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बीएड डिग्रीधारी को पहली-दूसरी पढ़ाने के लिए करना होगा ब्रिज कोर्स

इंदौर, नईदुनिया प्रतिनिधि। बीएड डिग्रीधारी 9वीं-10वीं के विद्यार्थियों को तो पढ़ा सकते हैं लेकिन उन्हें प्राथमिक कक्षाएं (पहली से पांचवीं तक) के विद्यार्थियों को पढ़ाने की अनुमति नहीं है। वे प्राथमिक कक्षाओं को पढ़ाना चाहते हैं तो उन्हें छह महीने का स्पेशल ब्रिज कोर्स करना होगा।

हाल ही में जारी इस आदेश के बाद प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों को पढ़ा रहे शिक्षकों की नींद उड़ी हुई है। उन्हें समझ नहीं आ रहा कि बीएड की डिग्री होने के बावजूद उन्हें ब्रिज कोर्स क्यों करवाया जा रहा है। इस कोर्स के लिए बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों को ऑनलाइन आवेदन करना है।
ब्रिज कोर्स के पीछे तर्क दिया जा रहा है कि बीएड की डिग्री के दौरान विषय की पढ़ाई कराई जाती है लेकिन प्राथमिक कक्षाओं के विद्यार्थियों की मनोदशा को समझने के लिए शिक्षकों को इलेमेंट्री एजुकेशन कोर्स किया हुआ होना चाहिए। इंदौर के निजी स्कूलों के करीब 10 हजार शिक्षक हैं जिन्हें ब्रिज कोर्स के लिए आवेदन करना होगा।
30 नवंबर तक करना है
राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय शिक्षा संस्थान के माध्यम से कराए जा रहे इस कोर्स का यह पहला साल है। वे ही शिक्षक इसके लिए पात्र हैं जो बीएड डिग्रीधारी हैं और किसी स्कूल में पढ़ा रहे हैं। शिक्षकों को 30 नवंबर से पहले ऑनलाइन आवेदन करना है। छह माह के इस कोर्स का शुल्क 5 हजार रुपए है।
10 हजार से ज्यादा शिक्षक
निजी स्कूलों में प्राथमिक कक्षाओं के बीएड डिग्रीधारी शिक्षकों के लिए सरकार ने ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य किया है। इंदौर के स्कूलों में करीब 10 हजार शिक्षक हैं जिन्हें आवेदन करना ही होगा। -गोपाल सोनी, अध्यक्ष, अशासकीय स्कूल एसोसिएशन

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