10 साल से नियमित शिक्षकों की भांति शिक्षा विभाग में कार्य कर रहे अतिथि
शिक्षक अपनी मांगों को पूर्ण कराने के लिए लामबंद होने लगे है। गुरुजियों
की भांति स्थायित्व की मांग को लेकर 17 दिसंबर से अनिश्चितकालीन आंदोलन
भोपाल में करने का मन अतिथि शिक्षकों ने बना लिया है।
अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसील कार्यालय में सौंपा और आंदोलन की तैयारियों में जुट गए है।
नायब तहसीलदार रमाकांत रावत को संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ मप्र के ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र प्रजापति के नेतृत्व में अतिथि शिक्षक शीतल शर्मा, दीपाली खेड़े, अंजना सज्जन, नारायण मालवीय, भारती विद्यार्थी, संजय सागोरे, अनोकचंद राठौर, हेमंत बिर्ला, ज्योति सागोरे, संध्या गुप्ता, शीला मालवीय, अंकिता मिश्रा ने ज्ञापन सौंपा। राजेंद्र प्रजापति ने कहा कई वर्षों से नियमित शिक्षकों की भांति कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों को अत्यंत न्यूनतम वेेतन प्रदान दिया जा रहा है। जो मजदूरों से भी कम है। मुख्यमंत्री सबको संतुष्ट कर रहे हैं लेकिन अतिथि शिक्षकों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अतिथि शिक्षकों ने कहा उच्च न्यायालय जबलपुर ने शासन स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दिया अतिथि शिक्षकों को गुरुजियों की भांति लाभ प्रदान कर नियमित पद पर स्थायित्व दिया जाए लेकिन 3 माह बाद न्यायालय के निर्णय का पालना नहीं हो रहा है। शिक्षा मंत्री विजय शाह अतिथि शिक्षकों का उपहास उड़ा रहे है। अतिथि शिक्षकों ने एकजूट होकर कहा शासन यदि अपनी कुंभकर्णी नींद से नहीं जागा तो हम उग्र आंदोलन करेंगे इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
नायब तहसीलदार रमाकांत रावत को अतिथि शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा।
अतिथि शिक्षकों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन तहसील कार्यालय में सौंपा और आंदोलन की तैयारियों में जुट गए है।
नायब तहसीलदार रमाकांत रावत को संयुक्त अतिथि शिक्षक संघ मप्र के ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र प्रजापति के नेतृत्व में अतिथि शिक्षक शीतल शर्मा, दीपाली खेड़े, अंजना सज्जन, नारायण मालवीय, भारती विद्यार्थी, संजय सागोरे, अनोकचंद राठौर, हेमंत बिर्ला, ज्योति सागोरे, संध्या गुप्ता, शीला मालवीय, अंकिता मिश्रा ने ज्ञापन सौंपा। राजेंद्र प्रजापति ने कहा कई वर्षों से नियमित शिक्षकों की भांति कार्य कर रहे अतिथि शिक्षकों को अत्यंत न्यूनतम वेेतन प्रदान दिया जा रहा है। जो मजदूरों से भी कम है। मुख्यमंत्री सबको संतुष्ट कर रहे हैं लेकिन अतिथि शिक्षकों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है। अतिथि शिक्षकों ने कहा उच्च न्यायालय जबलपुर ने शासन स्कूल शिक्षा विभाग को आदेश दिया अतिथि शिक्षकों को गुरुजियों की भांति लाभ प्रदान कर नियमित पद पर स्थायित्व दिया जाए लेकिन 3 माह बाद न्यायालय के निर्णय का पालना नहीं हो रहा है। शिक्षा मंत्री विजय शाह अतिथि शिक्षकों का उपहास उड़ा रहे है। अतिथि शिक्षकों ने एकजूट होकर कहा शासन यदि अपनी कुंभकर्णी नींद से नहीं जागा तो हम उग्र आंदोलन करेंगे इसकी जिम्मेदारी शासन की होगी।
नायब तहसीलदार रमाकांत रावत को अतिथि शिक्षक संघ के ब्लॉक अध्यक्ष राजेंद्र के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा।