ग्वालियर. सरकारी और निजी कॉलेजों में संचालित स्नातक (यूजी) व
स्नातकोत्तर(पीजी) की खाली सीटें भरने के लिए सरकार ने कॉलेजों को खुली छूट
दे दी है। कॉलेज लेबल काउंसलिंग(सीएलसी) के तहत उन छात्रों को भी प्रवेश
दिया जा सकेगा, जिन्होंने पंजीयन नहीं कराया था।
यह छूट बीएड,एमएड, नर्सिंग, फिजिकल कोर्सों को छोड़कर अन्य सभी सामान्य कोर्सों के लिए है। उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक उमाकांत पांडेय के हस्ताक्षर से जारी आदेश के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों को 22 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक संबंधित कॉलेज में पहुंचकर पंजीयन कराना होगा। सरकार के इस विसंगतिपूर्ण निर्णय पर विवाद शुरू हो गया है। दबी जुबान से सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों का कहना है कि जब ऐसा ही करना था तो फिर अब तक जटिल प्रवेश प्रक्रिया क्यों अपनाई गई।
किस तरह विसंगतिपूर्ण निर्णय
-कॉलेजों में प्रवेश के लिए 12 अगस्त तक सरकार ने पांच चरण आयोजित किए। इसमें केवल उन्हीं छात्रों को शामिल किया गया, जिन्होंने निर्धारित तारीख पर पंजीयन करा लिए थे। अब अपंजीकृत छात्रों को भी छूट दे दी है।
-पहले छात्रों को पंजीयन के बाद दस्तावेजों का सत्यापन कराने सरकारी कॉलेजों के चक्कर काटना पड़े। एक छात्र को 3 बार कॉलेज पहुंचना पड़ा। पहली बार रजिस्ट्रेशन कराने। दूसरी बार दस्तावेज का सत्यापन और तीसरी बार सत्यापन की स्लिप लेने। अब इस प्रक्रिया से छूट दे दी है।
-छात्रों के दस्तावेज सत्यापन के लिए पहले केवल सरकारी कॉलेज ही अधिकृत थे। अब निजी कॉलेज प्राचार्यों को भी अधिकृत कर दिया है। अर्थात पहले निजी कॉलेजों पर भरोसा नहीं किया और अब कर लिया।
-पहले छात्रों को एमपी ऑनलाइन के कियोस्क सेंटरों से पंजीयन कराना पड़ा। इसमें 110 रुपए सरकारी फीस और 40 से 100 रुपए तक पोर्टल चार्ज देना पड़ा। अब इससे मुक्ति दे दी है।
-निजी कॉलेज प्राचार्य यदि अपात्र छात्र को प्रवेश दे देते हैं तो इसके लिए आदेश में केवल प्राचार्य को जिम्मेदार ठहराने की बात कही है। सच्चाई यह है कि ज्यादातर निजी कॉलेजों में साल में प्राचार्य बदल जाते हैं।
-छात्रवृत्ति के लालच में कई कॉलेज संचालक फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रवेश देते हैं। पिछले सालों में ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं।
-एक जुलाई से कॉलेजों में क्लास शुरू हो गए हैं। कुछ कॉलेजों में तो एक यूनिट भी पूरी हो चुकी है। अब सीएलसी राउंड 24 अगस्त तक चलेगा। इसलिए ऐसे छात्रों का छूटा कोर्स पूरा करने की समस्या खड़ी हो जाएगी।
-शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार पहले सेमेस्टर में 90 दिन क्लास लगाना पड़ती है। कैलेण्डर के अनुसार ही जेयू ने पहले सेमेस्टर परीक्षा की संभावित तारीख 17 नंबर घोषित कर दी। प्रवेश प्रक्रिया लेट होने के कारण परीक्षा भी प्रभावित हो सकती है।
अब प्रवेश के लिए यह प्रक्रिया अपनाना होगी
-कॉलेज संचालकों को उनके यहां संचालित यूजी, पीजी कोर्स में रिक्त सीटों की जानकारी 22 अगस्त की सुबह 10 बजे नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगी।
-प्रवेश के इच्छुक छात्रों को समस्त दस्तावेज के साथ 22 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक कॉलेज में उपस्थित होकर निर्धारित प्रवेश फॉर्म भरना होगा। कॉलेज संचालकों को उसी दिन 4 बजे तक उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल से छात्र का पंजीयन क्रमांक(आईडी) लेकर उसे सीएलसी में शामिल करना होगा।
-पंजीयन के बाद 22 अगस्त की शाम 5 बजे तक मेरिट सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगी।
-पंजीयन कराने वाले छात्रों को 24 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक फीस जमा करना अनिवार्य होगा।
-कॉलेज संचालकों को प्रवेशित छात्रों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग 24 अगस्त की रात 11ः30 बजे तक उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर करना होगी।
-कॉलेज स्तर पर प्रवेश समिति का गठन करना होगा।
-सीटें ज्यादा खाली हैं तो संकायवार प्रवेश समिति गठित करना होगी।
-छात्र के आईडी से पता चल जाएगा कि उसने किसी अन्य कॉलेज में प्रवेश तो नहीं ले लिया है।
-जिन छात्रों ने पहले पंजीयन करा लिया है और वे प्रवेश नहीं ले सके हैं वे भी प्रवेश ले सकेंगे। जिन्होंने पंजीयन नहीं कराया है वे भी प्रवेश ले सकेंगे।
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यह छूट बीएड,एमएड, नर्सिंग, फिजिकल कोर्सों को छोड़कर अन्य सभी सामान्य कोर्सों के लिए है। उच्च शिक्षा विभाग के अपर संचालक उमाकांत पांडेय के हस्ताक्षर से जारी आदेश के तहत प्रवेश लेने वाले छात्रों को 22 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक संबंधित कॉलेज में पहुंचकर पंजीयन कराना होगा। सरकार के इस विसंगतिपूर्ण निर्णय पर विवाद शुरू हो गया है। दबी जुबान से सरकारी कॉलेजों के शिक्षकों का कहना है कि जब ऐसा ही करना था तो फिर अब तक जटिल प्रवेश प्रक्रिया क्यों अपनाई गई।
किस तरह विसंगतिपूर्ण निर्णय
-कॉलेजों में प्रवेश के लिए 12 अगस्त तक सरकार ने पांच चरण आयोजित किए। इसमें केवल उन्हीं छात्रों को शामिल किया गया, जिन्होंने निर्धारित तारीख पर पंजीयन करा लिए थे। अब अपंजीकृत छात्रों को भी छूट दे दी है।
-पहले छात्रों को पंजीयन के बाद दस्तावेजों का सत्यापन कराने सरकारी कॉलेजों के चक्कर काटना पड़े। एक छात्र को 3 बार कॉलेज पहुंचना पड़ा। पहली बार रजिस्ट्रेशन कराने। दूसरी बार दस्तावेज का सत्यापन और तीसरी बार सत्यापन की स्लिप लेने। अब इस प्रक्रिया से छूट दे दी है।
-छात्रों के दस्तावेज सत्यापन के लिए पहले केवल सरकारी कॉलेज ही अधिकृत थे। अब निजी कॉलेज प्राचार्यों को भी अधिकृत कर दिया है। अर्थात पहले निजी कॉलेजों पर भरोसा नहीं किया और अब कर लिया।
-पहले छात्रों को एमपी ऑनलाइन के कियोस्क सेंटरों से पंजीयन कराना पड़ा। इसमें 110 रुपए सरकारी फीस और 40 से 100 रुपए तक पोर्टल चार्ज देना पड़ा। अब इससे मुक्ति दे दी है।
-निजी कॉलेज प्राचार्य यदि अपात्र छात्र को प्रवेश दे देते हैं तो इसके लिए आदेश में केवल प्राचार्य को जिम्मेदार ठहराने की बात कही है। सच्चाई यह है कि ज्यादातर निजी कॉलेजों में साल में प्राचार्य बदल जाते हैं।
-छात्रवृत्ति के लालच में कई कॉलेज संचालक फर्जी दस्तावेज के आधार पर प्रवेश देते हैं। पिछले सालों में ऐसे मामले पकड़े जा चुके हैं।
-एक जुलाई से कॉलेजों में क्लास शुरू हो गए हैं। कुछ कॉलेजों में तो एक यूनिट भी पूरी हो चुकी है। अब सीएलसी राउंड 24 अगस्त तक चलेगा। इसलिए ऐसे छात्रों का छूटा कोर्स पूरा करने की समस्या खड़ी हो जाएगी।
-शैक्षणिक कैलेण्डर के अनुसार पहले सेमेस्टर में 90 दिन क्लास लगाना पड़ती है। कैलेण्डर के अनुसार ही जेयू ने पहले सेमेस्टर परीक्षा की संभावित तारीख 17 नंबर घोषित कर दी। प्रवेश प्रक्रिया लेट होने के कारण परीक्षा भी प्रभावित हो सकती है।
अब प्रवेश के लिए यह प्रक्रिया अपनाना होगी
-कॉलेज संचालकों को उनके यहां संचालित यूजी, पीजी कोर्स में रिक्त सीटों की जानकारी 22 अगस्त की सुबह 10 बजे नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगी।
-प्रवेश के इच्छुक छात्रों को समस्त दस्तावेज के साथ 22 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक कॉलेज में उपस्थित होकर निर्धारित प्रवेश फॉर्म भरना होगा। कॉलेज संचालकों को उसी दिन 4 बजे तक उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल से छात्र का पंजीयन क्रमांक(आईडी) लेकर उसे सीएलसी में शामिल करना होगा।
-पंजीयन के बाद 22 अगस्त की शाम 5 बजे तक मेरिट सूची नोटिस बोर्ड पर चस्पा करना होगी।
-पंजीयन कराने वाले छात्रों को 24 अगस्त को दोपहर 3 बजे तक फीस जमा करना अनिवार्य होगा।
-कॉलेज संचालकों को प्रवेशित छात्रों की ऑनलाइन रिपोर्टिंग 24 अगस्त की रात 11ः30 बजे तक उच्च शिक्षा विभाग के पोर्टल पर करना होगी।
-कॉलेज स्तर पर प्रवेश समिति का गठन करना होगा।
-सीटें ज्यादा खाली हैं तो संकायवार प्रवेश समिति गठित करना होगी।
-छात्र के आईडी से पता चल जाएगा कि उसने किसी अन्य कॉलेज में प्रवेश तो नहीं ले लिया है।
-जिन छात्रों ने पहले पंजीयन करा लिया है और वे प्रवेश नहीं ले सके हैं वे भी प्रवेश ले सकेंगे। जिन्होंने पंजीयन नहीं कराया है वे भी प्रवेश ले सकेंगे।
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