भास्कर संवाददाता | बैतूल बीएसी, सीएसी के रिक्त पदों की पूर्ति के लिए शुक्रवार को जिला पंचायत में काउंसिलिंग हुई। काउंसिलिंग 11 बजे से शुरू हुई। इसमें राज्य कर्मचारी संघ से जुड़े शिक्षकों की डीपीसी से उम्र के आयु बंधन को लेकर तीखी बहस हुई। डीपीसी ने कहा नियमानुसार 49 की उम्र पार करने वाले उच्चश्रेणी शिक्षक काउंसिलिंग में हिस्सा नहीं ले सकते।
शिक्षकों का कहना था उनकी पदोन्नति देरी से हुई है। इसके लिए वे नहीं शासन-प्रशासन दोषी है। उम्र में छूट देकर उन्हें काउंसिलिंग में शामिल किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर काफी बहस चली। शिक्षकों ने काउंसिलिंग नहीं करने दिए जाने की बात रखी दी। डीपीसी काउंसिलिंग हो जाने का आग्रह करते रहे। डीपीसी के वेटिंग लिस्ट बनाने और कम उम्र के शिक्षकों के नहीं आने उन पर विचार करने पर सहमति दी। इसके बाद शिक्षकों ने फार्म भरे और काउंसिलिंग शुरू हो सकी।
नियमानुसार काउंसिलिंग
बीएसी, सीएसी के पदों पर नियमानुसार काउंसिलिंग की है। आवेदनों को कलेक्टर, सीईओ के समक्ष रखा जाएगा। प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे। अशोक पराड़कर, जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक
कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन
राज्य कर्मचारी संघ ने डीपीसी से तीखी नोकझोंक के बाद कलेक्टर के नाम डीपीसी को ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने बीएसी, सीएसी की नियुक्ति के पूर्व त्रुटिपूर्ण विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी। उन्होंने कहा यूडीटी को 49 की आयु सीमा में छूट दी जाकर काउंसिलिंग में शामिल करें। पूर्व बीएसी की प्रतिनियुक्ति निरस्त हों। काउंसिलिंग में अनुपस्थित बीएसी की पद पर नियुक्ति निरस्त की जाए। सहायक अध्यापक सीएसी को हटाया जाए।
57 आवेदन आए
जिले में बीएसी के 15 पद रिक्त थे। सीएसी के 88 पद रिक्त थे। काउंसिलिंग में 57 आवेदन आए। इसमें 17 आवेदकों को मनचाही जगह नहीं मिलने पर असहमति दे दी, बीएसी के 20 और सीएसी के 30 आवेदकों ने सहमति दी है। अब कलेक्टर व सीईओ के अनुमोदन और जांच के बाद आदेश जारी होंगे।
उम्र का बंधन होने से उच्चश्रेणी शिक्षक नहीं ले पा रहे थे शामिल
जिले के 141 शिक्षकों की 27 साल बाद पदोन्नति हुई है। यह पदोन्नति 2014 में हुई। इसमें से अधिकांश शिक्षकों की नियुक्ति 1986-88 में हुई है। इस लिहाज से रिक्त पदों की नियुक्ति में उम्र का बंधन होने से उच्चश्रेणी शिक्षक काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
जिले में पद
10 बीआरसी
50बीएसी
158सीएसी
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शिक्षकों का कहना था उनकी पदोन्नति देरी से हुई है। इसके लिए वे नहीं शासन-प्रशासन दोषी है। उम्र में छूट देकर उन्हें काउंसिलिंग में शामिल किया जाना चाहिए। इस मुद्दे को लेकर काफी बहस चली। शिक्षकों ने काउंसिलिंग नहीं करने दिए जाने की बात रखी दी। डीपीसी काउंसिलिंग हो जाने का आग्रह करते रहे। डीपीसी के वेटिंग लिस्ट बनाने और कम उम्र के शिक्षकों के नहीं आने उन पर विचार करने पर सहमति दी। इसके बाद शिक्षकों ने फार्म भरे और काउंसिलिंग शुरू हो सकी।
नियमानुसार काउंसिलिंग
बीएसी, सीएसी के पदों पर नियमानुसार काउंसिलिंग की है। आवेदनों को कलेक्टर, सीईओ के समक्ष रखा जाएगा। प्रतिनियुक्ति के आदेश जारी किए जाएंगे। अशोक पराड़कर, जिला शिक्षा केंद्र समन्वयक
कर्मचारी संघ ने सौंपा ज्ञापन
राज्य कर्मचारी संघ ने डीपीसी से तीखी नोकझोंक के बाद कलेक्टर के नाम डीपीसी को ज्ञापन सौंपा। इसमें उन्होंने बीएसी, सीएसी की नियुक्ति के पूर्व त्रुटिपूर्ण विसंगतियों को दूर करने की मांग रखी। उन्होंने कहा यूडीटी को 49 की आयु सीमा में छूट दी जाकर काउंसिलिंग में शामिल करें। पूर्व बीएसी की प्रतिनियुक्ति निरस्त हों। काउंसिलिंग में अनुपस्थित बीएसी की पद पर नियुक्ति निरस्त की जाए। सहायक अध्यापक सीएसी को हटाया जाए।
57 आवेदन आए
जिले में बीएसी के 15 पद रिक्त थे। सीएसी के 88 पद रिक्त थे। काउंसिलिंग में 57 आवेदन आए। इसमें 17 आवेदकों को मनचाही जगह नहीं मिलने पर असहमति दे दी, बीएसी के 20 और सीएसी के 30 आवेदकों ने सहमति दी है। अब कलेक्टर व सीईओ के अनुमोदन और जांच के बाद आदेश जारी होंगे।
उम्र का बंधन होने से उच्चश्रेणी शिक्षक नहीं ले पा रहे थे शामिल
जिले के 141 शिक्षकों की 27 साल बाद पदोन्नति हुई है। यह पदोन्नति 2014 में हुई। इसमें से अधिकांश शिक्षकों की नियुक्ति 1986-88 में हुई है। इस लिहाज से रिक्त पदों की नियुक्ति में उम्र का बंधन होने से उच्चश्रेणी शिक्षक काउंसिलिंग में शामिल नहीं हो पा रहे हैं।
जिले में पद
10 बीआरसी
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