जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने प्रमुख सचिव आदिम जाति कल्याण विभाग को सख्त निर्देश दिया है कि वे 14 जनवरी 2016 तक पांचवें वेतनमान का लाभ प्रदान करें अन्यथा उन्हें खुद हाजिर होकर जवाब देना होगा।
न्यायमूर्ति एसके सेठ की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान अवमानना याचिकाकर्ता शासकीय अनुदान प्राप्त आदिम जाति, अनुसूचित जाति शिक्षक एवं कर्मचारी संघ की ओर से पक्ष रखा गया।
संघ के वकील ने दलील दी कि राज्य के आदिम जाति कल्याण विभाग ने मनमानी करते हुए 1700 कर्मियों का हक मारा है। हाईकोर्ट द्वारा पूर्व में स्पष्ट आदेश के बावजूद अब तक पांचवें वेतनमान का भुगतान सुनिश्चित नहीं किया गया। इस वजह से अवमानना याचिका के जरिए दोबारा हाईकोर्ट की शरण लेनी पड़ी।