राजगढ़ । नवदुनिया न्यूज जिला शिक्षाधिकारी एसके मिश्रा और विवादों
का साथ छूट नहीं रहा है। अपनी गैर जिम्मेदाराना कार्रवाई के कारण पिछले
डेढ़ साल से चर्चा में रहने वाले डीईओ एसके मिश्रा एक बार फिर वरिष्ठ
अधिकारियों के निशाने पर आ चुके हैं।
गलती उजागर होने के डर से वे अब शिकायतों के बाद लगने वाली पेशियों पर हाजिरी नहीं दे रहे हैं। मामले में करनवास में नियम विरुद्घ तरीके से निलंबित किए गए शिक्षक नरेश गोयल द्वारा शिकायत सामने आई है। शिक्षक को हाईकोर्ट की फटकार के बाद बहाल कर दिया गया, लेकिन उनका वेतन भुगतान नहीं किया गया है। पिछले डेढ साल से अधिक समय से शिक्षक अपने दो महीने की मेहनत की कमाई के लिए भटक रहा है और डीईओ अधिकारियों, मंत्रियों, कमिश्नरों के निर्देश के बाद उसका वेतन जारी नहीं कर रहे हैं।
शिक्षक नरेश गोयल ने बीते दिनों कमिश्नर राजस्व को मामले में शिकायत की थी। कमिश्नर द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद एडिशनल सीईओ जिला पंचायत को नोडल अधिकारी बनाते हुए उनके समक्ष डीईओ एसके मिश्रा की पेशियां लगाई थी, लेकिन 17 नवंबर को वे जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचे ही नहीं। नरेश गोयल बयान के लिए दिन भर मौजूद रहे। एडिशनल सीईओ जितेन्द्र जैन दिन भर उनके आने का इंतजार करते रहे। फोन करने पर डीईओ द्वारा बैठक का बहाना बनाया गया, लेकिन वे पेशी पर नहीं पहुंचे। अब एडिशनल सीईओ द्वारा उनके विरुद्घ अंतिम चेतावनी नोटिस भेजा गया है। यदि वे अगली पेशी पर नहीं पहुंचते है तो उनके विरुद्घ कार्रवाई के लिए कमिश्नर को प्रतिवेदन भेज दिया जाएगा।
अब हाजिर नहीं हुए तो होगी एफआईआर
इधर मामले में नरेश गोयल ने डीईओ द्वारा प्रताड़ना के बाद अजा आयोग में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अध्यक्ष भूपेन्द्र आर्य को शिकायत की थी। भूपेन्द्र आर्य द्वारा मामले में डीईओ को तलब किया था। डीईओ द्वारा 09 सितंबर को 15 दिनों में शिक्षक का वेतन जारी करने का वादा किया था, लेकिन वेतन जारी नहीं किया। अब अजा आयोग द्वारा दोबारा डीईओ को तलब किया है। आयोग के कार्यालय के मुताबिक यदि वे हाजिर नहीं होते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
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गलती उजागर होने के डर से वे अब शिकायतों के बाद लगने वाली पेशियों पर हाजिरी नहीं दे रहे हैं। मामले में करनवास में नियम विरुद्घ तरीके से निलंबित किए गए शिक्षक नरेश गोयल द्वारा शिकायत सामने आई है। शिक्षक को हाईकोर्ट की फटकार के बाद बहाल कर दिया गया, लेकिन उनका वेतन भुगतान नहीं किया गया है। पिछले डेढ साल से अधिक समय से शिक्षक अपने दो महीने की मेहनत की कमाई के लिए भटक रहा है और डीईओ अधिकारियों, मंत्रियों, कमिश्नरों के निर्देश के बाद उसका वेतन जारी नहीं कर रहे हैं।
शिक्षक नरेश गोयल ने बीते दिनों कमिश्नर राजस्व को मामले में शिकायत की थी। कमिश्नर द्वारा प्रारंभिक जांच के बाद एडिशनल सीईओ जिला पंचायत को नोडल अधिकारी बनाते हुए उनके समक्ष डीईओ एसके मिश्रा की पेशियां लगाई थी, लेकिन 17 नवंबर को वे जिला पंचायत कार्यालय में पहुंचे ही नहीं। नरेश गोयल बयान के लिए दिन भर मौजूद रहे। एडिशनल सीईओ जितेन्द्र जैन दिन भर उनके आने का इंतजार करते रहे। फोन करने पर डीईओ द्वारा बैठक का बहाना बनाया गया, लेकिन वे पेशी पर नहीं पहुंचे। अब एडिशनल सीईओ द्वारा उनके विरुद्घ अंतिम चेतावनी नोटिस भेजा गया है। यदि वे अगली पेशी पर नहीं पहुंचते है तो उनके विरुद्घ कार्रवाई के लिए कमिश्नर को प्रतिवेदन भेज दिया जाएगा।
अब हाजिर नहीं हुए तो होगी एफआईआर
इधर मामले में नरेश गोयल ने डीईओ द्वारा प्रताड़ना के बाद अजा आयोग में राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त अध्यक्ष भूपेन्द्र आर्य को शिकायत की थी। भूपेन्द्र आर्य द्वारा मामले में डीईओ को तलब किया था। डीईओ द्वारा 09 सितंबर को 15 दिनों में शिक्षक का वेतन जारी करने का वादा किया था, लेकिन वेतन जारी नहीं किया। अब अजा आयोग द्वारा दोबारा डीईओ को तलब किया है। आयोग के कार्यालय के मुताबिक यदि वे हाजिर नहीं होते हैं तो उन पर एफआईआर दर्ज करने के निर्देश जारी कर दिए जाएंगे।
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