खाचरौद | सातवां वेतनमान सहित अन्य मांगों को लेकर शिक्षक कांग्रेस प्रदेश
महासचिव स्वरुपनारायण चतुर्वेदी ने पत्र मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान को
भेजा हैं। पत्र में बताया कि केंद्र सरकार ने जनवरी 2016 से ही सातवां
वेतनमान दे दिया हैं, वहीं जुलाई 2016 से 2 प्रतिशत डीए की किश्त भी नकद दे
दी हैं।
मप्र के पांच लाख कर्मचारी सातवें वेतनमान व डीए के लिए सरकार की ओर निगाह लगाए हुए हैं, लेकिन सरकार का मौन रवैया कर्मचारी वर्ग में असंतोष का कारण बनता जा रहा हैं। वहीं अध्यापक वर्ग को भी विसंगतियों से भरा छठवां वेतनमान दिया जा रहा हैं, जो लाभ की जगह हानि का कारण बन गया हैं। किसी भी सरकार द्वारा घोषित वेतनमान लाभकारी होता हैं, लेकिन दो लाख अध्यापकों को दिया गया छठवां वेतनमान सरकार के गले की फांस बन गया हैं। एक तरफ तो भारी विसंगति दूसरी तरफ माह नवंबर का वेतन तक जारी नहीं किया गया है। सरकार को छठे वेतनमान की विसंगति शीघ्र दूर करने, सातवां वेतनमान देने की घोषणा होने तक इस अनुपात में जुलाई 2016 से डीए किश्त तत्काल दिए जाने का आदेश जारी करना चाहिए ताकि कर्मचारी वर्ग के असंतोष को कम किया जा सके।
मप्र के पांच लाख कर्मचारी सातवें वेतनमान व डीए के लिए सरकार की ओर निगाह लगाए हुए हैं, लेकिन सरकार का मौन रवैया कर्मचारी वर्ग में असंतोष का कारण बनता जा रहा हैं। वहीं अध्यापक वर्ग को भी विसंगतियों से भरा छठवां वेतनमान दिया जा रहा हैं, जो लाभ की जगह हानि का कारण बन गया हैं। किसी भी सरकार द्वारा घोषित वेतनमान लाभकारी होता हैं, लेकिन दो लाख अध्यापकों को दिया गया छठवां वेतनमान सरकार के गले की फांस बन गया हैं। एक तरफ तो भारी विसंगति दूसरी तरफ माह नवंबर का वेतन तक जारी नहीं किया गया है। सरकार को छठे वेतनमान की विसंगति शीघ्र दूर करने, सातवां वेतनमान देने की घोषणा होने तक इस अनुपात में जुलाई 2016 से डीए किश्त तत्काल दिए जाने का आदेश जारी करना चाहिए ताकि कर्मचारी वर्ग के असंतोष को कम किया जा सके।