जवाहर नवोदय विद्यालय हटा में पिछले 12वर्षों से पदस्थ खेल शिक्षक की
जमानत याचिका विशेष न्यायधीश डीडी द्विवेदी ने शुक्रवार को खारिज कर दी।
खेल शिक्षक पारस नाथ सिंह पिता रंगीला सिंह के खिलाफ छात्राओं की शिकायत पर
पास्को एक्ट का मामला पुलिस ने दर्ज किया था।
5 सितंबर को प्रकरण दर्ज होने के बाद से पीएन सिंह फरार हो गया था। एसपी ने उसकी गिरफ्तारी पर दो हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। सीआरपीसी की धारा 82 के अंतर्गत हटा के व्यवहार न्यायालय ने पीएन सिंह को पेश होने के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया था। इसके पूर्व ही 25 अप्रैल को उसने प्रथम श्रेणी व्यवहार न्यायाधीश संजय वर्मा की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। शनिवार को पीएन सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक ने जमानत के आवेदन का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि खेल शिक्षक के विरूद्घ पूर्व में भी एक छात्रा द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत पर हटा थाना में मामला दर्ज किया गया था। वर्तमान में अनेक छात्राओं ने इसी प्रकार की शिकायत की है व पुलिस के समक्ष कलमबंद बयान दर्ज कराए हैं। आपत्ति पर जमानत याचिका खारिज हो गई। आवेदक द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर का दरवाजा खटखटाया है। फरियादियों द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।
निलंबन या बर्खास्तगी तय
पारसनाथ सिंह की नवोदय विद्यालय समिति से बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। 5 सितंबर 2015 से लगातार अनुपस्थित रहे पीएन सिंह को नवोदय विद्यालय समिति ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बालाघाट अटैच कर निलंबित कर दिया था। बाद में निलंबन रद कर उसे लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय में नवंबर 2015 में स्थानांतरण कर दिया गया था। इसी बीच जांच समिति ने पीएन सिंह को उपस्थित होने के लिए 4 बार अवसर दिए, लेकिन वह जांच समिति के सामने हाजिर नहीं हुआ। बल्कि झांसी के मेडीकल बोर्ड से बीमार होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते रहे। चूंकि हटा जेल में बंद एक सप्ताह पूरा हो चुका है। ऐसी स्थिति में नवोदय विद्यालय समिति के नियमानुसार उनकी बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। पारसनाथ सिंह के जेल जाने, जमानत याचिका खारिज होने संबंधी दस्तावेज नवोदय विद्यालय समिति द्वारा तलब किए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में उसे आगे समिति में ज्यादा दिनों तक सेवाएं देना अब मुश्किल लग रहा है।
सरकारी नौकरी - Army /Bank /CPSU /Defence /Faculty /Non-teaching /Police /PSC /Special recruitment drive /SSC /Stenographer /Teaching Jobs /Trainee / UPSC
5 सितंबर को प्रकरण दर्ज होने के बाद से पीएन सिंह फरार हो गया था। एसपी ने उसकी गिरफ्तारी पर दो हजार रुपए का इनाम घोषित किया गया था। सीआरपीसी की धारा 82 के अंतर्गत हटा के व्यवहार न्यायालय ने पीएन सिंह को पेश होने के लिए 29 अप्रैल तक का समय दिया था। इसके पूर्व ही 25 अप्रैल को उसने प्रथम श्रेणी व्यवहार न्यायाधीश संजय वर्मा की कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। इसके बाद उसे जेल भेज दिया गया था। शनिवार को पीएन सिंह की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक ने जमानत के आवेदन का विरोध करते हुए न्यायालय को बताया कि खेल शिक्षक के विरूद्घ पूर्व में भी एक छात्रा द्वारा छेड़छाड़ की शिकायत पर हटा थाना में मामला दर्ज किया गया था। वर्तमान में अनेक छात्राओं ने इसी प्रकार की शिकायत की है व पुलिस के समक्ष कलमबंद बयान दर्ज कराए हैं। आपत्ति पर जमानत याचिका खारिज हो गई। आवेदक द्वारा हाईकोर्ट जबलपुर का दरवाजा खटखटाया है। फरियादियों द्वारा हाईकोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज कराने की तैयारी की जा रही है।
निलंबन या बर्खास्तगी तय
पारसनाथ सिंह की नवोदय विद्यालय समिति से बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। 5 सितंबर 2015 से लगातार अनुपस्थित रहे पीएन सिंह को नवोदय विद्यालय समिति ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद बालाघाट अटैच कर निलंबित कर दिया था। बाद में निलंबन रद कर उसे लखनऊ क्षेत्रीय कार्यालय में नवंबर 2015 में स्थानांतरण कर दिया गया था। इसी बीच जांच समिति ने पीएन सिंह को उपस्थित होने के लिए 4 बार अवसर दिए, लेकिन वह जांच समिति के सामने हाजिर नहीं हुआ। बल्कि झांसी के मेडीकल बोर्ड से बीमार होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करते रहे। चूंकि हटा जेल में बंद एक सप्ताह पूरा हो चुका है। ऐसी स्थिति में नवोदय विद्यालय समिति के नियमानुसार उनकी बर्खास्तगी तय मानी जा रही है। पारसनाथ सिंह के जेल जाने, जमानत याचिका खारिज होने संबंधी दस्तावेज नवोदय विद्यालय समिति द्वारा तलब किए जा चुके हैं। ऐसी स्थिति में उसे आगे समिति में ज्यादा दिनों तक सेवाएं देना अब मुश्किल लग रहा है।
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