भोपाल. पांच सितंबर को शिक्षक दिवस है, लेकिन इससे पहले ही स्कूल शिक्षा विभाग के एक सर्कुलर ने उन्हें नाराज दिया है। विभाग ने छह दिन पहले एक आदेश जारी किया है कि स्कूलों में जितने भी शिक्षक हों, उनके फोटो और मोबाइल नंबर स्कूल के सूचना पटल पर टांगे या चस्पा किए जाएं।
इसके अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य भी देखें कि ऐसा हुआ या नहीं। साथ ही स्कूलों में टीचरों की उपस्थिति का भी ध्यान रखें। महिला टीचर इस बात से खफा हैं। उनका कहना है-‘फोटो और मोबाइल नंबर लिखते हैं तो लोग मौके-बेमौके फोन करके तंग करेंगे। हर किसी के पास महिला शिक्षक का मोबाइल नंबर पहुंच जाएगा।’ यहां बता दें कि इस समय प्रदेश में संविदा से लेकर सभी संवर्गों में कुल 6 लाख टीचर हैं, इसमें से दो लाख महिलाएं हैं। सर्कुलर विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने जारी किया है।
सख्ती इसलिए : स्कूल नहीं आते शिक्षक, पढ़ाई का नुकसान
लंबे समय से शिकायत थी कि सरकारी स्कूलों में टीचर नदारद रहते हैं। बच्चे हों भी तो वे नहीं आते। इस समय प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं तक के करीब डेढ़ करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इस तरह के सर्कुलर की पाबंदी से स्कूलों में पढ़ाई होगी। अभिभावक व छात्र संतुष्ट रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को भी ताकीद की गई है कि वे सप्ताह में कम से कम दो दिन स्कूलों का निरीक्षण करें। अचानक भी स्कूलों में पहुंचें।
सख्ती पर सवाल: प्रदेश के किसी भी विभाग में ऐसा क्यों नहीं?
समग्र शिक्षक, व्याख्याता, प्राचार्य कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि पहले भी इसकी चर्चा चली थी तो हमने विरोध किया। फिर मामला टाल दिया गया। जब मंत्रालय से लेकर नीचे तक किसी के फोटो व नंबर प्रदर्शित नहीं होते तो टीचरों पर पाबंदी क्यों? खास तौर पर महिलाओं के लिए तो यह गलत है। इसका विकल्प देखना चाहिए। मप्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंह इसका विरोध किया है।
बाजिब कारण हो तो छुट्टी मंजूर करो, नहीं तो वेतन काटो
-बिना अनुमति के व्यक्तिगत समस्याओं के लिए मंत्रालय मत आओ, कोई बात हो तो फैक्स, मेल या वाट्सएप से बताओ।
-टीचर की स्कूल में अनुपस्थिति गंभीर कृत्य है, इसे अनधिकृत मानते हुए जितने दिन वह गैर हाजिर रहें, उतने दिन का वेतन काटो। वाजिब कारण बताए तो उसकी छुट्टी मंजूर की जाए।
-टीचर की अनुपस्थिति के समय किसी और को पढ़ाने के लिए भेज देते हैं। ऐसे में टीचर पर तो कार्रवाई हो, साथ ही एवजी के खिलाफ एफआईआर की जाए।
सर्कुलर का परीक्षण कराएंगे
फोटो और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करके उपस्थिति सुनिश्चित करने का तरीका संदेह करने वाला व हास्यास्पद है। मैं किसी शिक्षक को अपमानित नहीं कर सकता। इस सर्कुलर का परीक्षण कराएंगे। खासकर महिला टीचरों के संबंध में तो यह गलत है।
दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा
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इसके अलावा क्षेत्र के जनप्रतिनिधि और स्कूल मैनेजमेंट कमेटी के सदस्य भी देखें कि ऐसा हुआ या नहीं। साथ ही स्कूलों में टीचरों की उपस्थिति का भी ध्यान रखें। महिला टीचर इस बात से खफा हैं। उनका कहना है-‘फोटो और मोबाइल नंबर लिखते हैं तो लोग मौके-बेमौके फोन करके तंग करेंगे। हर किसी के पास महिला शिक्षक का मोबाइल नंबर पहुंच जाएगा।’ यहां बता दें कि इस समय प्रदेश में संविदा से लेकर सभी संवर्गों में कुल 6 लाख टीचर हैं, इसमें से दो लाख महिलाएं हैं। सर्कुलर विभाग के अपर मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने जारी किया है।
सख्ती इसलिए : स्कूल नहीं आते शिक्षक, पढ़ाई का नुकसान
लंबे समय से शिकायत थी कि सरकारी स्कूलों में टीचर नदारद रहते हैं। बच्चे हों भी तो वे नहीं आते। इस समय प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पहली से 12वीं तक के करीब डेढ़ करोड़ बच्चे पढ़ते हैं। इस तरह के सर्कुलर की पाबंदी से स्कूलों में पढ़ाई होगी। अभिभावक व छात्र संतुष्ट रहेंगे। स्कूल शिक्षा विभाग के अफसरों को भी ताकीद की गई है कि वे सप्ताह में कम से कम दो दिन स्कूलों का निरीक्षण करें। अचानक भी स्कूलों में पहुंचें।
सख्ती पर सवाल: प्रदेश के किसी भी विभाग में ऐसा क्यों नहीं?
समग्र शिक्षक, व्याख्याता, प्राचार्य कल्याण संघ के प्रदेश अध्यक्ष मुकेश शर्मा ने कहा कि पहले भी इसकी चर्चा चली थी तो हमने विरोध किया। फिर मामला टाल दिया गया। जब मंत्रालय से लेकर नीचे तक किसी के फोटो व नंबर प्रदर्शित नहीं होते तो टीचरों पर पाबंदी क्यों? खास तौर पर महिलाओं के लिए तो यह गलत है। इसका विकल्प देखना चाहिए। मप्र शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप सिंह इसका विरोध किया है।
बाजिब कारण हो तो छुट्टी मंजूर करो, नहीं तो वेतन काटो
-बिना अनुमति के व्यक्तिगत समस्याओं के लिए मंत्रालय मत आओ, कोई बात हो तो फैक्स, मेल या वाट्सएप से बताओ।
-टीचर की स्कूल में अनुपस्थिति गंभीर कृत्य है, इसे अनधिकृत मानते हुए जितने दिन वह गैर हाजिर रहें, उतने दिन का वेतन काटो। वाजिब कारण बताए तो उसकी छुट्टी मंजूर की जाए।
-टीचर की अनुपस्थिति के समय किसी और को पढ़ाने के लिए भेज देते हैं। ऐसे में टीचर पर तो कार्रवाई हो, साथ ही एवजी के खिलाफ एफआईआर की जाए।
सर्कुलर का परीक्षण कराएंगे
फोटो और मोबाइल नंबर प्रदर्शित करके उपस्थिति सुनिश्चित करने का तरीका संदेह करने वाला व हास्यास्पद है। मैं किसी शिक्षक को अपमानित नहीं कर सकता। इस सर्कुलर का परीक्षण कराएंगे। खासकर महिला टीचरों के संबंध में तो यह गलत है।
दीपक जोशी, राज्यमंत्री, स्कूल शिक्षा
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