जबलपुर २४ नवम्बर :अभी तक: अतिथि शिक्षकों को गुरू की भांति सामान्य वेतन व अन्य लाभ दिये जाने के मांग को लेकर हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि सामान्य भर्ती प्रक्रिया व सामान्य कार्य होने के बावजूद भी वेतन में विसंगतियां है, जो संविधान की 14 व 16 में दिये गये सामान्यता के अधिकारों का हनन है।
याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट जस्टिस शील नागू ने अनावेदकों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
मण्डला जिला अतिथि शिक्षक के रूप में पदस्थ दीपचंद्र साहू, मंगल सिंह व अन्य की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्हें गुरू जी के भांति वेतन व अन्य लाभ नहीं दिये जा रहे है।
मण्डला जिला अतिथि शिक्षक के रूप में पदस्थ दीपचंद्र साहू, मंगल सिंह व अन्य की तरफ से दायर की गयी याचिका में कहा गया था कि प्रदेश सरकार द्वारा उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है। उन्हें गुरू जी के भांति वेतन व अन्य लाभ नहीं दिये जा रहे है।
याचिका में कहा गया कि अतिथि शिक्षक व गुरूजी की भर्ती प्रक्रिया लगभग सामान्य है,इसके अलावा दोनों के कार्य भी सामान्य है। वेतन व कार्य सामान्य होने के बावजूद भी उन्हें गुरूजी की अपेक्षा कम वेतन दिया जाता है। इतना ही नहीं गुरूजी को सीधे वर्ग 2-3 में भर्ती किया जा रहा है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संजीव चंसौरिया ने एकलपीठ को बताया कि संविधान की धारा 14 व 16 में सामान्यता का देश के सभी नागरिकों को प्राप्त है। सामान्य कार्य के बावजूद भी कम वेतन दिया जाना,प्रावधान में दिये गये प्रावधानों का उल्लधन है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से पैरवी करते हुए अधिवक्ता संजीव चंसौरिया ने एकलपीठ को बताया कि संविधान की धारा 14 व 16 में सामान्यता का देश के सभी नागरिकों को प्राप्त है। सामान्य कार्य के बावजूद भी कम वेतन दिया जाना,प्रावधान में दिये गये प्रावधानों का उल्लधन है।
याचिका की सुनवाई के बाद एकलपीठ ने प्रमुख सचिव व आयुक्त स्कूल शिक्षा विभाग,सचिस व्यावसायिक परीक्षा बोर्ड तथा जिला शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है।
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