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एक तरफ शिक्षकों का सम्मान, तो दूसरी तरफ शिक्षकों ने ही जताया विरोध

गुना। शिक्षकों को समर्पित डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति के जन्मदिन पर जहां बच्चों और शहरवासियों की ओर से सम्मान किया गया। वहीं दूसरी तरफ शिक्षकों ने इस पवित्र दिन का विरोध करते हुए काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया।
शिक्षकों का कहना है कि जिला स्तर पर शिक्षक दिवस के आयोजन के लिए हर साल निर्देश आते हैं और कार्यक्रम के आयोजन के लिए हर साल राशि भी दी जाती है। लेकिन अधिकारियों के शिक्षक दिवस के कार्यक्रम में रुचि नहीं लेने के कारण कोई कार्यक्रम ही आयोजित नहीं किया जाता। पिछले तीन सालों से जिले में कोई कार्यक्रम तक नहीं हुआ है। ऐसे में शिक्षकों के चेहरों पर मायूसी छाई हुई है।
बजरंगगढ़ स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में टाटा मोटर्स के तत्वावधान में शिक्षक सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसके अलावा दिनभर बच्चों ने भी अपने-अपने शिक्षकों के पास पहुंचकर उन्हें फूल भेंट किए। जवाहर नवोदय विद्यालय में कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती एवं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के चित्र पर पुष्प अर्पित कर किया गया।
सम्मान समारोह को संबोधित करते हुए संस्था प्राचार्य एचएस रेगर ने कहा कि डॉ. सर्वपल्ली राधा कृष्णन देश के राष्ट्रपति होने के बाद भी अपने आपको एक शिक्षक मानते थे। लायंस क्लब गुना के पूर्व अध्यक्ष गुलशन डाबर ने कहा कि शिक्षक सम्मान की आशा नहीं रखता, वह अपने कार्य पूरी ईमानदरी के करते हुए विद्या का दान करता है। हम सबका कर्तव्य है कि हम शिक्षकों का सम्मान करें। अंत में सभी शिक्षकों को सेठ एण्ड संस टाटा मोटर्स की ओर से उपहार भेंट कर सम्मानित किया गया। साथ ही विद्यालय के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया गया। संचालन शिक्षक आरडी द्विवेदी ने किया, आभार वरिष्ठ शिक्षक डॉ. आरके बोहरे ने माना। इस अवसर पर टाटा मोटर्स से विनीत सेठ, डा. बीएस गुप्ता, योगेश नागर, बीएस कुशवाह, दीपक दुबे, सीमा सिंह, डी उपाध्याय, सुचित्रा कुमारी, मनीष हरदेनिया, व्हीई राव, विकास चौहान, आरसी पुष्प, राकेश लाखीवाल, अतुल जैन, अमित भटनागर ,सुशीला चौधरी, प्रशांत चंसौरिया, घनश्याम भील, फूलचंद्र भैरवे सहित समस्त स्टाफ एवं छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
इधर मप्र शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर शिक्षक दिवस मनाने के लिए हर साल निर्देश व राशि दिए जाने के बाद भी कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाने पर शिक्षकों ने विरोध दर्ज कराया। शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर शिक्षक दिवस नहीं मनाया। शिक्षक सारिका जैन, नरेंद्र कुमार शर्मा, विश्वजीतसिंह सिसौदिया, नीलम गोयल आदि ने बताया कि शिक्षक दिवस के मौके पर पिछले तीन सालों से कोई कार्यक्रम नहीं हुआ है। इससे शिक्षकों में मायूसी है। जबकि शिक्षकों को प्रोत्साहित करने लिए किसी एक विषय को लेकर शिक्षक संगोष्ठी भी की जाती है। जिसमें प्रतिभागी शिक्षकों को प्रथम स्थान प्राप्त करने पर एक हजार रुपए तथा भोपाल में प्रदेश स्तर की प्रतियोगिता में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है। इसी तरह द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं को 500-500 रुपए पुरस्कार तथा प्रशस्ति पत्र भी दिया जाता है। लेकिन गुना जिले में अधिकारियों की अरुचि के चलते पिछले तीन वर्षों से किसी भी विकास खण्ड में किसी भी शिक्षक का आवेदन नहीं लिया गया। क्योंकि शिक्षकों को इस विषय में कोई सूचना ही नहीं दी गई थी। इसी प्रकार शैक्षिक संगोष्ठी के लिए भी शिक्षकों को सूचित नहीं किया गया। इस कारण जिले से कोई भी शिक्षक प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में चयन के लिए भोपाल में भाग नहीं ले पाया। साथ ही विगत वर्षों के विजेता ममता चौरसिया सहित अन्य शिक्षकों को प्रोत्साहन की राशि भी नहीं दी गई है। गौरतलब है कि जिले से मधुवाला सक्सेना पिछले सत्र में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर पांच हजार रुपए का पुरस्कार भी जीत चुकी है। लेकिन अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिए जाने के कारण पिछले तीन साल से कोई कार्यक्रम नहीं हो पाया है।
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