जौरा/मुरैना. बोर्ड परीक्षा के दौरान बुधवार को जौरा में एक फर्जी शिक्षक ड्यूटी करते हुए पकड़ा गया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में योजना अधिकारी बृजेश शर्मा की टीम ने फर्जी शिक्षक राजेंद्र को पकड़कर मामला पुलिस को सौंप दिया है। पुलिस ने प्रतिरूपेण, धोखाधड़ी व परीक्षा अधिनियम की धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर लिया है।
बोर्ड परीक्षा में 10 दिन के भीतर फर्जीवाड़े का यह दूसरा मामला सामने आया है। जिले के पैनल में योजना अधिकारी बृजेश शर्मा बुधवार को हाईस्कूल के सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र के दौरान निरीक्षण पर थे। जौरा में मॉडल स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र के कक्ष क्रमांक 15 में वे पहुंचे तो पर्यवेक्षक नवल अर्गल के साथ एक युवक भी परीक्षा ड्यूटी दे रहा था। उसका कार्य-व्यवहार भेदभावपूर्ण देखकर निरीक्षण अधिकारी को संदेह हुआ और ड्यूटी चार्ट देखा तो उसका नाम नहीं था। पूछताछ की तो वह अपना नाम छिपाने लगा। जब पुलिस को बुलाया तो उसने अपना नाम बता दिया। ड्यूटी को लेकर सीएस व साथी पर्यवेक्षक से पूछा तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। इस पर निरीक्षण अधिकारी शर्मा ने मामला पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज कर लिया है।
निजी स्कूल संचालक की है साठगांठ
प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि गिरफ्तार युवक कस्बे के ही एक निजी स्कूल में काम करता है। साठगांठ से उसे परीक्षा ड्यूटी के नाम अपने स्कूल के परीक्षार्थियों को नकल में सहयोग करने के लिए केंद्र पर बुलाया गया था। पुलिस इस विषय में भी जांच कर रही है।
जौरा में सीएस ने दर्ज कराया प्रकरण
शासकीय मॉडल स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर फर्जी पैनल निरीक्षक के तौर पर काम करते पकड़े गए राजेंद्र पुत्र बनवारी निवासी हार गांगोली के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी भी प्रदर्शित कर दी है। सीएस आरके शर्मा ने पुलिस को बताया कि आरोपी अपनी बहन पूजा को परीक्षा में फायदा पहुंचाने की नीयत से घुसा था।
सीएस, एसीएस की भूमिका भी संदिग्ध
निरीक्षण अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को इस पूरे प्रकरण पर एक प्रतिवेदन भेजा है। इसमें जहां साथी पर्यवेक्षक नवल सिंह अर्गल की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं वहीं सीएस व एसीएस को बदलने की अनुशंसा की गई है। हालांकि बुधवार को देर शाम तक इस मामले में कोई कार्रवाई शिक्षा विभाग के आला अधिकारी नहीं कर पाए हैं, जबकि दो घंटे से ज्यादा समय तक फर्जी शिक्षक परीक्षा कक्ष के भीतर अपनी मनमानी करता रहा।
10 दिन पूर्व पकड़ी जा चुकी है फर्जी आईएएस
बोर्ड परीक्षा के दौरान छह मार्च को पोरसा में प्रशिक्षु आईएएस के नाम पर निरीक्षण करते एक युवती को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि इस युवती को दूसरे ही दिन जमानत मिल गई थी। इसके बावजूद फर्जीवाड़ा बंद नहीं हुआ है। खबर तो यह है कि अंचल में व्यापक पैमाने पर नकल व शिक्षा माफिया ने अपनी पैठ बना ली है। भोपाल से पर्यवेक्षकों की ड्यूटी लगाने के नाम पर ऐसे मामलों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
कथन
फर्जी शिक्षक को योजना अधिकारी बृजेश शर्मा की टीम ने पकड़ा है। पुलिस में प्रकरण दर्ज करवा दिया है। फर्जी शिक्षक का परीक्षा भवन में पहुंचना गंभीर मामला है। जांच के बाद सीएस व एसीएस के खिलाफ भी कार्रवाई पर विचार करेंगे।
डॉ. आरएन नीखरा, जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना
बोर्ड परीक्षा में 10 दिन के भीतर फर्जीवाड़े का यह दूसरा मामला सामने आया है। जिले के पैनल में योजना अधिकारी बृजेश शर्मा बुधवार को हाईस्कूल के सामाजिक विज्ञान के प्रश्नपत्र के दौरान निरीक्षण पर थे। जौरा में मॉडल स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र के कक्ष क्रमांक 15 में वे पहुंचे तो पर्यवेक्षक नवल अर्गल के साथ एक युवक भी परीक्षा ड्यूटी दे रहा था। उसका कार्य-व्यवहार भेदभावपूर्ण देखकर निरीक्षण अधिकारी को संदेह हुआ और ड्यूटी चार्ट देखा तो उसका नाम नहीं था। पूछताछ की तो वह अपना नाम छिपाने लगा। जब पुलिस को बुलाया तो उसने अपना नाम बता दिया। ड्यूटी को लेकर सीएस व साथी पर्यवेक्षक से पूछा तो कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। इस पर निरीक्षण अधिकारी शर्मा ने मामला पुलिस को सौंप दिया। पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर प्रकरण दर्ज कर लिया है।
निजी स्कूल संचालक की है साठगांठ
प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि गिरफ्तार युवक कस्बे के ही एक निजी स्कूल में काम करता है। साठगांठ से उसे परीक्षा ड्यूटी के नाम अपने स्कूल के परीक्षार्थियों को नकल में सहयोग करने के लिए केंद्र पर बुलाया गया था। पुलिस इस विषय में भी जांच कर रही है।
जौरा में सीएस ने दर्ज कराया प्रकरण
शासकीय मॉडल स्कूल स्थित परीक्षा केंद्र पर फर्जी पैनल निरीक्षक के तौर पर काम करते पकड़े गए राजेंद्र पुत्र बनवारी निवासी हार गांगोली के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तारी भी प्रदर्शित कर दी है। सीएस आरके शर्मा ने पुलिस को बताया कि आरोपी अपनी बहन पूजा को परीक्षा में फायदा पहुंचाने की नीयत से घुसा था।
सीएस, एसीएस की भूमिका भी संदिग्ध
निरीक्षण अधिकारी ने जिला शिक्षा अधिकारी को इस पूरे प्रकरण पर एक प्रतिवेदन भेजा है। इसमें जहां साथी पर्यवेक्षक नवल सिंह अर्गल की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं वहीं सीएस व एसीएस को बदलने की अनुशंसा की गई है। हालांकि बुधवार को देर शाम तक इस मामले में कोई कार्रवाई शिक्षा विभाग के आला अधिकारी नहीं कर पाए हैं, जबकि दो घंटे से ज्यादा समय तक फर्जी शिक्षक परीक्षा कक्ष के भीतर अपनी मनमानी करता रहा।
10 दिन पूर्व पकड़ी जा चुकी है फर्जी आईएएस
बोर्ड परीक्षा के दौरान छह मार्च को पोरसा में प्रशिक्षु आईएएस के नाम पर निरीक्षण करते एक युवती को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है। हालांकि इस युवती को दूसरे ही दिन जमानत मिल गई थी। इसके बावजूद फर्जीवाड़ा बंद नहीं हुआ है। खबर तो यह है कि अंचल में व्यापक पैमाने पर नकल व शिक्षा माफिया ने अपनी पैठ बना ली है। भोपाल से पर्यवेक्षकों की ड्यूटी लगाने के नाम पर ऐसे मामलों को दबाने का प्रयास किया जा रहा है।
कथन
फर्जी शिक्षक को योजना अधिकारी बृजेश शर्मा की टीम ने पकड़ा है। पुलिस में प्रकरण दर्ज करवा दिया है। फर्जी शिक्षक का परीक्षा भवन में पहुंचना गंभीर मामला है। जांच के बाद सीएस व एसीएस के खिलाफ भी कार्रवाई पर विचार करेंगे।
डॉ. आरएन नीखरा, जिला शिक्षा अधिकारी मुरैना