कहीं जगह शिक्षक नदारद, तो कहीं स्कूलों में लगे है ताले, बच्चों की मौजूदगी भी रही कम, विभाग की लापरवाही,पत्रिका प्रतिनिधि ने ग्रामीण अंचलों की पड़ताल की
बड़वानी/धनोरा. एक ओर सरकार शिक्षा के प्रति लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं शिक्षा विभाग इन पर पलीता लगाते नजर आ रहा है। शनिवार को बड़वानी जिला स्थित धनोरा के पत्रिका प्रतिनिधि ने ग्रामीण अंचलों की पड़ताल की, तो हकीकत कई और निकली। झिरीजामली संकुल की स्कूलों की पड़ताल में ग्राम पलासपानी स्थित मीडिल और प्रायमरी स्कूल के 64 विद्यार्थियों पर एक ही शिक्षक पदस्थ है। इसके अवकाश पर होने से स्कूल के ताले ही नहीं खुले। पदस्थ शिक्षक प्रेमनारायण पंवार के अवकाश पर होने से स्कूल के ताले ही नहीं खुले। ये मीडिल और प्रायमरी स्कूल में एक ही शिक्षक नियुक्त है। ऐसे में बच्चों को शिक्षा कैसे मिलेगी। संकुल प्राचार्य मदन भट्ट ने बताया कि शिक्षक के अवकाश का आवेदन आया था। वहां एक ही शिक्षक होने से स्कूल नहीं खुला। यही स्थिति पांजरिया मीडिल और प्रायमरी स्कूल में भी मिली। यहां प्रायमरी में पदस्थ दो शिक्षक धरमसिंग डावर और ईश्वर बड़ोले पदस्थ है। इसमें से एक मीडिल स्कूल को संभाल रहा है। शनिवार को 6 टी से 8 वीं तक कुल 6 1 में से 40 बच्चे उपस्थित थे। वहीं 1ली से 5वीं में दर्ज 79 में से 45 बच्चे उपस्थित थे।
अनुपस्थित शिक्षक का पंचनामा बनाकर एक दिन का काटा वेतन
दोपहर में प्रायमरी स्कूल झिरीजामली के एक कमरे में दो-दो कक्षाएं संचालित की जा रही है। जब शिक्षिका समता जैन से पूछा तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों के अनुपस्थिति के कारण इस तरह बैठाया है। यहां पदस्थ दो शिक्षक कट्टरसिंह ब्राह्मणे और सीताराम भादले है। इनमें से ब्राह्मणे अवकाश पर है। वहीं भादले अनुपस्थित पाए गए। इस दौरान निरीक्षण करने आए जनशिक्षक बिसन अश्के ने सबंधित अनुपस्थित शिक्षक का पंचनामा बनाकर एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गई। यही हालात ग्रामीण अंचल में देखने को मिल रही है। 15 जून से स्कूलें खुल गई है, लेकिन व्यवस्थाएं आज भी वैसे ही है। इस सबंध में प्रभारी प्राचार्य मदन भट्ट से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि संकुल में शिक्षकों की कमी है। पलासपानी में मीडिल और प्रायमरी में एक ही शिक्षक पदस्थ है। संकुल में कुल 50 शिक्षक है। झिरीजामली हाई स्कूल में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है। अध्यनन कार्य पर प्रभाव पड़ता है। शुक्रवार को हुई बैठक में एसडीएम शिवम वर्मा को शिक्षकों की कमी के संबंध में अवगत करा दिया गया हैं। एसडीएम ने आयुक्त से बात करने की बात कही है।
ये बोले जिम्मेदार
सेंधवा बीआरसी सुभाष सोलंकी ने बताया कि एसडीएम कार्यालय में हुई बैठक में शिक्षकों को कमी के बारे में अवगत कराया है। किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी है, तो अन्य स्कूल में पदस्थ ज्यादा शिक्षकों में से किसी एक को अटेचमेंट करने का अधिकार संकुल प्राचार्यों के पास है। वे व्यवस्था कर सकते है। सेंधवा प्रभारी बीईओ ने बताया कि सेंधवा ब्लॉक में 450 शिक्षकों के पद खाली पड़े है। संविदा भर्ती में खली पदों की पूर्ति हो सकती है। संकुल प्राचार्य अन्य स्कूलों से शिक्षकों को व्यवस्था कर सकते है।
बड़वानी/धनोरा. एक ओर सरकार शिक्षा के प्रति लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं शिक्षा विभाग इन पर पलीता लगाते नजर आ रहा है। शनिवार को बड़वानी जिला स्थित धनोरा के पत्रिका प्रतिनिधि ने ग्रामीण अंचलों की पड़ताल की, तो हकीकत कई और निकली। झिरीजामली संकुल की स्कूलों की पड़ताल में ग्राम पलासपानी स्थित मीडिल और प्रायमरी स्कूल के 64 विद्यार्थियों पर एक ही शिक्षक पदस्थ है। इसके अवकाश पर होने से स्कूल के ताले ही नहीं खुले। पदस्थ शिक्षक प्रेमनारायण पंवार के अवकाश पर होने से स्कूल के ताले ही नहीं खुले। ये मीडिल और प्रायमरी स्कूल में एक ही शिक्षक नियुक्त है। ऐसे में बच्चों को शिक्षा कैसे मिलेगी। संकुल प्राचार्य मदन भट्ट ने बताया कि शिक्षक के अवकाश का आवेदन आया था। वहां एक ही शिक्षक होने से स्कूल नहीं खुला। यही स्थिति पांजरिया मीडिल और प्रायमरी स्कूल में भी मिली। यहां प्रायमरी में पदस्थ दो शिक्षक धरमसिंग डावर और ईश्वर बड़ोले पदस्थ है। इसमें से एक मीडिल स्कूल को संभाल रहा है। शनिवार को 6 टी से 8 वीं तक कुल 6 1 में से 40 बच्चे उपस्थित थे। वहीं 1ली से 5वीं में दर्ज 79 में से 45 बच्चे उपस्थित थे।
अनुपस्थित शिक्षक का पंचनामा बनाकर एक दिन का काटा वेतन
दोपहर में प्रायमरी स्कूल झिरीजामली के एक कमरे में दो-दो कक्षाएं संचालित की जा रही है। जब शिक्षिका समता जैन से पूछा तो उन्होंने बताया कि शिक्षकों के अनुपस्थिति के कारण इस तरह बैठाया है। यहां पदस्थ दो शिक्षक कट्टरसिंह ब्राह्मणे और सीताराम भादले है। इनमें से ब्राह्मणे अवकाश पर है। वहीं भादले अनुपस्थित पाए गए। इस दौरान निरीक्षण करने आए जनशिक्षक बिसन अश्के ने सबंधित अनुपस्थित शिक्षक का पंचनामा बनाकर एक दिन का वेतन काटने की कार्रवाई की गई। यही हालात ग्रामीण अंचल में देखने को मिल रही है। 15 जून से स्कूलें खुल गई है, लेकिन व्यवस्थाएं आज भी वैसे ही है। इस सबंध में प्रभारी प्राचार्य मदन भट्ट से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि संकुल में शिक्षकों की कमी है। पलासपानी में मीडिल और प्रायमरी में एक ही शिक्षक पदस्थ है। संकुल में कुल 50 शिक्षक है। झिरीजामली हाई स्कूल में गणित, विज्ञान और अंग्रेजी के शिक्षक नहीं है। अध्यनन कार्य पर प्रभाव पड़ता है। शुक्रवार को हुई बैठक में एसडीएम शिवम वर्मा को शिक्षकों की कमी के संबंध में अवगत करा दिया गया हैं। एसडीएम ने आयुक्त से बात करने की बात कही है।
ये बोले जिम्मेदार
सेंधवा बीआरसी सुभाष सोलंकी ने बताया कि एसडीएम कार्यालय में हुई बैठक में शिक्षकों को कमी के बारे में अवगत कराया है। किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी है, तो अन्य स्कूल में पदस्थ ज्यादा शिक्षकों में से किसी एक को अटेचमेंट करने का अधिकार संकुल प्राचार्यों के पास है। वे व्यवस्था कर सकते है। सेंधवा प्रभारी बीईओ ने बताया कि सेंधवा ब्लॉक में 450 शिक्षकों के पद खाली पड़े है। संविदा भर्ती में खली पदों की पूर्ति हो सकती है। संकुल प्राचार्य अन्य स्कूलों से शिक्षकों को व्यवस्था कर सकते है।