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बीएड नहीं, तो कैसे मिला प्रमोशन

दमोह। फर्जी बीएड की अंकसूची पर नौकरी करने व प्रमोशन पाने वाले आरोपी शिक्षक के मामले में एक नया मामला सामने आया है। शिक्षक पहले से ही कह रहा है कि उसने बीएड नहीं की है। उसकी हस्तलिखित सेवा पुस्तिका में भी बीएड की जानकारी व अंकूसची नहीं है, लेकिन यदि उसने बीएड नहीं किया है तो उसे प्रमोशन कैसे मिल गया और वह शिक्षाकर्मी से सहायक अध्यापक कैसे बन गया। जबकि उसी शिक्षक प्रदीप जैन की ई सेवा पुस्तिका में बीएड की जानकारी दर्ज है और अंकूसची भी है। उसी आधार पर उसे प्रमोशन मिला है। अब मामला उजागर होने के बाद हडकंप मचा हुआ है। कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा ने भी इस मामले को गंभीरता से लिया है।

जबेरा ब्लॉक अंतर्गत आने वाले नोहटा संकुल के हिनौती खेतसिंह गांव में पदस्थ अध्यापक वर्ग तीन प्रदीप जैन के मामले में तेजगढ़ के हर्रई निवासी जितेंद्र भट्ट ने शिकायत की थी कि उनके द्वारा फर्जी बीएड की अंकसूची लगाकर नौकरी में प्रमोशन पाया गया है। मामले की जांच संकुल केंद्र नोहटा के प्राचार्य ब्रजेश शर्मा को दी गई थी जिसमें उन्होंने उसे निर्दोष बताते हुए उच्चाधिकारियों से जांच के लिए लिखा था। इसके बाद इसी संकुल के डीडीओ प्राचार्य बीएस कुर्मी ने जांच की जिन्होंने उसे दोषी मानते हुए जांच बीआरसी को सौंपी, जो पिछले दो माह से उनके ही पास रखी है।
दस्तावेज के आधार पर ही किया जाता है फिक्शेसन
तत्कालीन जबेरा बीआरसी एमपी त्रिपाठी जो वर्तमान में सतना के सितहा हाई स्कूल में पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि उसके कार्यकाल में जो भी फिक्शेसन शिक्षकों के किए गए थे वे सभी दस्तावेजों के आधार पर किए गए थे। यदि ई सेवा पुस्तिका में शिक्षक प्रदीप जैन की बीएड की जानकारी दर्ज है तो निश्चित है कि उसने दस् तावेज प्रस्तुत किए होंगे। उसके बाद उसकी हस्त लिखित सेवा पुस्तिकाओं में वह जानकारी दर्ज नहीं है, ये जांच का विषय है और यदि जरूरत पड़ी तो वह जांच में सहयोग करने के लिए दमोह आ सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आरोपी शिक्षक पहले से ही विवादित है और कई बार विभागीय कार्रवाई उस पर हो चुकीं हैं।
कलेक्टर करा सकते हैं सभी सेवा पुस्तिकाओं की जांच
कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा को नईदुनिया ने इस पूरे मामले से अवगत कराया और उन्हें यह भी बताया कि जिले में ऐसे अनेक मामले उजागर हो सकते हैं, उनसे जिले के प्रत्येक शिक्षक की हस्त लिखित सेवा पुस्तिका व ई-सेवा पुस्तिका की जांच व मिलान करने के लिए बात की गई है। कलेक्टर श्री शर्मा ने पूछा कि ये कैसे किया जा सकता है। उन्हें बताया कि डीपीसी बीआरसी को और बीआरसी संकुल प्राचार्य को निर्देश कर संकुलवार इस कार्य को आसानी से करा सकते हैं। इस पर कलेक्टर ने पूरी गंभीरता के साथ जानकारी नोट की है और उन्होंने कहा है कि वे शीघ्र ही इस ओर उचित कदम उठाएंगे। यदि ऐसा होता है तो हो सकता है कि ऐसे कई मामले उजागर हों जिनमें कई लोगों ने गलत जानकारी देकर नौकरी प्राप्त की और बाद में इसी तरह कूट रचना कर दस्तावेजों में हेरफेर की हो। नईदुनिया को ऐसे और भी नामों की जानकारी मिली है, जिनके द्वारा इस तरह का कृत्य किया गया है। उनके संपूर्ण साक्ष्य मिलते ही उनका भी खुलासा किया जाएगा।
डीपीसी राजेंद्र पटेल का कहना है कि उन्होंने संकुल केंद्र से आरोपी शिक्षक की सेवा पुस्तिका मंगाई है। उसमें बीएड की जानकारी दर्ज नहीं है, लेकिन सवाल ये उठता है कि यदि शिक्षक जैन ने बीएड नहीं किया है तो उसे किस आधार पर प्रमोशन दे दिया गया और साथ ही एक बात और कि ई सेवा पुस्तिका में उसकी जानकारी कहां से दर्ज हो गई।
खास बात ये है कि सहायक अध्यापक प्रदीप जैन की हस्तलिखित सेवा पुस्ि तकाओं में भी जनपद सीईओ के हस्ताक्षर हैं, लेकिन उनमें बीएड की जानकारी दर्ज नहीं है और न ही बीएड की अंकूसची लगी है, लेकिन ई सेवा पुस्तिका में बीएड की जानकारी व अंकसूची मौजूद है और उसमें भी जनपद सीईओ के सील व हस्ताक्षर हैं। निश्चित है कि इन दोनों सेवा पुस्तिकाओं में से कोई एक ही सही है।



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