भोपाल। मध्यप्रदेश
के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को अपनी घोषणाओं की समीक्षा
की। समीक्षा के दौरान उन्हें अफसरों की बड़ी हरकत ने गुस्सा दिला दिया।
दरअसल अफसरों ने सीएम की घोषणाओं पर जो कागजी कार्यवाही की थी, उससे सीएम
नाराज थे। उन्होंने न केवल मीटिंग में अफसरों को फटकार लगाई, बल्कि ये भी
कहा कि आपने मेरी घोषणाओं का मजाक बना दिया है। जो घोषणा मैंने की भी नहीं,
आपने वो भी कागजों मेें लिख दी। आइए जानते हैं सीएम ने आगे और क्या
कहा....
ऐसे नहीं चलेगा, आप समझ लें
मुख्यमंत्री
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि घोषणाओं के आदेश में अफसर वह भी लिख देते
हैं, जो मैंने कहा ही नहीं। आदेश में शब्दों की हेर-फेर हो जाती है। मेरे
साथ गए अफसर नोट नहीं करते और कलेक्टर्स भी कुछ भी समझ आदेश दे देते हैं।
एेसा नहीं चलेगा। जो घोषणाएं की हैं, उन्हें तय अवधि में पूरी करें। उसमें
अड़ंगा नहीं लगाएं। यह बर्दाश्त नहीं होगा।
जब एजेंसी एक, तो फिर कीमतें दो क्यों
मप्र
के दो विभाग अलग-अलग कीमत का स्मार्टफोन खरीदने की तैयारी में हैं। उच्च
शिक्षा विभाग, जिसने शुरुआत में 2400 रुपए के स्मार्टफोन खरीदे जो अब 2200
रुपए में मिल रहे हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री कन्यादान योजना में भी
स्मार्टफोन देने की स्कीम बनी तो सामाजिक न्याय विभाग भी 2600 रुपए के
स्मार्टफोन खरीदने की तैयारी में जुट गया। सीएम की समीक्षा में ये मामला
सामने आया। मुख्यमंत्री ने सामाजिक न्याय विभाग के पीएस वीके बाथम से पूछा
कि जब सरकारी एजेंसी से ही फोन खरीदने हैं तो कीमत अलग-अलग क्यों। ये क्या
हो रहा है? इस पर बाथम ने सफाई देते हुए कहा कि हम कम संख्या में ले रहे
हैं तो सीएम ने कहा कि कम और ज्यादा क्या होता है। आप लोग अलग-अलग कीमत में
खरीदेंगे जो बाद में मुद्दा बनेगा।
एक साल डिपोजिट नहीं करेगी सरकार
मुख्यमंत्री
स्व रोजगार योजना में लोन के केस मंजूर नहीं करने पर वित्त विभाग ने फैसला
लिया है कि अगले एक साल तक बैंक ऑफ महाराष्ट्र में एक साल तक कोई डिपॉजिट
नहीं होगा। एसबीआई के मामले में भी 31 जनवरी को सुनवाई रखी गई है।