विदिशा। पिछले चार महीने से शिक्षा विभाग की टीम समग्र पोर्टल के आधार
पर शहर का सर्वे कर रही हैं लेकिन सर्वे के लिए टीमों को जो प्रपत्र उपलब्ध
कराए हैं उनके अनुसार शहर में करीब 3 हजार 90 परिवार लापता हैं। तमाम
कोशिशों के बाद भी उनका पता नहीं चल पा रहा है। एक सप्ताह में पूरा करने
वाला सर्वे चार माह में भी पूरा नहीं हुआ है।
मालूम हो कि शिक्षक, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक, आशा आदि को मिलाकर ग्राम और वार्ड स्तर पर जिले भर में मई माह में टीमों का गठन किया गया था। इन टीमों को एनआईसी से डाटा उपलब्ध कराकर उनका सर्वे करने के निर्देश दिए गए थे। सूत्र बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो बहुत ज्यादा परेशान नहीं आई और 100 फीसदी सर्वे हो गया लेकिन जिला मुख्यालय पर करीब 3 हजार परिवार नहीं मिल पा रहे हैं। इधर कर्मचारियों पर जल्दी सर्वे पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा है। डीपीसी सुरेश खांडेकर के मुताबिक समग्र पोर्टल पर पूर्व में दर्ज 61 हजार 250 परिवारों का सर्वे किया जाना है। इनमें से अब तक 58 हजार 160 परिवार ही मिल पाए हैं। शेष 3 हजार 90 परिवार सर्वे दलों को नहीं मिल पा रहे हैं। उनका कहना था कि यदि इन परिवारों का सत्यापन नहीं हो पाया तो वे इन नामों को पोर्टल से हटाने के लिए नगर पालिका को पत्र लिखेंगे।
अधूरी जानकारी से परेशानी
सर्वे में लगे कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें जो प्रपत्र उपलब्ध कराए गए हैं,उनमें परिवार की पूरी जानकारी नहीं है। जिससे उन्हें खोजने में परेशानी आ रही है। प्रपत्र में सिर्फ इतनी जानकारी दी गई है कि वार्ड क्रमांक 18 में रामसिंह रहता है। रामसिंह वार्ड 18 में कहां किसके पास रहता है ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि रामसिंह की जाति और उसके पिता का नाम भी नहीं दिया गया जिससे कर्मचारी दिन भर वार्ड में रामसिंह को ढूड़ते रहते हैं। स्थानीय निवासी भी पूरी जानकारी के अभाव में उनकी सहायता नहीं कर पाते।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
मालूम हो कि शिक्षक, ग्राम पंचायत सचिव, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, रोजगार सहायक, आशा आदि को मिलाकर ग्राम और वार्ड स्तर पर जिले भर में मई माह में टीमों का गठन किया गया था। इन टीमों को एनआईसी से डाटा उपलब्ध कराकर उनका सर्वे करने के निर्देश दिए गए थे। सूत्र बताते हैं कि ग्रामीण क्षेत्रों में तो बहुत ज्यादा परेशान नहीं आई और 100 फीसदी सर्वे हो गया लेकिन जिला मुख्यालय पर करीब 3 हजार परिवार नहीं मिल पा रहे हैं। इधर कर्मचारियों पर जल्दी सर्वे पूरा करने का दबाव बनाया जा रहा है। डीपीसी सुरेश खांडेकर के मुताबिक समग्र पोर्टल पर पूर्व में दर्ज 61 हजार 250 परिवारों का सर्वे किया जाना है। इनमें से अब तक 58 हजार 160 परिवार ही मिल पाए हैं। शेष 3 हजार 90 परिवार सर्वे दलों को नहीं मिल पा रहे हैं। उनका कहना था कि यदि इन परिवारों का सत्यापन नहीं हो पाया तो वे इन नामों को पोर्टल से हटाने के लिए नगर पालिका को पत्र लिखेंगे।
अधूरी जानकारी से परेशानी
सर्वे में लगे कर्मचारियों का कहना है कि उन्हें जो प्रपत्र उपलब्ध कराए गए हैं,उनमें परिवार की पूरी जानकारी नहीं है। जिससे उन्हें खोजने में परेशानी आ रही है। प्रपत्र में सिर्फ इतनी जानकारी दी गई है कि वार्ड क्रमांक 18 में रामसिंह रहता है। रामसिंह वार्ड 18 में कहां किसके पास रहता है ऐसी कोई जानकारी नहीं दी गई। यहां तक कि रामसिंह की जाति और उसके पिता का नाम भी नहीं दिया गया जिससे कर्मचारी दिन भर वार्ड में रामसिंह को ढूड़ते रहते हैं। स्थानीय निवासी भी पूरी जानकारी के अभाव में उनकी सहायता नहीं कर पाते।
Sponsored link :
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC