ब्लाॅक के अनेक मिडिल व प्राइमरी स्कूलों में शिक्षकों की आज भी कमी है।
अनेक स्कूल हैं जो शिक्षक विहीन या एक शिक्षकीय हैं। इनमें छात्रों की दर्ज
संख्या के मान से अतिथि शिक्षक नियुक्त कर स्कूलों का संचालन कराया जा रहा
है। हाल ही में जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा अतिशेष शिक्षकों की जो सूची
जारी की गई है, उसमें काफी गड़बड़ी सामने आई है।
एक शिक्षकीय स्कूलों या शिक्षक विहीन स्कूलों को छोड़कर जहां शिक्षक पहले से पदस्थ हैं, ऐसे स्कूलों में विभाग के अधिकारी से शिक्षक सांठगांठ कर अपना अटैचमेंट करा लिए गए है। साथ आगे आने वाली सूची में फिर से अटैचमेंट कराने का प्रयास कर रहे हैं। अटैचमेंट में संकुल का भी ध्यान नहीं रखा गया है।
एक संकुल से दूसरे संकुल में शिक्षकों को अटैच कर दिया है। नगर एवं आसपास के स्कूलों तथा मुख्य मार्ग के स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की भरमार है। जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने पर बताया कि अतिशेष शिक्षकों की सूची आदेश जारी करते समय अवकाश पर रहने का हवाला देकर संपूर्ण मामले में अनदेखी की गई।
ब्लाॅक के 90 मिडिल स्कूल जो मुख्य मार्ग के कई किमी अंदर संचालित है, ऐसे कुल 13 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। इनमें जरूवा, खमरिया अजीतपुर, डुकरसता, सलैयामाल, कुदपुरा, फुलर, कोटखेडा, चंदना, खारीदेवरी, पौड़ी, सारसबगली, हरई चंदना स्कूल आज भी शिक्षक विहीन हैं। इन स्कूलाें का प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर ही देखरेख कर रहे हैं। इसके अलावा ऐसे भी 17 स्कूल हैं जिन्हें मात्र एक शिक्षक ही चला रहा है। इनमें सेलवाडा, हाथीडोल, कोड़ल, हरदुआं पाॅजी, दोनी रिचकुड़ी, तेजगढ़, राजघाट, दशोदीमाल, देवरी लीलाधर, मोहरा, सर्रा, बोरिया, तिंदनी, जामुनझिरी, खमरिया शिवलाल, वर्द्धघटीमिडिलस स्कूल शामिल हैं। ऐसे ही ब्लाॅक में 8 प्राइमरी स्कूल हैं जो आज भी एक शिक्षकीय हैं। इनमें कुंजपुरा, आश्रम शाला झलोन, टपरिया, धरीमाल, दुलहरा, तिदनी, बोरिया, कोसमदा प्राईमरी स्कूल शामिल हैं। ये सभी स्कूल मेन रोड के लगभग 5 से 10 किमी की दूरी पर हैं जहां स्वेच्छा से कोई शिक्षक नहीं जाना चाहता है। अतिशेष शिक्षकों के अधिकतर अटैचमेंट रोड के स्कूलों में या नगर के आसपास स्कूलों किए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है जानकारी
बीआरसी एवं प्रभारी बीईओ एनएस राजपूत का कहना है कि अतिशेष शिक्षकों की एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन शालाओं की जानकारी दमोह के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजी गई है। वहीं से कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
एमडीएम वितरण में लापरवाही का आरोप
बनवार| आदिवासी बाहुल्य ग्राम महुवाखेड़ा के प्राइमरी स्कूल में एमडीएम वितरण में लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम की सरपंच रेखा बाई ने समूह संचालक पर आरोप लगाया है कि बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात में बच्चों को भोजन नहीं दिया जा रहा है। एचएम नारायण सिंह ने बताया कि सितंबर 2016 से एमडीएम का वितरण नही किया जा रहा क्योंकि एमडीएम बनाने वाली रसोइया काे राशि नहीं मिली। इससे एमडीएम बनाने से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में स्कूल में खाना नहीं बन रहा है। इसकी शिकायत बीआरसी से लेकर जनपद पंचयात जन शिक्षक ग्राम पंचयात से की गई है लेकिन आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
गौरतलब है कि बनवार, चौपरा, रोड, घटेरा अंचल की सैकड़ो आंगनबाड़ी स्कूलों में अधिकारियों व समूह संचालकों की सांठगांठ से यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रहा है। क्षेत्र के गोलापटी, शाला पटी, हरदुवा, खेड़ार, जमनेरा, बागलवारा, सलैया, पड़री, देवतरा, झादा, सुरेखा, डूमर, जमुनिया में भले ही 20 से 30 फीसदी बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पर हाजिरी 60 फीसदी डाली जा रही है। बच्चों की उपस्तिथि का पत्रक जनपद कार्यालय में जमा करके फर्जी हाजिरी देकर लाखों रुपए के बारे-न्यारे किए जा रहे हैं। इस संबंध में जनपद सीईओ डॉ. आरपी पटेल का कहना है की यदि एमडीएम के नाम पर गड़बड़ी की जा रही है और उसका वितरण नहीं हो रहा है तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
तेंदूखेड़ा। जनपद शिक्षा केंद्र कार्यालय।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
एक शिक्षकीय स्कूलों या शिक्षक विहीन स्कूलों को छोड़कर जहां शिक्षक पहले से पदस्थ हैं, ऐसे स्कूलों में विभाग के अधिकारी से शिक्षक सांठगांठ कर अपना अटैचमेंट करा लिए गए है। साथ आगे आने वाली सूची में फिर से अटैचमेंट कराने का प्रयास कर रहे हैं। अटैचमेंट में संकुल का भी ध्यान नहीं रखा गया है।
एक संकुल से दूसरे संकुल में शिक्षकों को अटैच कर दिया है। नगर एवं आसपास के स्कूलों तथा मुख्य मार्ग के स्कूलों में अतिशेष शिक्षकों की भरमार है। जिला शिक्षा अधिकारी से बात करने पर बताया कि अतिशेष शिक्षकों की सूची आदेश जारी करते समय अवकाश पर रहने का हवाला देकर संपूर्ण मामले में अनदेखी की गई।
ब्लाॅक के 90 मिडिल स्कूल जो मुख्य मार्ग के कई किमी अंदर संचालित है, ऐसे कुल 13 स्कूल शिक्षक विहीन हैं। इनमें जरूवा, खमरिया अजीतपुर, डुकरसता, सलैयामाल, कुदपुरा, फुलर, कोटखेडा, चंदना, खारीदेवरी, पौड़ी, सारसबगली, हरई चंदना स्कूल आज भी शिक्षक विहीन हैं। इन स्कूलाें का प्राइमरी स्कूल के हेडमास्टर ही देखरेख कर रहे हैं। इसके अलावा ऐसे भी 17 स्कूल हैं जिन्हें मात्र एक शिक्षक ही चला रहा है। इनमें सेलवाडा, हाथीडोल, कोड़ल, हरदुआं पाॅजी, दोनी रिचकुड़ी, तेजगढ़, राजघाट, दशोदीमाल, देवरी लीलाधर, मोहरा, सर्रा, बोरिया, तिंदनी, जामुनझिरी, खमरिया शिवलाल, वर्द्धघटीमिडिलस स्कूल शामिल हैं। ऐसे ही ब्लाॅक में 8 प्राइमरी स्कूल हैं जो आज भी एक शिक्षकीय हैं। इनमें कुंजपुरा, आश्रम शाला झलोन, टपरिया, धरीमाल, दुलहरा, तिदनी, बोरिया, कोसमदा प्राईमरी स्कूल शामिल हैं। ये सभी स्कूल मेन रोड के लगभग 5 से 10 किमी की दूरी पर हैं जहां स्वेच्छा से कोई शिक्षक नहीं जाना चाहता है। अतिशेष शिक्षकों के अधिकतर अटैचमेंट रोड के स्कूलों में या नगर के आसपास स्कूलों किए गए हैं।
वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है जानकारी
बीआरसी एवं प्रभारी बीईओ एनएस राजपूत का कहना है कि अतिशेष शिक्षकों की एक शिक्षकीय एवं शिक्षक विहीन शालाओं की जानकारी दमोह के वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजी गई है। वहीं से कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी।
एमडीएम वितरण में लापरवाही का आरोप
बनवार| आदिवासी बाहुल्य ग्राम महुवाखेड़ा के प्राइमरी स्कूल में एमडीएम वितरण में लापरवाही बरती जा रही है। ग्राम की सरपंच रेखा बाई ने समूह संचालक पर आरोप लगाया है कि बच्चों की दर्ज संख्या के अनुपात में बच्चों को भोजन नहीं दिया जा रहा है। एचएम नारायण सिंह ने बताया कि सितंबर 2016 से एमडीएम का वितरण नही किया जा रहा क्योंकि एमडीएम बनाने वाली रसोइया काे राशि नहीं मिली। इससे एमडीएम बनाने से मना कर दिया। ऐसी स्थिति में स्कूल में खाना नहीं बन रहा है। इसकी शिकायत बीआरसी से लेकर जनपद पंचयात जन शिक्षक ग्राम पंचयात से की गई है लेकिन आज भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
गौरतलब है कि बनवार, चौपरा, रोड, घटेरा अंचल की सैकड़ो आंगनबाड़ी स्कूलों में अधिकारियों व समूह संचालकों की सांठगांठ से यह गड़बड़ी लंबे समय से चल रहा है। क्षेत्र के गोलापटी, शाला पटी, हरदुवा, खेड़ार, जमनेरा, बागलवारा, सलैया, पड़री, देवतरा, झादा, सुरेखा, डूमर, जमुनिया में भले ही 20 से 30 फीसदी बच्चे स्कूल पहुंच रहे हैं, लेकिन यहां पर हाजिरी 60 फीसदी डाली जा रही है। बच्चों की उपस्तिथि का पत्रक जनपद कार्यालय में जमा करके फर्जी हाजिरी देकर लाखों रुपए के बारे-न्यारे किए जा रहे हैं। इस संबंध में जनपद सीईओ डॉ. आरपी पटेल का कहना है की यदि एमडीएम के नाम पर गड़बड़ी की जा रही है और उसका वितरण नहीं हो रहा है तो इसकी जांच कर कार्रवाई की जाएगी।
तेंदूखेड़ा। जनपद शिक्षा केंद्र कार्यालय।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC