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शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही, कहीं स्कूल खाली हो गए तो कहीं जरूरत से ज्यादा शिक्षक

महू। शिक्षकों को तबादलों का लाभ देने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा पिछले दिनों युक्तियुक्तकरण किया गया, लेकिन विभाग के जिम्मेदार इसमें भी फेल रहे। विभाग के पोर्टल पर शिक्षकों के नए स्थानों की जो सूची डाली गई है, उनमें कहीं बंद हो चुके स्कूलों में नियुक्ति की गई है तो कहीं अतिशेष शिक्षकों के होने के बावजूद और नियुक्तियां कर दी गईं।
ऐसा भी हुआ कि जिस स्कूल में केवल दो शिक्षक थे, उन दोनों को ही दूसरे स्कूल में पदस्थ दर्शा दिया और अब ये स्कूल खाली हैं।
युक्तियुक्तकरण वैसे तो शिक्षकों के तबादलों की ही एक प्रक्रिया है, लेकिन शिक्षा विभाग इसे शैक्षणिक स्तर बढ़ाने के लिए प्रोजेक्ट करता है। इस व्यवस्था में जिन स्कूलों में अधिक शिक्षक हैं, उन्हें उन स्कूलों में भेजा जाता है, जहां शिक्षकों की जरूरत हो। इस बार शिक्षा का स्तर बढ़ाने वाली यह व्यवस्था दरअसल विभाग की अव्यवस्थित कार्यप्रणाली को दर्शा रही है। सूत्रों की मानें तो इस गड़बड़ी का प्रमुख कारण संकुल प्राचार्यों की लापरवाही है जिन्होंने स्कूलों की सही जानकारी पोर्टल पर अपडेट नहीं की।
पहली भूल बंद स्कूलों में हो गई नियुक्ति
- ग्राम गड़बड़ी का शासकीय प्राथमिक विद्यालय दो वर्ष पूर्व मर्ज होकर बंद हो गया, लेकिन युक्तियुक्तकरण के तहत इस विद्यालय में सीमा मजूमदार को भेज दिया गया। इसी प्रकार ग्राम बड़गोंदा का शासकीय कन्या प्राथमिक विद्यालय बालक विद्यालय में मर्ज होकर बंद हो गया, लेकिन नए आदेश के तहत गुलाब चौहान की नियुक्ति यहां कर दी गई। इसके अलावा शासकीय प्राथमिक विद्यालय गाड़ाघाट के सहायक अध्यापक गोपाल कुमरावत को प्राथमिक विद्यालय मली भेजा गया जो कि पूर्व से ही बंद है।
-शेरपुर का कन्या प्रावि को शासन ने अन्य विद्यालय में मर्ज कर बंद कर दिया, लेकिन नए आदेश के तहत यहां दो सहायक अध्यापक अशोक जाट व सत्यनारायण शर्मा को नियुक्त कर दिया गया।
दूसरी भूल
शिक्षकविहीन हो गया विद्यालय
-ग्राम चोरल रतवी विद्यालय में नियमानुसार दो शिक्षक थे। नए आदेश के तहत शिक्षक घनश्याम शर्मा को इंदौर ग्रामीण के प्रावि मेरोद एवं कैलाश डाबर को शा. प्रावि भत्याखेड़ी भेज दिया गया जो चार वर्षो से बंद हैं। अब रतवी स्कूल में कोई शिक्षक नहीं है।
-इसके अलावा रायकुंडा के प्रावि में दो शिक्षक थे मगर यहां से एक शिक्षक प्रेमकुमार मंडलोई को अतिशेष बता कर अन्य स्थान पर भेज दिया गया जिससे रायकुंडा स्कूल में अब ही एक शिक्षक है।
तीसरी भूल-
पहले से ज्यादा थे और भेज दिए
-धारनाका के शासकीय प्रा. वि.में पहले से ही चार अतिरिक्त शिक्षक थे। इसके बाद भी यहां मंजुला पांडेय नाम की शिीक्षका की भी नियुक्ति कर दी गई, जिससे पांच शिक्षक ज्यादा हो गए। पोर्टल द्वारा जारी सूची के अनुसार इसी स्कूल में पदस्थ शिक्षिका प्रीतिबाला पांडेय को भी दोबारा यहां नियुक्त कर दिया गया है। अब 119 विद्यार्थियों के स्कूल में जरूरत के मुताबिक चार शिक्षकों के स्थान पर अब नौ शिक्षक हैं।
खामियां दूर करेंगे
अभी सूची जारी नहीं हुर्ई है। जो सूची पोर्टल पर है, उसकी जांच की जा रही है। कुछ खामियां रह गई हैं, जिसे तत्काल दूर किया जाएगा।- सुधीर सिंह कौशल, जिला शिक्षा अधिकारी

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