपने दोस्तों को गांव घुमाने लाया। जब उसे मृतक द्वारा की गई शिकायत की जानकारी मिली तो वह इंदौर आया और उसके कमरे जानकीनगर इंदौर में अपने दोस्त छोटू उर्फ सावलसिंह और कृष्णपाल तोमर एवं मुकेश यादव को पूरी बात बताकर मृतक विष्णु मीणा को रास्ते से हटाने के लिए कहा। सब दोस्तों ने मिलकर कमरे में रखे टीवी में प्रतिदिन सीआईडी, क्राइम पेट्रोल, सावधान इंडिया आदि क्राइम के सीरियल लगातार देखे और पुलिस से बचने की साजिश रचकर मृतक विष्णु की हत्या का तरीका निकाला।